सोमवार, 4 नवंबर 2024

आंदोलन की जिंदगी

#जिन्दगी_के_झरोखे_से--

हमेशा हर महीने और हर रोज #जनता #के हर #मुद्दे पर खुद भी #सड़क_पर_उतर_जाना और संगठन को भी उतरने को मजबूर कर देना मेरा आदत रही है ,चाहे शासन प्रशासन कितना भी ताकत लगाये विरोध मे ।
वैसा ही ये अनशन भी था जिसमे पहले धमकाया गया, फिर छोटे अधिकारी मिलने आये और अन्त मे आगरा के कमिश्नर जो बहुत ही वरिष्ठ आई ए एस थे उन्होने सम्मान से कार्यालय मे बुलाकर बात किया और सम्बंधित विभाग को निदान करने का निर्देश दिया 
और 
एक शिकायत भी की राय साहब इतने दिन से मैं यहा हूँ आप कभी मिले ही नही ? कभी घर चाय पीने आइये ।
बस आप इमानदार हो और आप का मुद्दा जायज हो तो भगवान से भी टकरा जाना चाहिये ।
फ़ोटो में मौजूद राम शकल गूजर ज़िलाध्यक्ष थे , एम एल सी और मंत्री बने , बहुत सम्पन्न हुए और सरकार जाने पर अब भाजपा में है । एक समय इनके सामने यहाँ के तीनो सांसदो सहित किसी की भी कोई हैसियत नहीं थी ।
इनको वहाँ भी वैसी ही तरक़्क़ी के लिए शुभकामनाएँ ।

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