शनिवार, 26 अक्तूबर 2013

कल घोषणा नाथ सिंह ने बताया की यदि हिटलर आएगा तो चीन और पाकिस्तान मंगल गृह पर भाग जायेंगे वैसे उनकी मानसिक स्थिति तो उनके उद्बोधन से ही स्पष्ट हो गयी | क्या जब बीजेपी के ६ साल सरकार थी ,अटल और अडवाणी सहित घोषणा नाथ भी मंत्री या मुख्यमंत्री थे और दुश्मन घर के भीतर घुस आया और ये सोते रहे ,दुश्मन संसद में घुस आया और ये सोते रहे ,देश के जगह धमाके करता रहा और ये सोते रहे ,,,उस वक्त बीजेपी देशद्रोही थी ???? अयोग्य थी शासन के लिए ??? अटल इत्यादि अयोग्य थे ??? या उस वक्त हिटलर मंगल गृह पर की साधना कर रहा था ??? ये भी पता लगाना जरूरी है की जब ये सरे हमले हुए थे और शहीदों के ताबूत तक में दलाली ली गयी थी .... जब देश के बड़े आतंकवादी को सैकड़ो करोड़ रूपये के साथ कंधार में देश के मंत्री बीजेपी के ही पहुंचा कर आये थे तो उस वक्त हिटलर ने किस किस का कुरता फाड़ा था ??? या कोई वक्तव्य भी दिया था क्या ???
जब बंगला देश ने हमारे ११ सैनिको को मार कर और जला कर हमें सौंपा था तो हिटलर और उसकी जमात ने क्या किया था ???\
जब नवरत्न कम्पनियाँ घूस लेकर औने पौने में बेचीं गयी तो हिटलर और उसके लोगो की क्या भूमिका थी ??
जब चीनी मिले घूसखोरी के साथ बेचीं गयी तो हिटलर और उसकी जमात के लोगो की क्या भूमिका थी ???
जब इनका अध्यक्ष रँगे हाथ पकड़ा गया था तो हिटलर को गुसा आया था क्या और गुस्से में क्या किया था ??
जब जोशी जी कश्मीर विजय करने निकले थे और फिर डर के मारे कह दिया था की सड़क टूट गयी और और नरसिम्हा राव से गिदगिड़ा कर कहा था की एक बार इज्जत बचा लो फिर कभी कश्मीर का नाम भी नहीं लूँगा [ जो आज तक सही साबित हुआ है ] और सेना के जहाज से जाकर जल्दी से झंडा फहरा कर भागे थे तथा पत्रकार ने पूछा की झंडा तो फहराने के बजाय अपने डर के मारे गिरा दिया इस पर क्या कहना है तो भागते हुए कहा था की भारत जाकर बताऊंगा ,,, उस पर हिटलर और और उसकी जमात का आज क्या रुख है ???
भगवान् राम को बेघर कर दिया और दुनिया में बहुत से मन्दिर गिरवा दिए ,भगवान् इन्तजार कर रहे है ,हिटलर उनसे कब मिलेंगे और अपना वादा कब पूरा करेंगे ??
३७० .. सामान कानून ,कश्मीर इत्यादि के बारे में क्या राय है आज ???
देश में शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ बन कर बहुत अच्छा योगदान देने वाले ईसाई समाज के बारे में क्या राय है ???
क्या हिटलर पाकिस्तान पर हमला कर इंदिरा गाँधी जैसा इतिहास रचेंगे ?? जिनकी शहादत को भी हल्का और राजनीती का विषय मानते है इस जमात के लोग ???
कम्पूटर का विरोध करने वाले और आधुनिक क्रांति जिसके कारन आज भारत दुनिया में एक ताकत है उसके जनक की शहादत पर राजनीती करने वाले हिटलर क्या अपनी जमात के पुराने वक्तव्यों पर आत्मग्लानी अनुभव करेंगे ???
आजादी की लड़ाई में हिस्सेदारी तो दूर बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों की मुखबिरी करने का गुनाह करने वाले इस जमात के लोगो को क्या आज शर्मिंदगी महसूस होती है ???
दुनिया को रोशनी देने वाले महामानव महत्मा गाँधी की हत्या करने वाले और लगातार उनकी हत्या को उचित ठहराने वाले इस जमात के लोग क्या उस हत्या पर शर्मिंदा है ?? क्या उन्होंने बापू की हत्या को जायज ठहराने वाली किताबे बेचना बंद कर दिया है ??
सरदार पटेल ने इन पर प्रतिबन्ध भी लगया था और इन्हें जेल भी भेजा था और इन लोगो ने उन्हें बहुत गलिय दिया था ?? आखिर आज किस साजिश के तहत उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे है ???
सावरकर की दो रास्त्र वाली नीति पर इनका अब क्या विचार है ??
हेगडेवार की किताब जिसमे उन्होंने हिटलर को महान बताया है और उसकी विचारधारा को भारत के लिए आदर्श बतया था और उसी को आदर्श मान कर संघ की नीव राखी थी ,, उस पर आब क्या विचार है ???
देश की नयी विदेश नीति क्या होगी ??
देश की नयी रक्षा नीति क्या होगी ??
क्या सेना का राजनीतिककरण करने और तमाशाही लादने का इरादा है ????
देश के किसानो के प्रति नीति क्या होगी ??
दश के मजदूरों के प्रति नीति क्या होगी ??
देश की नयी शिक्षा नीति क्या होगी ??
देश की स्वस्थ्य नीति क्या होगी ?
देश की रोजगार नीति क्या होगी ??
देश का संविधान यही रहेगा या बदल दिया जायेगा ??
देश की न्याय प्रणाली स्वतंत्र रहेगी या सत्ता की कठपुतली बन जाएगी ??
देश की प्रेस मीडिया स्वतंत्र रहेगी या संघ के द्वारा सम्पादित होगी हिटलर की तरह ??
बुद्धिजीवियों ,लेखको ,कवियों ,को इनका चरण और भाट बा जाना होगा या स्वतंत्रता होगी या मार दिया जायेंगे ??
देश की शिक्षा का पाठ्यक्रम क्या होगा सरस्वती शिशु मंदिर वाला ?? ?????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????/
बहुत से सवाल है जिनका देश जवाब चाहता है पर ये जवाब देने के बजाय केवल सवाल उछालते है ||
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जिस उत्तर प्रदेश और बिहार ने आजादी की लड़ाई का भी नेतृत्व किया और बाद में भी उसका मजाख उड़ने ,उसे कमजोर दिखने और उसके बच्चो को मजदूर बताने ,उसकी माताओं को बुजदिल बता कर क्या सिद्ध करना चाहते है ???
क्रांति उत्तर प्रदेश और बिहार करता है ,, परिवर्तन उत्तर प्रदेश और बिहार करता है और सरे घोटाले ,,, साडी काले कारनामे ,, सारा अपवित्र व्यापार गुजरात करता है -----
सीमा पर जान उत्तर प्रदेश का जवान देता है और कफ़न चोरी गुजरती करता है  ----
साहित्य उत्तर प्रदेश और बिहार रचता है और अपराध साहित्य ,घोटाला साहत्य गुजरात रचता है ---
-----------उत्तर प्रदेश बाँझ नहीं हुआ है --- देश की और उत्तर प्रदेश की बीजेपी बाँझ और दिवालिया हुयी है ------
अपने दिवालियेपन को देश पर और खासकर उत्तर प्रदेश पर लादने की साजिश न करे _____
उत्तर प्रदेश महान है और देश को यही रास्ता भी दिखायेगा और नेतृत्व भी करेगा -------
देश चलाना मिलावट ,कालाबाजारी ,मुनाफाखोरी नहीं है बल्कि संकल्पशक्ति का काम है और गुजरती ---
---------और हिटलर जी अगर देश में ६६ साल में कुछ नहीं हुआ --- तो खुद तुम्हारे अनुसार एक चाय बेचने वाला इतना बड़ा पद कैसे पा गया ---- ये जो करोड़ो रुपये तुम खर्च कर रहे हो अपने प्रचार पर ये तुम्हे तुम्हारे घर की खुदाई में मिला है क्या ??? जिस जहाज और हेलिकोप्टर का इस्तेमाल कर रहे हो ये संघ को अंग्रेज दान दे गए थे क्या ?? आज दुनिया प्रमुख ७ देशो में हमें गिनती है ,,क्या वे शाखाये जो ख़त्म हो चुकी है वहा के बड़े नेकर वाले कारनामे देख कर कर रही है क्या ??
हिटलर इतने सवाल और आरोप है की ------- बस अब अगली किश्त में ---
तुम उत्तर प्रदेश को गली देने की हिम्मत करो और फिर मजा देखते जाओ |
तुम जैसे लोगो के कर्मो से महत्मा गाँधी और सरदार पटेल की धरती अपवित्र हो गयी है ???
तुम्हारी जमात ने पहले बापू के शरीर की हत्या किया और फिर तुमने उनकी आत्मा को मारा |||
महान उत्तर प्रदेश तुम्हे बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है ;;; दुबारा आओ तो उत्तर प्रदेश को गाली मत देना -------------
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शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2013

क्या कुछ बददिमाग या दिमाग का इस्तेमाल ही नहीं करने वाले या दिमाग केवल विध्वंस के बारे में इस्तेमाल करने वाले या भावहीन चीख चिल्लाहट करने वाले इस महान लोकतंत्र के नेता हो जायेंगे ? कुछ चेहरे तो टी वी पर आते ही मन गिजगिजा जाता है | देश इन्हें कैसे झेलेगा और ये देश का क्या करेंगे ?? क्या भारत की वर्तमान लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर पुनर्विचार करने की जरूरत है ??
संघ के लोग अगर चाहे तो किसान का शोषण न हो और उसे वाजिब दाम मिले | संघ के लोग अपना मूल कार्य मुनाफाखोरी , मिलावटखोरी और जमाखोरी बंद कर दें तो देश में मंहगाई बहुत कम हो जाये | पता नहीं सरकारें इन्हें बेनकाब क्यों नहीं कर रही है और इन पर सख्त कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है ??? सारा बिचौलिया कारोबार और ये सब काम करने वालो को हर शहर के लोग पहचानते है ,सुबह किसी मैदान में आदर्श की बात करते और लाठी भाला चलाते देख सकते है और दिन में दुकानों पर ये सब करते हुए इन्हें पहचाना जा सकता है |

गुरुवार, 24 अक्तूबर 2013

अब तो किसी के टूट जाने की स्थिति हो गयी है | पता नहीं मन को तकलीफ है या तन को तकलीफ है ? आज के दौर में इन्सान को पत्थर दिल [ भावनाशून्य ] और कपटी होना चाहिए | मुह में राम बगल में छुरी बहुत पुरानी कहावत है | वरना आप के लिए यही नरक मौजूद है |
मैं देख रहा हूँ की इस बार एक सरकार में ऐसे लोगो की संख्या काफी बढ़ गयी है जो अगर आप से पैसा न मिले तो आप की नमस्ते भी नहीं लेंगे | ऐसे मंत्रियो की फ़ौज से चुनाव कैसे जीता जाये | और अधिकारी तो भ्रस्ताचार के कीचड में अन्दर तक धंसे हुए भैंसे हैं जिनकी सफाई का इन्त्जाम किसी के पास नहीं है | कुछ मंत्री तो चुनाव भी जीतना चाहते है पर अपनों के रिश्तेदारों से भी पैसे वसूल कर |वक्त आने पर हिसाब तो होगा |बहुत से है जो दिन रात केवल अपने जमीर और नेता को बेच रहे है | जहा कमाने वाला केवल एक और बाकि सब केवल बर्बाद करने वाले हो वहा का परिणाम तो आसानी से समझा जा सकता है |
ये एक प्रदेश का किस्सा है जो बार बार दुहराया जाता है | साल पूरा होते होते जनता भगाने की बात करने लगती है | कोई बात नहीं लगे रहो लुटेरो |
क्या इस लोकतान्त्रिक देश में किसी का अपने नाम के आगे राजा लिखना लोकतंत्र का मजाख नहीं है | इस पर शीघ्र पी आई एल होनी चाहिए | ९९ % राजाओ ने देश से गद्दारी किया था आजादी की लड़ाई में | उनका वही चरित्र आज भी है |

रविवार, 20 अक्तूबर 2013

सोना तो फिलहाल मिला नहीं . आर्कियोलागिकल सर्वे ऑफ़ इण्डिया ने कल ही कह दिया था कि सोना भूल जाओ . एक स्वप्न के आधार पर खुदाई का आधार अंधविश्वास हो या आस्था ,आज इक्कसवी सदी में जनता को जरूरत है अपने दिमाग की खुदाई करने की . स्वपन से १००० टन सोने की बात कहने वाले संत श्री के शिष्य स्वामी ओमजी ने मोदी समेत प्रदेश व केंद्र सरकार को चिट्ठी भेजी. गौर फरमाए .

आदरणीय नरेन्द्र भाई,

कानपुर की धरती पर आपका स्वागत करते हुए विनम्रता पूर्वक कहना चाहता हूं कि केंद्र सरकार तथा श्रीमती सोनियां गांधी पर हमला करने की हड़बड़ी में आपने संत की मर्यादा का भी उल्लंघन कर दिया है। सत्य संकल्प संत श्री स्वामी शोभन सरकार जी ने जो सपना देखा, वह इस राष्ट्र को विश्व की सबसे शक्तिशाली आर्थिक शक्ति बनाने का है। उसी सपने की तामीर के लिए स्वामी जी ने भारत सरकार को अमेरिका तथा ब्रिटेन दोनों देशों के पुर संयुक्त स्वर्ण भंडार से अधिक स्वर्ण उपलब्ध कराने का संकल्प लिया था। जिसके तहत उन्होंने केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन को पत्र भेजकर अनुरोध किया कि डौंड़ियाखेड़ा में एक स्थान की जीएसआई से करा ली जाए तथा यदि जीएसआई जांच में तथ्य प्रमाणित हों तो खनन कार्य करा लिए जाएं। स्वर्ण संपदा भारत सरकार के मुद्रा कोष को सौंप दी जाए। यहां तो केवल 1000 टन की बात है, शोभन सरकार ने तो राष्ट्र को 21000 टन स्वर्ण कोष उपलब्ध कराने का संकल्प अभिव्यक्त किया है। आप जैसे प्रभावशाली राजनेता से गुजारिश है कि अनर्गल प्रलाप करके समय न व्यर्थ करें। देश के सरकारी अमले सहित संसद में सभी दलों के प्रतिनिधियों तथा मीडिया भी आइए। श्री स्वामी शोभन सरकार से एक बार याचना करके तो देखिए, तत्क्षण यदि देश की आकांक्षाएं पूरी न कर दें तो आपके मित्र पत्रकार दीपक चौरसिया के सामने अपना सर कलम कराने के लिए वहीं हाजिर रहूंगा। चौरसिया जी ने पूछा है कि यदि सोना न मिला तो क्या ओम बाबा सर कलम करवाएंगे? मेरा जवाब है हां। हम रघुवंशी हैं, शोभन सरकार रघुवंश शिरोमणि। प्राण जाएं पर वचन न जाई। हम कहते नहीं जीते हैं। श्री शोभन सरकार जी के सपने पर आपकी प्रतिक्रिया तो आ गई। श्री महंत नृत्य गोपालदास जी, श्री लक्ष्मीकांत वाजपेई तथा कानपुर के भाजपाई एवं विश्व हिंदू परिषद के अगुवाकारों की प्रतिक्रिया भी अगर तीन बजे पूर्व कानपुर की जनता को सुनवा सकें तो सुनवा दीजिए। आपकी सरकार अटल जी के नेतृत्व में अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी है। तब आपकी सरकार काला धन स्विस बैंक से क्यों नहीं ला पाई। राम सेतु आपकी पार्टी की आस्था का विषय है। मेरा कहना है कि इस रामसेतु को स्वयं भगवान राम ने लंका विजय के बाद अयोध्या वापसी के समय पुष्पक विमान में बैठने के बाद विभीषण के अनुरोध पर ध्वस्त कर दिया था। इस तथ्य की पुष्टि पदम्पुराण से की जा सकती है। कृपया अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं विशेषत: सुधांशु मित्तल से कहिए कि अध्ययन कर लें, उसके बाद आस्था का विवाद खड़ा करें। आज आप सोशल मीडिया के सबसे बड़े हिमायती हैं। क्या वह दौर भी देश की जनता को याद दिलाएंगे। जब सैम पित्रोदा इस देश की कम्प्यूटीकरण की बुनियाद सी डाट परियोजना पर कार्य शुरू करके रख रहे थे। तब आपकी पार्टी श्री अटल बिहारी वाजपेई जैसे प्रभावशाली व्यक्ति के नेतृत्व में गली-गली यह दुष्प्रचार कर रहे थे कि यदि कम्प्यूटरीकरण हो गया तो देश बेरोजगारी के भंवर में फंस जाएगा। क्या आप आज स्वीकार करने का साहस करेंगे। आप लोगों का उस समय का स्टैंड गलत था। बोफोर्स में दलाली के अलावा आपने उसकी गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठाए थे, जो सोना के मनोबल पर विपरीत प्रभाव डालती थी। आपकी सरकार के कार्यकाल में बोफोर्स के दलालों का पर्दाफाश नहीं हो पाया तथा कारगिल युद्ध के दौरान यदि यह बोफोर्स न होती तो आपके देश की स्थिति क्या होती? क्या आपको देश को बताएंगे? टिहरी बांध के निर्माण के समय से ही अभी कुछ दिनों पूर्व तक आपकी पार्टी इसे देश के लिए भयंकर खतरा एवं अभिशाप बता रही थी। केदारनाथ त्रसदी के बाद यह बांध देश का रक्षक व वरदान बनकर सामने आया है। अगर यह न होता तो टिहरी के नीचे तबाही का जो आलम होता, उससे कम से कम आज आपकी जहां रैली हो रही, कानपुर बच न पाता। मोदी जी एक सवाल और भी आपकी पार्टी ब्रांडिंग करने के लिए जितना धन आज प्रतिदिन व्यय कर रही है वह काला है अथवा सफेद? क्या आप बताने की कृपा करेंगे। आप मीडिया की नजरों में देश के भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखे जा रहे हैं। आम जनता तथा देश का संत समाज कुछ बिंदुओं पर आपका नजरिया जानना चाहती है। मैं आम जनता और संतों के इन सवालों पर आपको सार्वजनिक बिंदुवार चर्चा करने के लिए सादर आमंत्रित करता हूं। एक लंगोटी, एक अंचला, एक मोबाइल मेरी कुल प्रापर्टी है। राजनीति में कोई रुचि नहीं है। लेकिन देश के आम अदने सड़कछाप नागरिक जो कुल वोटरों का लगभग पचास प्रतिशत होंगे, के सवालों के अलावा आपसे पूछना चाहता हूं खुले मंच पर समय देने की कृपा करें। एक प्रश्न और पूछना चाहता हूं, थल सेना अध्यक्ष के पद पर रहा वो व्यक्ति जो अपनी उम्र विवाद के कारण उस समय चर्चा में आया जब वो सेवानिवृत्त के करीब था, के तब के नासूम कथनों पर आपका क्या नजरिया है। आपके सबसे बड़े हिमायती बाबा रामदेव जी ने अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद पतंजलि योग पीठ की 80 एकड़ अवैध कब्जे वाली जमीन किन परिस्थितियों में कब्जा मुक्त की थी। क्या आप प्रकाश डालेंगे यदि आप प्रधानमंत्री होते और खजाने की कोई सूचना आपको मिलती तो आप क्या कार्यवाही करते क्योंकि वर्तमान कार्यवाही में आपको देश की जग हंसाई दिखाई दे रही है। अत: अनुरोध है कि कृपया समय दे दीजिए, संवाद हो जाए।

आभार, सम्मान एवं अभिवादन सहित भवदीय
ऊँ श्री शोभन आश्रम, शोभन कानपुर देहात।
गरीबी और बेरोजगारी विमर्श की कुछ लेखन धाराएँ भी जन्म लेंगी क्या ? जाति धर्म से अलग ? मानवीय असमानता भी तो एक विषय है और सबसे बड़े विषय किसान और मजदूर की तरफ लेखको और कवियों का ध्यान कभी फैशंवश ही जाता है | क्या ये भी महत्वपूर्ण विमर्श बन सकते है ? या ये सब बिकाऊ माल नहीं है और इन्हें क्रेता नहीं मिलेंगे और इनाम भी नहीं मिलेगा ??
आज ए बी पी न्यूज़ पर राजीव गाँधी का किस्सा और उस समय का घटनाक्रम दुबारा सामने से घूम गया | अज्ञानता और अनुभवहीनता और एक गलती कर उसको दूसरी गलती से बराबर करना और उचित तथा सच और समाज तथा देशहित पर फैसला करने के स्थान पर राजनीतिक तात्कालिक हितो पर फैसला कर बैठना ,गलत और अनुभवहीन सलाहकार होना ,केवल खुश करने की कोशिश करना ,बहुत छोटा सा फायदा [ व्यक्तिगत या पार्टी का देखना ] सचमुच देश और समाज हित में साबित नहीं होते और अंततः नेता के लिए भी उचित साबित नहीं होते है |
सीखने और समीक्षा करने लायक ये कार्यक्रम है | जो इतिहास से सबक नहीं लेता और उसे भूल जाता है वो फिर उसी इतिहास के सामने जा खड़ा होता है |
देश और समाज खुद से और पार्टी से बड़ा होता है | ये आज भी लोग कैसे समझेंगे ? देश को बर्बाद करने के बाद समझेंगे या उससे पहले समझने की कोशिश करेंगे ?
मैंने तो बहुत कुछ निषकर्ष निकाल लिया और बहुत कुछ जो भूला था याद कर लिया ,सुन भी लिया और गुन भी लिया | जय हिन्द |

शनिवार, 19 अक्तूबर 2013

कोई उत्तर प्रदेश में आया ,पहुंचा ,भाषण दिया ,लोगो को वहा जाने से नहीं रोका गया ,५० हजार लोग आये और गए किसी के साथ कोई घटना और दुर्घटना नहीं हुयी | वापस वो अपने घर भी चले गए तो उनकी माँ ने उनसे पूछा की तू इतना झूठ क्यों बोलता है की उत्तर प्रदेश में कोई जाकर वापस नहीं आता है और तुझे भाषण नहीं देने देंगे ? तेरी तो सारी बाते झूठ निकली | बेटा झूठ थोडा समझदारी से बोला कर वर्ना जनता में पोल खुल जाएगी और सपना सपना ही रह जायेगा |
माँ ने ये भी पूछा की सच बता क्या वहा सचमुच -१- सभी इन्टर पास बच्चो को लैपटॉप मिल रहा है ? -२ -क्या वहा बचो की शिक्षा मुफ्त है ? -३- क्या वहा किसानो के कर्जे सचमुच माफ़ हुए है ? -४ - क्या वहा सभी खेतो तक और टेल तक पानी पहुंचा है ? -५ - क्या वहा केवल एक रुपये में सारा इलाज होता है ? -६- क्या वहा सभी इन्टर पास लडकियों को तीस हजार रूपया मिलाता है ? - ७- क्या वहा गरीब के बच्चियों की शादी में सर्कार पैसा देती है ? -८- क्या वहा समाज के सभी तबको ,विकलान्गो,विधवाओ ,वृद्धो को सरकार सहायता देती है ? -९- क्या वहा व्यपर्रियो और किसानो का पांच लाख का सरकार ने बीमा किया है ? १०- क्या वहा सभी जिले चार लेन की सडको से जोड़ी जा रही है ? ११- क्या वहा नए मेडिकल कालेज ,स्कूल ,कालेज ,खोले गए है और खोले जा रहे है ? १२- क्या वहा मेडिकल के छात्रो की सीटे बढ़ गयी है ? -१३ -क्या वहा नए बिजली घर खोले जा रहे है ? -१४ - क्या वहा का मुख्यमंत्री सचमुच नौजवान है और उत्तर प्रदेश को सबसे आगे ले जाना चाहता है ? -१५ - तो बेटा तुम लोग वहा दंगे क्यों करवा रहे हो ,,अगर देश का भला करना चाहते हो तो वहा के मुख्यमंत्री को काम करने से रोकने के लिए पैसे भिजवा कर माहौल क्यों बिगड़ रहे हो ?
बेटा अगर वहा इतने ज्यादा काम सचमुच हो रहे है तो तुम वो सब काम क्यों नहीं कर रहे हो ? बस उनका नारा चुरा कर अपने प्रदेश में भी टेबलेट बांटने की बात कर दिया ?
बेटा मुझे तो तुम्हारी बहुत चिंता लग रही है | पहले ही तुमने बहुत पाप किया है | ऐसा न हो की तुम्हारे झूठ ,पाप और चालबाजियां तुम्हे ही बर्बाद कर दें ? तुमने किसी को नहीं छोड़ा कम से कम भारत को तो छोड़ दो |
पर बेटा जब तुम उत्तर प्रदेश पहुँच गए तो मुझे चैन पड़ गया की अब तुम सुरक्षित हो क्यों यहाँ तो तुमने इतने पाप किये है की हर वक्त दिल डरा रहता है की पता नहीं किसकी औलाद सामने आ जाये | तुमने लोगो को बहुत डरा दिया है पर बेटा देखो बंज्जारा ही बोल गया | रावण और कंस जैसे लोगो से भी लोग डरते थे ,कौरवो से भी डरते थे पर बेटा--- मैं बूढी मा तेरा वो हाल नहीं देखना चाहती | इसलिए बेटा सुधर जा ,,इतने झूठ ,पाप और ,अहकार ,और सभी को ख़त्म कर तनाशाह बनने की सोच भी मत | ये तेरी माँ की इच्छा है | पर तू तो अँधा हो गया है हिटलर बनने के लिए | और ये माँ अपने बच्चे को हिटलर बनाते नहीं देखना चाहती है |

रविवार, 13 अक्तूबर 2013

रावण को जलाने के स्थान पर हम अपनी बुराइयो को जला देते तो कैसा होता ? घूस लेने और देने के इरादे को जला देते तो कैसा होता ? जमाखोरी ,मुनाफाखोरी ,मिलावटखोरी के कारोबार को जला देते तो कैसा हो ? जाती और धर्म के नाम पर पनपने वाली नफरत को जला देते तो कैसा होता ? धर्म और जाति के नाम पर वोट डालना हो या चाहे कितना गलत आदमी हो पर पार्टी के नाम पर उसे वोट देने की आदत को जला देते तो कैसा होता ? सरकारी तंत्र में बैठे चोरो को मालिक समझाने की मानसिकता को जला दे तो कैसा हो ? कोख में बेटियों को मारने की इच्छा जला दे ,वातावरण को प्रदूषित करने की आदत को जला दे तो कैसा हो ?
पर हम इन सभी को नहीं जलाएंगे ;;; बस जलाएंगे हर साल पुतले और रावण को असली रावण को भूज जायेंगे एक वर्ष तक और खुद रावण से भी बड़े रावण बन जायेंगे और करते रहेंगे उससे भी बहुत ज्यादा और बहुत बुरे काम |
फिर एक दिन पुँतला जलाने के लिए जैसे सारे पाप कर हम धोने चले जाते है किसी पवित्र स्थान पर या किसी देवी या देवता के सामने और वहा से लौट कर फिर तरोताजा होकर करने लगते है सारे पाप फिर से |
मैं ऐसे नकली दशहरे की शुभकामना कैसे दूँ ?? दूंगा जिस दिन असली रावण मरेगा ,जलेगा |

शनिवार, 12 अक्तूबर 2013

                                        देश के गरीबो की आवाज थे डॉ लोहिया
                                                                                           
                                                                                                                                      इस देश के अनोखे नेता डॉ राममनोहर लोहिया को हम याद करते है || वही डॉ लोहिया जिसने उस वक्त जर्मनी से अर्थशास्त्र में पी एच डी किया जब हिटलर उभर रहा था और उनके अपने विचारो के कारन उनके प्रोफ़ेसर ने उनका पी एच डी का इन्टरवियू समय से पहले करवा दिया की हिटलर के सत्ता में आने के पहले वे जर्मनी छोड़ दे । वही डॉ लोहिया जो जर्मनी गए तो जर्मन नहीं जानते थे और जर्मन जाने बिना वहा छात्र नहीं बन सकते थे तो उन्होंने अपने प्रोफ़ेसर से केवल दो महीने का समय माँगा और जब दो माह बाद वो दुबारा अपने प्रोफ़ेसर से मिले तो जर्मन बोलते हुए मिले | वाही डॉ लोहिया जो देश के करो या मरो नारे के मुख्या चिन्तक थे और गाँधी जी को इस हद तक ले जाने के लिए उन्हें पूरे एक हफ्ते तक उनके साथ रह कर तर्क करना पड़ा था | वाही डॉ लोहिया जिन्होंने १९४२ में जब सारे नेता जेल चले गए थे तो भूमिगत रह कर देश की आजादी की लड़ाई को धार दिया | वाही डॉ लोहिया जिनको लाहौर की जेल में आजादी की लड़ाई के लिए भरी यातनाएं डी गयी थी और फिर भी नहीं झुके थे | वही डॉ लोहिया जिनको गाँधी जी ने कलकत्ता बुला लिया था जब देश आजादी का जश्न मना रहा था उस वक्त रक्तपात से डूबे कलकत्ता को शांत करने के लिए ,ये अलग बात है की उनका जिक्र नहीं होता है | वाही डॉ लोहिया जिनको गाँधी जी ने पहले देश के सरकार में मंत्री बन कर जिम्मेदारी लेने को कहा पर लोहिया जी की दृष्टि और चिंतन को सुनकर उन्हें ३० जानवरी की शाम को राजनीतिक चर्चा के लिए बुलाया था ,पर उस दिन जब लोहिया वहा पहुचने वाले थे तो कुछ दूर पहले उन्हें पता लगा की बापू की फासीवादी ताकतों ने हत्या कर दिया ,वर्ना कोई राजनीतिक तस्वीर उभर सकती थी |

देश के वणिक समाज के लोग अपने कार्यक्रम में उनकी फोटो लगाते है और उनको अपने समाज का गौरव बताते है और वे ये भूल जाते है तथा इसका जिक्र भी नहीं करना चाहते की उसी डॉ लोहिया ने इस देश में जाति तोड़ो अभियान चलाया था और तमाम लोगो ने अपने नाम से जाती का नाम हटा दिया था । ये लोग ये भी याद नहीं रखना चाहेंगे की उसी डॉ लोहिया ने कई लाखो जनेऊ तुड़वा कर जलवा दिया था । ये तो बिलकुल याद नहीं रखना चाहिए कि उसी डॉ लोहिया ने ; संसोपा ने बाँधी गांठ - पिछड़े पाए सौ में साठ : का नारा दिया था । जिसने मण्डल कमीशन की बुनियाद रखा । पर उनके नाम के साथ उनकी जाती चिपकाते हुए बताया जाता है की डॉ लोहिया भी दर असल बनिया थे और डॉ लोहिया को शायद इससे बड़ी गाली दी भी नहीं जा सकती जो उन्हें अपने कद से बहुत छोटा बना देती है ।

कुछ दूसरे हम जैसे लोग भी उन्हें शायद याद करेंगे जो उनके चित्र से अपने ड्राइंग रूम या ऑफिस सजाते है । हम जैसे लोग उनके इतिहास को याद करने की कोशिश करेंगे ,उन्हें याद करने की कोशिश करेंगे केवल एक व्यक्ति के रूप में ,एक नेता के रूप में और थोडा सा स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी शायद याद कर लें । पर उनकी बातो पर ध्यान नहीं देंगे ,उनके विचारो को अपनी अलमारियों के सबसे पीछे खाने के लिए छोड़ देंगे । डॉ लोहिया अगर चाहते तो पूरी जिंदगी सांसद रह सकते थे । वे चाहते तो नेहरु जी की सरकार से लगातार केंद्र का महत्वपूर्ण मंत्री रह सकते थे । वे चाहते तो दिल्ली के एक शानदार बंगले का सुख उठा सकते थे ।

पर फिर इतिहास चक्र कौन लिखता ,कौन सीता और सावित्री और द्रौपदी के बहाने औरतो की स्वतंत्रता की चर्चा छेड़ता । फिर चित्रकूट में रामायण मेला लगा कर संस्कृति को सहेजता कौन ? देश विभाजन के गुनाहगार की चर्चा नहीं कर सकते थे वे । राम ,कृष्ण ,शिव या केवल कृष्ण लिख कर इनके बहाने जीवन संस्कृति ,जिम्मेदारियों ,मर्यादाओ ,और न्याय की चर्चा नहीं कर पाते वे । तब कहा सगुण और निर्गुण की बात हुयी हुयी नए संदर्भो में । तब नहीं हुयी होती चर्चा संसद में अमीरी और गरीबी की इतनी बड़ी खाई की तीन आना बनाम छ आना की बहस के साथ । तब कौन भारत को चीन के आक्रमण से आगाह करता । कौन होता जो तिब्बत की लड़ाई लड़ता । तब शायद गोवा की आजादी और लम्बी हो जाती और नेपाल में जागरण का सूरज देर से पहुँचता । कौन दहाड़ कर कहता की हिमालय बचाओ और जिस पानी की आज चर्चा है उसकी बुनियाद किसने रखी होती गंगा बचाओ का अभियान चला कर और उसके बहाने सभी नदियों को बचाने की आवाज लगा कर । तब कौन कहता की दुनिया को सात क्रांतियों की जरूरत है वो रंग भेद के खिलाफ हो ,यानि चमड़ी की हो ,वो स्त्री पुरुष के बीच भेद की हो ,वो जाती के आधार पर भेदभाव के खिलाफ हो ,वो धर्म के आधार पर भेदभाव के खिलाफ हो ,गरीबी अमीरी के भेदभाव के खिलाफ हो इत्यादि । तब कौन इबारत लिखता चौखम्भा राज की जिसके आधार पर आज का भारत गाँव से देश तक चार सरकारों से संचालित होता है ।

यदि डॉ लोहिया ने सब सुख स्वीकार कर लिया होता तो कौन तोड़ता आज़ादी के बाद भी हमें मुह चिढाती अंग्रेजो की मूर्तियों को और महीनो इसके लिए जेल काटता राजनारायण जैसे साथियों के साथ और मूर्तियाँ आज भी हमारे सीने पर मूंग दल रही होती । तब कौन लड़ाई छेड़ता अंग्रेजी हाय हाय की जिसकी एक परिणिति अभी दिखलाई पड़ी है जब आई ए एस के इम्तहान से अंग्रेजी की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है । तब कौन लड़ता नौजवानों के लिए विश्वविद्यालयो और कालेजो में जा जा कर और उन्हें आने वाले समय में लोकतंत्र का मजबूत हथियार बनाता । कौन कहता की किसान को उसकी उपज का मूल्य दो और गरीब को उसका हक़ । वे नहीं कह पाते ; संसोपा ने बांधी गांठ और पिछड़े मांगे सौ में साठ ; और आज का सामाजिक न्याय का परिदृश्य भी शायद दिखलाई नहीं पड़ता या अभी शैशव अवस्था में घुटने पर चल रहा होता । यदि उन्होंने मंत्री पद स्वीकार कर लिया होता तो कौन बताता इस देश को की पहाड़ जैसे सत्ता में बैठे लोगो से कैसे टकराया जा सकता है और कौन अहसास करवाता की विपक्ष भी कुछ होता है । कौन गैर कांग्रेसवाद का सिद्धांत देकर अजेय कांग्रेस की देश में नौ सरकारें गिरा कर रास्ता दिखाता की कांग्रेस की सरकार हटाई भी जा सकती है । कौन लड़ता नेहरु जी जैसे बड़े नेता से और ये कहने का सहस करता की मै जानता हूँ की पहाड़ से टकरा रहा हूँ पर टकराते टकराते मैं दरार तो पैदा कर ही दूंगा जिसे कल कोई गिर भी देगा ।

हाँ जो सब छोड़ने को तैयार होते है वही नए समाज की रचना करते है ,वही देशी की आजादी के योद्धा होते है ,वही सामाजिक और आर्थिक क्रांतियाँ करते है । वही समाज को रास्ता दिखाते है । वही उंच नीच के भेदभाव से लड़ते है । ऐसे लोग ही होते है क्रांतिदूत ,समाज परिवर्तक ,और महामानव । मुझ जैसे लोग लोग जो उन्हें पढ़ कर और जान कर राजनीती में आ गए पता नहीं उनके अभियान को कुछ इंच भी सरका पाए या नहीं । पता नहीं समाज को बदलने की बात करते करते खद ही बदल गए या नहीं । पता नहीं लोगो को न्याय दिलाते दिलाते खुद अन्याय का शिकार तो कही नहीं हो गए । लोगो को खुशहाल बनाते बनते खुद तो बर्बाद नहीं हो गए । पर आज मुझ जैसे उनके तमाम दीवानों का उस चिन्तक और त्यागी डॉ लोहिया को सलाम ।हाँ आज भी मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव जैसे लोग उनके सपनो को याद कर कर के जमीन पर उतारने की कोशिश कर रहे है ,और कोशिश कर रहे है की डॉ लोहिया सदा जिन्दा रहे और उनके सिधान्तो की लौ जलती रहे । आइये कुछ उनके विचारो पर हम भी विचार भी कर ले । उन्हें पूरे देश का सलाम ।
देश के लोगो ,बुद्धिजीवियों और विशेषकर मीडिया के दोस्तों कल ११ अक्टूबर को एक अभिनेता के अलावा एक १९४२ के योद्धा ,१९७५ की लड़ाई के नायक और १९७७ के परिवर्तन के नायक जयप्रकाश नारायण का भी जन्मदिन था ??? शायद चकाचौंध में आप सभी भूल गए ??
वैसे ए बी पी के कार्यक्रम में चुनाव बाद खुद प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर राजनाथ सिघ जी की मुस्कान बहुत कुछ चुगली कर गयी | मैंने काफी पहले खरगोश और कछुए की बात लिखा था |
मैं भूल गया था तो आज और अभी किसी ने याद दिला दिया की राजनाथ सिंह अपने मुख्यमंत्री काल में भी घोषणा मंत्री पद से नवाज दिए गए थे जनता और मीडिया द्वारा | आज ए बी पी टी वी के कार्यक्रम में भी उनका वाही रूप दिखा | इतने साल बाद भी नहीं बदले !!!!!!!!!!
मैं बड़ा दुखी हूँ की लोगो का दिल टूटा जे पी के आन्दोलन के बाद ,, फिर वी पी सिंह के सरकार में आने के बाद लोग ठगा महसूस करने लगे ,,, फिर अन्ना , केजरीवाल ,रामदेव इत्यादि के पीछे लोग पगला गए और हम जैसे लोग जो उसकी असलियत बता रहे थे उन्हें सिर्फ गली ही नहीं दिया बल्कि कुछ भी करने को उतारू हो गए और परिणाम वाही निकला जो मैं लगातार कह रहा था |
दुखी इस बात पर हूँ की ऐसे लोग फिर मुझे बहुत गलिया दे रहे है बल्कि धमकियाँ भी ,, एक ने तो यहाँ तक धमकी दे दिया की ,,, जब गाँधी को नहीं छोड़ा तो तू क्या चीज है ?/ फिर से आप सभी का दिल जोर से टूटेगा दोनों तरह | दोनों तरह की व्याख्या अलग से |

बुधवार, 9 अक्तूबर 2013

देश की सत्ता पार्टी के नेता है और उन्हें भविष्य का नेता बना कर पेश किया जा रहा है | आज उनकी दो सभाएं थी पहले भी बहुत की है | क्या उनका भाषण किसी को अच्छा लगता है ? क्या ऐसा लगता है की भारत जैसे देश का नेता बोल रहा है ? क्या कोई सपने दिखते है ? क्या वे सपने हिंदुस्तानियत के सिद्धांतो पर कसे हुए दिखते है ? क्या सपनों के प्रति कोई संकल्प दिखता है ?
पता नहीं पूजीवादी ताकते ऐसे ही दो लोगो को आमने सामने खड़ा कर पूरे देश को इन्ही दो खेमो में बाँट क्यों देना चाहते है ?

मंगलवार, 8 अक्तूबर 2013

असाकाम के बारे में अब उनके कई शिष्य और शिष्याये बहुत कुछ बता रहे है | क्या बाकि भी ऐसे पाखंडियो के आश्रमों से भी ऐसी बातें उठेंगी ? या कौन पहले घंटी बांधे का इन्तजार ? बहुत सी शिष्याओ का संकट ये है की अब घर या समाज में कैसे लौटे ?? मैंने कई दिनों पहले ऐसा लिखा था | ये सब बाबा है या ---- और ये आश्रम है या कसाईखाना ? वाह रे धर्म के प्रचारको और वाह रे ऐसा धर्म | किसी भूखे को खाना मत दो ,किसी को पानी मत दो और अंधे होकर किसी को सब कुछ दे दो |
दिल्ली में कई तरह के लोग मिले ,बहुत ज्यादा पढ़े लिखे मैनेजमेंट के लोग भी और इंजीनियर भी और अन्य भी ,अधिकारी जो गुजरात में रह चुके है और सभी ने एक आग्रह किया की देखिये आप लोगो की बड़ी जिम्मेदारी है की भारत में हिटलर को आने से रोकिये वर्ना भुत बुरा हो जायेगा | समस्याए तो अपनी गति से ही पूरी दुनिया में हल हुयी है पर लोकतंत्र दुनिया में केवल किस्मत वालो को मिला है और केवल उन देशो में मजबूती से जिन्दा है जिनके संस्कार में लोकतंत्र निहित है |
अब लोगो का ये सार्थक आग्रह तो मानना ही पड़ेगा | हमें भी ,आप को भी और देश को भीं |

बुधवार, 2 अक्तूबर 2013

मैंने लिखा की इस देश बापू और शास्त्री जी जैसे लोग चाहिए ,हिटलर ,मुसोलिनी और माओ नहीं चाहिए तो कुछ लोग इतने नाराज क्यों हो रहे है ???? क्या उन्हें हिटलर मुसोलिनी और माओ चाहिए ???? तो खुल कर बोलो दोस्तों | बापू ,शास्त्री जी और पटेल जी के मखौटे पहन कर इन लोगो की ह्त्या मत करो |

दुनिया को गांधी चाहिये

दुनिया को रास्ता दिखाने वाले महत्मा गाँधी और जवान तथा किसान को हथियार बना कर दो तरह की जंग जीतने वाले लाल बहादुर शास्त्री को हमारा आप का पूरे देश का और मानवता का नमन | पर सावधान रहना होगा और शपथ लेना होगा आज की बापू के हत्यारे और दोनों के विचारो के दुश्मन इन दोनों की धरती पर सर न उठा सकें |
इस देश को और मानवता को बापू चाहिए शास्त्री जी चाहिए पर हिटलर ,मुसोलिनी और माओ ,नहीं चाहिए |

मंगलवार, 1 अक्तूबर 2013

भारत जैसे बड़े देश के अपने प्रधानमंत्री की बात से मुझे बहुत दुःख पहुंचा है और मैं अपना विरोध दर्ज करवाना चाहता हूँ | उनका ये कहना की किसी व्यक्ति के खिलाफ कई दल एक हो मुझे बहुत छोटी बात लगी | भारत को एक होकर खड़ा होना है तो चीन से और पाकिस्तान से निपटे ,आतंकवाद से निपटे ,भूख ,गरीबी ,बेकारी से निपटे ,मानवता विरोधी कार्यो से निपटे देश के अन्दर मौजूद इंसानियत के दुश्मनों से निपटे और साम्रदायिक विचारधारा से निपटे |
प्रधानमंत्री के मुह से किसी व्यक्ति का नाम लिया जाना उस व्यक्ति को बिना वजह नाम देता है और प्रधानमंत्री को छोटा करता है और प्रधानमंत्री जी आप केवल किसी पार्टी के नेता नहीं बल्कि मेरे प्रधानमंत्री भी है | इसलिए आप के इस वक्तव्य को मैं नकारता हूँ की ये एक व्यक्ति मनमोहन सिंह का बयांन है ये भारत के मेरे प्रधानमंत्री का बयान मानने और स्वीकारने को मैं तैयार नहीं हूँ | इस बयान के द्वारा आप को मुझे छोटा करने का अधिकार नहीं है और आप जिस व्यक्ति का नाम ले रहे है उसे आप हमारे ऊपर थोप नहीं सकते | वैसे भी किसी हिटलर वादी के लिए हिंदुस्तान और हिंदुस्तानियत में स्थान नहीं है |
प्रधानमंत्री जी अपने पार्टी की राजनीती में आप जो भी कहे पर ये बयांन वापस ले |
मानव जीवित रहेगा तो समाज भी रहेगा ,देश भी रहेगा और तभी जातियां रहेंगे और धर्म रहेंगे| जब लोग जीवित रहेंगे तभी कोई मंदिर में दिया जलाएगा और घंटी बजाएगा , मस्जिद में अजान होगी गुरद्वारे और चर्च में प्राथना होगी |
इंसान जीवित रहेंगे तभी रामायण और गीता पढ़ी जाएगी ,तभी कोई कुरान पढ़ेगा ,तभी कोई बाइबिल पढ़ेगा ,तभी कोई गुरुग्रंथ साहब का पाठ करेगा |
जब किसी मस्जिद में अजान होती है तो पास के किसी मंदिर की कोई ईंट नहीं हिलती और जब मंदिर में आरती होती है तो किसी मस्जिद की ईंट नहीं हिलती | सभी धर्म स्थलों के साथ यही है |
जब अलग धर्मो के ईश्वरों को एक दूसरे से अदावत नहीं है तो उनके मानने वालो को क्यों |

इसलिए इंसान को जिन्दा रहने दो |
मुझे संविधान सभा की पूरी कार्यवाही पढ़ने का मन हो रहा है और पता लगाना है की [ १ ] हमारा संविधान किसी एक ने बनाया या बहुतो ने बनाया ? [ २ ] हमारा संविधान खुद बनाया गया या कई देशो से उधार लेकर लिख दिया गया ? [ ३ ] संविधान बनाने वालो में किस किस की क्या भूमिका थी ? [ ४ ] क्या किसी ने संविधान बनाते हुए आरक्षण के प्रावधान का विरोध किया था ? किसने और क्या कहा था ?  [ ५ ] संविधान सभा में जातिगत और धार्मिक आधार पर क्या क्या संख्या थी ? [ ६ ] क्या सभी के समर्थन के बिना भी ये प्रावधान हो सकते थे ? [ ७ ] सचमुच में किसका क्या योगदान था ??
कोई पढ़ चूका हो तो प्लीस इन सवालो के जवाब प्रमाण सहित बता दे | शायद देश को जानना चाहिए ये सब जैसे ये जानना चाहिए की आजादी की लड़ाई में कुल कितने लोग शहीद हुए ? उनमे किस किस प्रदेश और किस किस क्षेत्र के कितने थे ,,, किस किस जाति और धर्म के कितने थे ? राजाओ और जमीदारो तथा व्यापारियों में कितने थे ? उस वक्त राज का हिस्सा रहे पुलिस वालो ,फौजियों ,और अधिकरियो और कर्मचारियों में से कितने थे ?
अच्छा रहेगा देश की बहुत सी बहस आसान हो जाएगी |
पर बिना खुद सारी चीजें पढ़े और आकडे निकाले मैं तो कुछ नहीं कहूँगा क्योकि---------
मेरे बचपन में जब हम लोग छात्र राजनीती कर रहे थे दो लोगो से बात करना बड़ा मुश्किल था एक कम्युनिस्ट और दूसरे संघी | दोनों जितना रट कर आते थे वाही से शुरू कर वाही ख़त्म करते थे और तर्क कर ने पर जवाब नहीं देते थे बल्कि फिर क से शुरू कर ज्ञ पर ख़त्म कर देते | दोनों की शब्दावली देश के सामान्य लोगो से अलग थी |
समय बीता रूस बदला ,चीन बदला पर ज्यादातर कम्युनिस्ट लोगो की भाषा भारत में नहीं बदली और न उस वक्त का रटा हुआ ही बदला |और यही उनके इतने पीछे जाने का कारन बना |
पर संघियों का अजब हाल है | इनकी छ साल सरकार रही तो अपने सारे आदर्श ,चरित्र ,चहरे की बातें ,, भय भूख की बाते ,, कश्मीर ,सामान कानून की बाते ,राम मंदिर सब भूल गये | सीधे राजनीती करने वाली बीजेपी के साथ सारे संघी भी लूट तंत्र में जुट गए ,कुछ की सी डी बनी | सबसे बड़े महारथी ने तो बयान ही दे दिया था की एक मंदिर के लिए सरकार नही गँवा सकते है |और जो सज्जन कश्मीर की विजय करने निकले थे और डर के मरे तत्कालीन प्रधानमंत्री से उन्होंने सुरक्षा और एयरफोर्स का जहाज माँगा था ,,वहा पहुचे तो झंडा फहराते हुए उनसे झंडा नीचे गिर गया था और भाग आये थे उन्होंने तो उसके बाद कश्मीर जाने का नाम ही नहीं लिया |
संसद ,अक्षरधाम सहित तमाम स्थानों पर आतंकवादी हमले पर बेशरम बने रहे | कारगिल में दुश्मन घुस आया और सोते रहे | शहीदों के ताबूत तक में घूस खा गए
पर बेशर्मी तो देखिये फिर धुल झाड कर उन्ही मुद्दों पर दंगे करने में लग गए | इनसे जवाब पूछो की छ साल में क्या किया तो परमाणु विस्फोट बता देंगे ,उसकी पोल कलाम साहब ने खोल दिया ये बता कर की ये तयारी नरसिम्हा राव की थी और उन्होंने ही वाजपेयी जी से करने के बारे में कहा था |
अब उस दिन का इन्तजार है जब ये भगत सिंह , चंद्रशेखर आजाद ,सुभाषचन्द्र बोस इत्यादि को संघ का कार्यकर्ता घोषित करेंगे | सारे बड़े अन्य नेताओ को अपना आका बताएँगे | शुरुवात तो कर दिया है |
इनसे आप किसी की शादी की बात करो तो ये शोक व्यक्त करने लगेंगे और किसी की मृत्यु की बात करो तो बन्दे मातरम गाने लगेंगे |
इश्वर ,,राम जी इन्हें कुछ अक्ल दे दीजिये की मानवता जिन्दा रहेगी तभी समाज रहेगा और देश रहेगा | ये मानवता को जिन्दा रहने दे और मानव के विकास की बात करे ,उसकी परेशानियों के हल की बात करे |
ये लोग भी भारत में पैदा हुए है जहा सदियों से तरह तरह के लोग एक साथ रहते है फिर इन्हें घृणा कहा से मिली | पर दिक्कत है की ये धर्म के नाम पर भी नफ़रत करते है ,, उसके बाद जाती के आधार पर दलित और पिछड़ी जातियों से भी नफरत करते है | और नफ़रत ही बाँटते है और नफ़रत बाटने के लिए पाकिस्तान के तालिबानियों और अफ्रीका इ कबीलों की हत्यायो को भारत का दिखा कर हिन्दुओ की बता कर एम् एम् एस बाँटते है सी डी बाटते है |
इनसे कैसे बात किया जाये जब ये अपनी सुविधा से अपने ही विषय चुनते है और अपनी सहूलियत से ही जवाब देते है | न आजादी की लड़ाई में भाग न लेने का जवाब देते है न आपातकाल की माफ़ी मांगने का जवाब देते है | न पाने सत्ता के छ साल का जवाब देते है .न राम मंदिर आन्दोलन के पैसे का जवाब देते है | बस आरोप लगते है और चाहते है की भारत में कबीला युद्ध शुरू हो जाये | हिन्दुओ और गरीबो ,मजदूरों ,किसानो की समस्याओ पर कभी मुह नहीं खोलते है |
जब आक्रमण करते है तो भद्दी भाषा बोलते है और किसी सीमा तक चले जाते है | ऐसे लोगो से कैसे बात करें |
वाह से संघियों और बीजेपी वालो ? लालू सहित जितने नेताओ या किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही किया तो सी बी आई ने अच्छा किया और जिसने जो किया बो भरा पर बीजेपी के किसी हत्या आरोपी या बड़ा अपराध करवाने वाले के खिलाफ अगर सी बी आई रिपोर्ट दे रही है तो वो दुरूपयोग है और उसके खिलाफ पहले ही पेशबंदी शुरू कर दिया | मुझे नहीं पता की क्या होने वाला है पर चोर की दाढ़ी में तिनका जरूर नजर आ रहां है |