मंगलवार, 5 नवंबर 2024

मेरा ग्रेटर आगरा का प्लान

#जिंदगी_के_झरोखे_से
और 
कुछ आज की चर्चा भी ---
आज अखबार मे ग्रेटर आगरा के संदर्भ मे समाचार पढा और ये कवायद आगरा विकास प्राधिकरण ने शुरू किया है ।
दर असल इस पर मैने काफी काम किया था और तत्कालीन कमिश्नर आगरा प्रदीप भटनागर जी के साथ सभी विभागो के प्रमुखो की ये बैठक कर विस्तार से चर्चा किया था ,शंकावो का समाधान किया था और फिर बैठक से प्रस्ताव पास करवा कर शासन को भेजा था । इससे पहले अपने प्रस्ताव पर डा पारीख सहित आगरा के कई प्रबुद्ध जनो से भी चर्चा कर लिया था ।
उस वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मेरे बहुत अच्छे मित्र और आगरा के पूर्व जिलाधिकारी अलोक रंजन जी थे ।प्रस्ताव उनके पास पहुचने पर मैने उनको भी इसके बारे मे विस्तार से बताया था तथा इसके प्रभाव और परिणाम के बारे मे अपनी सोच से अवगत करवा दिया था ।आलोक रंजन जी मेरे प्रस्ताव से पूर्ण सहमत थे और तय हुआ कि जल्दी ही मुख्यमंत्री से समय तय कर मीटिंग रख लिया जाये जिसमे संबंधित विभागो के अधिकारी , आगरा के अधिकारी तथा   कुछ प्रमुख लोगो को बुला लिया जाये और उसमे मैं वही प्रसेन्टेशन दूँगा और मुख्यमंत्री की सहमती के बाद ये काम रफ्तार पकड लगा ।
इस पूरी योजना से एक नये नॉएडा का निर्माण होता ,आगरा के साथ साथ आसपास के जिले प्रभावित होते ,बड़े पैमाने पर कई सालो के लिये रोजगार पैदा होता और आगरा तथा पास के जिलो की अर्थव्यवस्था पर भी असर पडता ।
पर इतने लम्बे समय मे मुख्यमंत्री समय नही दे पाये और एक ऐतिहासिक फैसला जिससे आगरा के साथ पहली बार न्याय होता होने से रह गया ।
इसी बैठक मे मैने आगरा एयर फोर्स मे मौजूद सिविल एयरपोर्ट को खुले रूप से सचमुच एयरपोर्ट मे तब्दील करने और तरीके का भी सुझाव दिया था ।
आगरा की यमुना नदी के साथ प्रदेश और देश की सभी नदियो की कम से जहा तक वो शहरो को छूती है डीसिल्टींग के कारण,परिणाम सहित रचनात्मक सुझाव दिया था जिससे नदी का स्वरूप वापस आता , पानी की कमी दूर होती , पानी की गुणवत्ता अच्छी होती और शहरो वाटर लेबल बढता ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें