बुधवार, 27 अक्तूबर 2021

क्योकी वो अभी जिन्दा है

आज ही यानी 27 अक्टूबर की रात और 28 की सुबह उत्तर प्रदेश के एक जिले के एक पिछड़े गाव के उस घर के एक अंधरे कमरे मे जन्म हो गया था एक इन्सान का , न डाक्टर ,न नर्स ,न दवाईया ,न साफ सफाई पर वो जी गया और चल भी गया इतने साल अपने तमाम संघर्षो लोगो के छल और धोखे पर आंख बंद कर विश्वास करते हुये ।
आज उसकी जिंदगी के अनुभव मे एक साल और जुड़ गया ।
लिखना चाहता है वो अपनी जीवन गाथा पर वो एक नितांत साधारण व्यक्ति है और साधारण लोगो की जीवन गाथा नही होती है बस उनके हिस्से मे संघर्ष होते है , उपेक्षा और अपमान होते है ,दुख होता है और तिरस्कार होता है ,और लिखे भी तो क्या लिखे ? गरीबी ,अभाव चार  चम्मच दूध के लिये झगड़ा ,गेहू की रोटी या पूड़ी का वर्णन और ये कि गेहू का आटा कही से आता था विशेष कारण से ,वो बाढ़ जो दरवाजे तक आ गयी थी और सब फसल लील गयी थी और उसके बाद की जिन्दगी ,कहा से शुरू करे वो और कहा खत्म ।इतना ज्यादा है की कई दिन चाहिए लिखने को या कई महीने ।पर क्या होगा लिख कर वो लड़का तो वापस नही आयेगा जो अभाव के कारन अपराधी बन गया था और किसी पडोसी विरोधी से सुपारी लेकर बहाने से बुला कर पुलिस ने गाँव मे ही गोली मार दिया था उसे जिसकी शादी अभी चंद दिन पहले ही हुयी थी और वो लड़कियां भी कहा वापस आ पायेंगी जो एक के बाद एक ब्याह कर लायी गयी थी पड़ोस के घर मे और घर के सामने की पोखरी मे डूबी और मरी पायी गयी थी और पडोसी मुसकराता हुआ फिर दूल्हा बनने को तत्पर दिखा था और उसका परिवार दहेज के लिये ।
क्या क्या लिखे वो सब गडमड हो रहा है और बिखर रहा है यादो मे ।
पर याद है भैस चराने जाना ,फिर उसको तालाब मे नहलाना और उसकी पीठ पर तालाब मे घुमना ,याद तो वो भी है जब डूब ही गया था तालाब मे दो बार पर किसी ने देख लिया तो बच गया और वो जब कुये से पानी निकालते हुये पैर फिसल गया था गिर ही गया होता कूये मे और कहानी खत्म हो गयी होती पर बगल की दीवार मे लगी हुयी खूटी हाथ मे आ गयी थी और बच गया था । याद है खुरपी से खोदना ,फावड़े चलाना ,हल जोतना , कोल्हू हो या रहट बैल के पीछे चलना तो ढेकूल से पानी निकाल कर सिचाइ करना ,थाला से हाथा से पानी खेत मे फेंकना तो चारा काटना पर ये सब लिख कर क्या होगा । बैल भैंस गाय सबको सानी पानी करना तो गुड बनाने के लिये कड़ाह मे झोकना ,भेली बनाना तो आखिर मे बचे कडाहे मे पानी उबाल कर औटी पीना । खेत ने धान रोपना ,तो खेत के मचान पर रखवाली करना ,उसी मे लगा फूट खाना तो खेत से सर पर लाद कर फसल लाना ।खलिहान मे फसल की दवाई ओसाई और फिर सर पर लाद कर घर पहुचाना ।क्या क्या लिखे वो ।वो गिट्टी फोड ,वो लाखन पाती ,कबड्डी ,कुश्ती ।
उस दिन वो एक गरीब की बीबी के स्त्री अंग मे किसी के द्वारा डाल दी गयी लाठी और उसी तरह उसको 7 किलोमीटर दूर थाने ले जाना क्या क्या लिखे 
 ,वो पड़ोस के गुप्ता चाचा पिता के दोस्त जो किसी बहाने अपना पुरुष अंग शरीर ने कही छुला देते थे ,वो मिट्टी के बर्तन बनाने वाले की बहुत बड़ी उम्र की लडकी जो 4 साल के बच्चे के अंग से खेल कर पता नही क्या पाती थी ,  वो स्कूल के मुन्शी जी जो बच्चो से अपने पुरुष अंग पर कोई क्रीम लगवाते थे भरी क्लास मे तो क्या करते होंगे वो जिन बच्चो को विशेष रूप से शिक्षित करने को रात को भी बुलाते थे स्कूल और परिवार समझता था की बच्चा पढाई मे मजबूत हो रहा है ।बम्बई से आई बचपन के दोस्त की लाश पर लिखे जो कमाने गया था पर उत्तर भरतीय होने के कारन शिव सैनिको द्वारा मार दिया गया था ।अच्छा सब बुरा ही नही जांघिया नाच पर तो लिख ही सकता है जिसमे घुघरु लगे जांघिया (अन्डर वियर ) पहन कर कितना अच्छा लगाता था वो नाचता हुआ लोग और तिलैया तो क्या शानदार नाचता था ।दुलारे हर चीज का इलाज थे कुये से पानी भरना , बाल और नाखून काटना ,गाँव और आसपास के गाँव ही नही दूर दूर रिश्तेदारी मे सूचना देना ,न्योता पहुचाना और शादी पता लगाना और उनकी औरत घर अन्दर का सब सम्हाल लेती थी। 
बहुत है लिखने को लगता है कि लिख लेगा वो अगर कोशिश करेगा तो ।
आगे कोशिश जरूर करेगा क्योकी वो सब संघर्ष और तकलीफ के बाद भी आज भी जिन्दा है ।

सपने और आन्दोलन तब से

हमें याद है युवा आंदोलन और उसकी आवाजे क्योकि हम उसका हिस्सा रहे है ।
1967/68 अंग्रेजी हटाओ आंदोलन ( बहुत दिनों तक नारा लगता रहा - अंग्रेजी में काम न होगा फिर से देश गुलाम न होगा )
परिणाम ?????% अंग्रेजी बढती गयी और आंदोलन करने वाला छात्र और नौजवान छला गया ।
1975 जयप्रकाश आंदोलन , कुर्सी खाली करो की जनता आती है , संघर्ष हमारा नारा है ,भावी इतिहास हमारा है , और सत्ता नही व्यवस्था परिवर्तन करना है ।
परिणाम- बस सत्ता बदली और नौजवान फिर छला गया । पढाई और रोजगार का नुकसान हुआ ।
1989 राजा नहीं फ़कीर है देश की तकदीर है ।
परिणाम - एक और सत्ता परिवर्तन और नौजवान से बस छलावा ।
से लेकर 2014 - अच्छे दिन ,2 करोड़ रोजगार ,15 लाख ,गुजरात मॉडल तक 
कब तक नौजवान केवल लोगो को सत्ता दिलवाने का हथियार बनता रहेगा ? इस उम्मीद में की शायद अब उसके लिए अच्छे दिन आएंगे ।
नौजवान भावना में बह कर केवल अपनी जिंदगियां ख़राब करता रहा है ।
नौजवानों कब चेतोगे और एक फैसलकुन फैसला करोगे सचमुच के व्यवस्था परिवर्तन के लिए ,समाज परिवर्तन के लिए ,गैर बराबरी ,भ्र्ष्टाचार और धोखे से मुक्ति के लिए ।
नहीं चेते तो बस किसी न किसी के नारे लगाते रहोगे और अपनी जिंदगी में हारते रहोगे उन लाखो की तरह जो तुमसे पहले हार कर बूढा गए है भरी जवानी में ।
और तुम्हारी जगह फिर नए नौजवानो की फ़ौज तैयार हो जायेगी किसी का आंख बंद कर और जूनून के साथ नारा लगाने को और वो कुर्सियों पर बैठते रहेंगे ।
पर व्यवस्था कभी नहीं बदलेगी ,समाज कभी नहीँ बदलेगा और तुम भी कभी नहीं बदलोगे ।
या फिर खूब चिंतन कर एक बार खड़े हो जाओ और आने वाली पीढ़ियों को मुक्त कर दो इस छल से और उसका रास्ता सुगम बना दो ।
( एक  सफर का चिंतन पर पता नहीं क्यों और कितनी भृकुटियां तन जाएँगी मुझपर जिसकी मैंने कभी चिंता नहीं किया क्योंकि सच जिन्दा रहना चाहिए --- क्योकि मेरी आँखों में कुछ सपने है )
जय हिंद
#मैं_भी_सोचूँ_तू_भी_सोच

2013 मे लिखा था

आज ही मगर 2013 में लिखा था ये मैंने । जरा पढ़ कर बताइये कुछ । क्या गलत और क्या सही लग रहा है आज ।

कल घोषणा नाथ सिंह ने बताया की यदि हिटलर आएगा तो चीन और पाकिस्तान मंगल गृह पर भाग जायेंगे वैसे उनकी मानसिक स्थिति तो उनके उद्बोधन से ही स्पष्ट हो गयी | क्या जब बीजेपी के ६ साल सरकार थी ,अटल और अडवाणी सहित घोषणा नाथ भी मंत्री या मुख्यमंत्री थे और दुश्मन घर के भीतर घुस आया और ये सोते रहे ,दुश्मन संसद में घुस आया और ये सोते रहे ,देश के जगह धमाके करता रहा और ये सोते रहे ,,,उस वक्त बीजेपी देशद्रोही थी ???? अयोग्य थी शासन के लिए ??? अटल इत्यादि अयोग्य थे ??? या उस वक्त हिटलर मंगल गृह पर की साधना कर रहा था ??? ये भी पता लगाना जरूरी है की जब ये सरे हमले हुए थे और शहीदों के ताबूत तक में दलाली ली गयी थी .... जब देश के बड़े आतंकवादी को सैकड़ो करोड़ रूपये के साथ कंधार में देश के मंत्री बीजेपी के ही पहुंचा कर आये थे तो उस वक्त हिटलर ने किस किस का कुरता फाड़ा था ??? या कोई वक्तव्य भी दिया था क्या ???
जब बंगला देश ने हमारे ११ सैनिको को मार कर और जला कर हमें सौंपा था तो हिटलर और उसकी जमात ने क्या किया था ???\
जब नवरत्न कम्पनियाँ घूस लेकर औने पौने में बेचीं गयी तो हिटलर और उसके लोगो की क्या भूमिका थी ?? 
जब चीनी मिले घूसखोरी के साथ बेचीं गयी तो हिटलर और उसकी जमात के लोगो की क्या भूमिका थी ??? 
जब इनका अध्यक्ष रँगे हाथ पकड़ा गया था तो हिटलर को गुसा आया था क्या और गुस्से में क्या किया था ?? 
जब जोशी जी कश्मीर विजय करने निकले थे और फिर डर के मारे कह दिया था की सड़क टूट गयी और और नरसिम्हा राव से गिदगिड़ा कर कहा था की एक बार इज्जत बचा लो फिर कभी कश्मीर का नाम भी नहीं लूँगा [ जो आज तक सही साबित हुआ है ] और सेना के जहाज से जाकर जल्दी से झंडा फहरा कर भागे थे तथा पत्रकार ने पूछा की झंडा तो फहराने के बजाय अपने डर के मारे गिरा दिया इस पर क्या कहना है तो भागते हुए कहा था की भारत जाकर बताऊंगा ,,, उस पर हिटलर और और उसकी जमात का आज क्या रुख है ??? 
भगवान् राम को बेघर कर दिया और दुनिया में बहुत से मन्दिर गिरवा दिए ,भगवान् इन्तजार कर रहे है ,हिटलर उनसे कब मिलेंगे और अपना वादा कब पूरा करेंगे ?? 
३७० .. सामान कानून ,कश्मीर इत्यादि के बारे में क्या राय है आज ??? 
देश में शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ बन कर बहुत अच्छा योगदान देने वाले ईसाई समाज के बारे में क्या राय है ??? 
क्या हिटलर पाकिस्तान पर हमला कर इंदिरा गाँधी जैसा इतिहास रचेंगे ?? जिनकी शहादत को भी हल्का और राजनीती का विषय मानते है इस जमात के लोग ??? 
कम्पूटर का विरोध करने वाले और आधुनिक क्रांति जिसके कारन आज भारत दुनिया में एक ताकत है उसके जनक की शहादत पर राजनीती करने वाले हिटलर क्या अपनी जमात के पुराने वक्तव्यों पर आत्मग्लानी अनुभव करेंगे ??? 
आजादी की लड़ाई में हिस्सेदारी तो दूर बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों की मुखबिरी करने का गुनाह करने वाले इस जमात के लोगो को क्या आज शर्मिंदगी महसूस होती है ??? 
दुनिया को रोशनी देने वाले महामानव महत्मा गाँधी की हत्या करने वाले और लगातार उनकी हत्या को उचित ठहराने वाले इस जमात के लोग क्या उस हत्या पर शर्मिंदा है ?? क्या उन्होंने बापू की हत्या को जायज ठहराने वाली किताबे बेचना बंद कर दिया है ?? 
सरदार पटेल ने इन पर प्रतिबन्ध भी लगया था और इन्हें जेल भी भेजा था और इन लोगो ने उन्हें बहुत गलिय दिया था ?? आखिर आज किस साजिश के तहत उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे है ??? 
सावरकर की दो रास्त्र वाली नीति पर इनका अब क्या विचार है ?? 
हेगडेवार की किताब जिसमे उन्होंने हिटलर को महान बताया है और उसकी विचारधारा को भारत के लिए आदर्श बतया था और उसी को आदर्श मान कर संघ की नीव राखी थी ,, उस पर आब क्या विचार है ??? 
देश की नयी विदेश नीति क्या होगी ?? 
देश की नयी रक्षा नीति क्या होगी ?? 
क्या सेना का राजनीतिककरण करने और तमाशाही लादने का इरादा है ????
देश के किसानो के प्रति नीति क्या होगी ?? 
दश के मजदूरों के प्रति नीति क्या होगी ?? 
देश की नयी शिक्षा नीति क्या होगी ?? 
देश की स्वस्थ्य नीति क्या होगी ? 
देश की रोजगार नीति क्या होगी ?? 
देश का संविधान यही रहेगा या बदल दिया जायेगा ?? 
देश की न्याय प्रणाली स्वतंत्र रहेगी या सत्ता की कठपुतली बन जाएगी ?? 
देश की प्रेस मीडिया स्वतंत्र रहेगी या संघ के द्वारा सम्पादित होगी हिटलर की तरह ?? 
बुद्धिजीवियों ,लेखको ,कवियों ,को इनका चरण और भाट बा जाना होगा या स्वतंत्रता होगी या मार दिया जायेंगे ?? 
देश की शिक्षा का पाठ्यक्रम क्या होगा सरस्वती शिशु मंदिर वाला ?? ?????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????/
बहुत से सवाल है जिनका देश जवाब चाहता है पर ये जवाब देने के बजाय केवल सवाल उछालते है ||
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जिस उत्तर प्रदेश और बिहार ने आजादी की लड़ाई का भी नेतृत्व किया और बाद में भी उसका मजाख उड़ने ,उसे कमजोर दिखने और उसके बच्चो को मजदूर बताने ,उसकी माताओं को बुजदिल बता कर क्या सिद्ध करना चाहते है ??? 
क्रांति उत्तर प्रदेश और बिहार करता है ,, परिवर्तन उत्तर प्रदेश और बिहार करता है और सरे घोटाले ,,, साडी काले कारनामे ,, सारा अपवित्र व्यापार गुजरात करता है -----
सीमा पर जान उत्तर प्रदेश का जवान देता है और कफ़न चोरी गुजरती करता है  ----
साहित्य उत्तर प्रदेश और बिहार रचता है और अपराध साहित्य ,घोटाला साहत्य गुजरात रचता है --- 
-----------उत्तर प्रदेश बाँझ नहीं हुआ है --- देश की और उत्तर प्रदेश की बीजेपी बाँझ और दिवालिया हुयी है ------
अपने दिवालियेपन को देश पर और खासकर उत्तर प्रदेश पर लादने की साजिश न करे _____
उत्तर प्रदेश महान है और देश को यही रास्ता भी दिखायेगा और नेतृत्व भी करेगा -------
देश चलाना मिलावट ,कालाबाजारी ,मुनाफाखोरी नहीं है बल्कि संकल्पशक्ति का काम है और गुजरती ---
---------और हिटलर जी अगर देश में ६६ साल में कुछ नहीं हुआ --- तो खुद तुम्हारे अनुसार एक चाय बेचने वाला इतना बड़ा पद कैसे पा गया ---- ये जो करोड़ो रुपये तुम खर्च कर रहे हो अपने प्रचार पर ये तुम्हे तुम्हारे घर की खुदाई में मिला है क्या ??? जिस जहाज और हेलिकोप्टर का इस्तेमाल कर रहे हो ये संघ को अंग्रेज दान दे गए थे क्या ?? आज दुनिया प्रमुख ७ देशो में हमें गिनती है ,,क्या वे शाखाये जो ख़त्म हो चुकी है वहा के बड़े नेकर वाले कारनामे देख कर कर रही है क्या ?? 
हिटलर इतने सवाल और आरोप है की ------- बस अब अगली किश्त में ---
तुम उत्तर प्रदेश को गली देने की हिम्मत करो और फिर मजा देखते जाओ |
तुम जैसे लोगो के कर्मो से महत्मा गाँधी और सरदार पटेल की धरती अपवित्र हो गयी है ??? 
तुम्हारी जमात ने पहले बापू के शरीर की हत्या किया और फिर तुमने उनकी आत्मा को मारा ||| 
महान उत्तर प्रदेश तुम्हे बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है ;;; दुबारा आओ तो उत्तर प्रदेश को गाली मत देना -------------
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#मैं_भी_सोचूँ_तू_भी_सोच

मुलायम सिंह यादव फिर अध्यक्ष हो

#मुलायम_सिंह_यादव जी उम्र के आख़िरी पड़ाव पर है और ज़्यादातर बीमार हो जाते है ऐसे में मेरा #अखिलेश_यादव जी को सुझाव है की उनको अध्यक्ष पद से हटा कर बडा अपमान किया गया था पर तब जो वादा किया था उसी चुनाव के बाद उनको अध्यक्ष पद लौटाने का कम से कम अब तो नेता जी का सम्मान लौटा अध्यक्ष बना दे और ख़ुद मुख्य महासचिव हो जाए ।पार्टी तो उनकी ही है और रहेगी और मुलायम सिंह यादव जी तब से जिस अपमान के सदमे मे जी रहे है क्योकी उनके चित्रो को जूते से रौदा था जवानी कुरबान ने ,उससे निकल कर अपनी अंतिम यात्रा सुकून से कर पायेंगे और अखिलेश जी को आशीर्वाद देकर जायेंगे ।
और विरोधी जो नारा लगाते है कि "जो न हुआ अपने बाप का वो क्या होगा आप का " ये नारा भी बेकार हो जायेगा ।
मैने वो दर्द अभी पिछ्ली मुलाकात मे भी महसूस किया ।ये अलग बात है की इस पोस्ट के बाद मेरी मुलाकात पर भी पाबंदी लगा दिया जाये ।
अगर ऐसा किया तो इस चुनाव में अखिलेश जी को बड़ा फ़ायदा होगा ।
मानना न मानना अब अखिलेश जी की मर्जी ।

रविवार, 24 अक्तूबर 2021

साड़ी शाल जिन्दाबाद पाकिस्तान मुर्दाबाद

आज लखनऊ को सड़कें खाली है 
एक तो करवा चौथ जिसे भारत की फिल्मो ने बहुत लोकप्रिय भी किया है और ग्लैमराइस भी किया है 
पर 
उससे भी ज्यादा आरएसएस और भाजपा के प्रेमी पाकिस्तान से कोई मैच है,अरे वही पाकिस्तान जो आतंकवादी भेजता है और कभी कभी सत्ता उसके साथ नही खेलने और न व्यापार करने का एलान करती है पर अडानी और अंबानी तथा सारे कृपापात्रो का व्यापार चालू रहता है। हा ये टुक टुक मैच भी कैसे नही होता जब शाह साहब के बेटे ही क्रिकेट के सर्वेसर्वा है 
सुना है कि सुरक्षा सलाहकार के बेटे का भी काफी वापरिक याराना है वहा 
दुश्मनी तो चीन से भी भारी वाली है क्योकी रोज घुसा जा रहा है भारत मे वैसे सच तो मोदीजी को ही मानिये जिन्होने एलान किया है की ना कोई आया और न घुसा ,ये अलग बात है कि उन्ही के सांसदो ने अरुणाचल से लेकर लदाख तक की सच्चाई बयान कर दिया और बात दर बार की खबरे भी सब आसमान पर लिख दे रही है ।
पर अपन को क्या ? अपना न व्यापार से सम्बंध है और न किरिकिट ही से ।
हम तो दीवाली मे चीन की झालर नही खरीदेंगे और कागज पर पाकिस्तान लिख कर पर लाल आंख से उसे ड़राएंगे ,फिर डांटेगे और उसके बाद उसे फाड कर जूते से कुचल देंगे और सिद्ध कर देंगे खुद को सच्चा राष्ट्रवादी और कम होगा तो कुछ गालियाँ भी ।
बोलो साड़ी और शाल के आदान प्रदान की जय ।
#मैं_भी_सोचूँ_तू_भी_सोच

सोमवार, 11 अक्तूबर 2021

ये रस्सियाँ

ये रस्सियाँ ----

आज तक समझ मे नही आया 
कि 
क्यो औरतों को 
रस्सियो से बांध दिया जाता है 
उनके गर्दन मे रस्सी
उनकी कमर मे रस्सी 
उनके हाथ मे रस्सी 
और
उनके पांव मे रस्सी 
जो 
उनकी खूबसुरती को 
बदसूरत बना देती है 
वैसे तो 
कुछ कमजोर पुरुष भी
रस्सियो मे बंध जाते है
अपनी अज्ञानता से 
या फर्जी आस्था से 
पर 
क्या बनाया या बिगाडा
किसी का इन रस्सियो ने
सिवाय गुलाम बनाने के
पहले जानवर गुलाम बने और 
रस्सियो मे बंध गये 
और 
अब कुछ इन्सान भी
कब मुक्ति मिलेगी 
इन इन्सानो को 
इन रस्सियो से 
ये सवाल आज मेरा है 
पर कल सबका होगा 
जानवर भी 
कहा बधना चाहते है रस्सियो मे 
और कोशिश करते रहते है 
तोड देने की 
पर इन्सान ने तो
इन रस्सियो को 
खुशी से कबूल किया है 
तो 
इन्हे कब और कौन तोड़ेगा ? 
इन्सान स्वाभाविक
नैसर्गिक सुन्दरता के
साथ कब जिएगा ?

शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2021

उ प्र मे कांग्रेस की डगर आसान नही

#उत्तरप्रदेश_में_कांग्रेस_की_डगर_आसान_नही ।

प्रियंका गांधी रुपी तुरूप का इक्का फेंक दिया कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में , पर राह कुछ आसान नही लग रही है । जब जब प्रियंका गांधी किसी मुहिम पर निकली है उन्होने देश प्रदेश के मीडिया और जनता का ध्यान आकर्षित किया है पर अचानक उछाल लेकर फिर काफी दिनो के लिये दृश्य से बाहर हो जाना सारे किये कराये पर पानी फेर देता है ।ये कमजोरी राहुल जी को भी बार बार पीछे धकेल देती है और भारत की राजनीति मे गैर गम्भीर बना देती है । 
भारत की राजनीति और खासकर उत्तर भारत की राजनीति का चारित्र पूर्णकालिक है ।यहा की जनता तथा कार्यकर्ता नेता से हर वक्त अपने बीच मे होने और हर सुख दुख मे साझीदार होने की उम्मीद रखते है ।अखिलेश यादव भी मुख्य लडाई मे होने के बावजूद पिछले साढे चार साल की अनुपलब्धता के कारण ही लडाई मे उतने मजबूत नही दिख रहे है जबकी उनके पास उनका अधिकांश जातीय वोट मौजूद है जबकी कांग्रेस के पास कोई जातीय वोट बैंक स्पष्ट रूप से एकतरफा दिखलाई नही पड़ रहा है  और मायावती की लगातार चुप्पी और अदृश्य होने के कारण अभी भी कही नज़र नही आ रही है  ।पिछले कई चुनाओ से कांग्रेस 6 से 8 प्रतिशत वोटो के साथ आखिरी पायदान पर सघर्श कर रही है ।
प्रियंका गांधी ने जब उत्तर प्रदेश का जिम्मा लिया उसी वक्त कहा गया की अब वो लखनऊ मे ही रहेंगी और पूरा समय देंगी परंतु पता नही क्यो वो हो नही सका । सोनभद्र की घटना मे जनता का ध्यान आकर्षित किया फिर सन्नाटा रहा ।फिर हाथरस मे गरमी आई तो कभी नाव यात्रा पर हर बार उसके बाद लम्बा सन्नाटा रहा जबकी उस समय तक अन्य विरोधी दल मुखर नही हुये थे ।
उसी समय से यदि प्रियंका गांधी ने दिल्ली को त्याग दिया होता और इस सच्चाई को स्वीकार कर कि जाती भारत की राजनीति की बड़ी सच्चाई है कुछ जातिगत क्षत्रपो को जोड़ लिया होता जिससे वो सवाल खत्म हो जाता की कांग्रेस के पास कौन सा वोट है और उन सभी के साथ सामुहिक रूप से प्रदेश की नाप दिया होता तो आज ये सवाल ही खत्म हो गया होता की अगली सरकार किसकी ।प्रियंका जी ने यदि खुद को मुख्यमंत्री और कुछ अन्य नेताओ को उप मुख्यमंत्री घोसित कर मुहिम चलाया होता तो आज कांग्रेस भाजपा के खिलाफ विकल्प बन गयी होती ।अब हर जाती मे सत्ता मे भागीदारी को लेकर जागरुकता है और वो दिये बिना कोई भी सत्ता नही पा सकता है ।वो समय दूसरा था जब इन्दिरा गांधी या चौ चरण सिंह के नाम से जाती की दीवारे तोड कर वोट पडता था ।
लखीमपुर खीरी की घटना पर एक बार फिर प्रियंका गांधी ने लीड लिया है लेकिंन केवल तेवर और सांकेतिक लड़ाईयो से सत्ता की पायदान तो नही चढा जा सकता है ।यद्दपि अब देर हो चुकी है फिर भी नये सिरे से कोशिश की जा सकती है लचीला होकर , उप्लब्ध होकर और आगे बढ़ कर लीड कर के उत्तर प्रदेश में ब्लॉक ब्लॉक तक पहुच कर तथा वोट बैंक के लिये लोगो को जोड़कर ।पर अभी भी देखना होगा की गिरफ्तारी से छूटने के बाद उनका रुख क्या होता है ।
अगर रवैय्या पुराना ही रहेगा तो इस बात से भी इंकार किया जा सकता है कि ज्यो ज्यो लडाई भाजपा और सपा की आमने सामने होती जाएगी कांग्रेस बंगाल की गति को प्राप्त होती जाएगी । पर इसके लिये अगले एक महीने की घटनाओ पर निगाह रखना होगा ।