सोमवार, 4 नवंबर 2024

जब यादव बनाम जैन हो गया था

#जिंदगी_के_झरोखे_से
क्या का क्या बना दिया था भाजपाइयो ने और सपाई भी मिल गये पर मैं भी तो था चट्टान की तरह खड़ा हुआ चौ साहब के साथ --
हमारी सरकार थी और मैं किसी काम के लिए दिल्ली गया हुआ था कि शाम को करीब 4 बजे मेरी पत्नी का फ़ोन आया कि तुलसीराम यादव का परिवार संकट मे है और मुझे उनकी मदद के लिए तुरंत आ जाना चाहिये । थोडी देर पहले ही तुलसीराम यादव मेरे घर होकर वापस गये थे जब उन्हे पता लगा कि मैं वापस नही आया हूँ और उनका मामला मेरी पत्नी ने पढ लिया था अखबार मे घर के कामो से खाली होने के बाद । मेरी पत्नी ने उनको आश्वस्त कर दिया था की वो मुझे अभी वापस बुलायेँगी और वो चिंता न करे ।मेरे लिए उन्होने कहा की उनके होते कुछ भी बुरा नही होगा ।
हुआ ये था कि तुलसीराम यादव के घर के पास एक जैन मन्दिर था जिसमे कुछ जमीन इन्होने भी दिया था और कुछ अर्थिक मदद भी । तीन दिन पहले जहा तुलसीराम यादव की गाडी खड़ी होती थी वही मन्दिर वाले गड्ढा खुदवा रहे थे और एक लड़का वो काम करवा रहा था ।तुलसीदास के लडके ने देखा तो उसने रोका की गड्ढा थोडा हट कर खुदवा ले और कुछ समझने के बजाय वो जैन लड़का बत्त्मीजी पर उतर आया और दोनो मे कहा सुनी और खींच तान हो गई और काम रुक गया । अगले दिन जैन समाज के लोगो ने मीटिंग किया की यादव लोगो ने गुण्डागर्दी किया और मन्दिर मे लूटपाट तथा मारपीट किया । ये समचार छापते ही सनसनी फैल गई सम्पूर्ण जैन समाज मे और हजारो लोगो ने इसके खिलाफ जुलुस निकाल दिया और सम्पूर्ण आगरा मे बड़े पैमाने पर विरोध करने का फौसला किया ।अखबारो मे छपने पर मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उस वक्त जिस पर हाथ रखा था और जी कभी तुलसीराम से भी कुर्ता पजामा तक मागता था उससे पूछा तो उसने कह दिया की सरकार की छवि खराब हो रही है और इस मामले मे कार्यवाही जरूरी है ।
पुलिस मे तुलसीराम के पूरे खानदान जिसमे उनकी ठीक से न चलने वाली पत्नी और 9 दिन पहले शादी होकर आयी बहू तक के खिलाफ मार पीट ,लूट इत्यादि का मुकदमा लिखवा दिया गया सपा के गद्दार और हरामखोर नेता के कारण जो सत्ता जाते ही तुरंत भाजपा मे चला गया और जिसकी बहुत बुरी आर्थिक स्थिति थी जब वो मुझसे जुड़ा था और फिर मैने उसे छोटा सा पैड दे दिया और अपनी आदत के अनुसार उसकी भी मुलायम सिंह से तारीफ कर दिया कई बार और फिर पिछड़ा होने के कारण मुलायम सिंह का खास हो गया और उसके कारण पुलिस ने ये मुकदमा कायम कर दिया ।
पत्नी से बात होने के बाद मैं तुरंत चल दिया और सीधा तुलसीराम यादव के घर पहुचा । वहा कुछ रिश्तेदार इत्यादि थे । मेरे पहुचने से उन लोगो मे थोडा हौसला आया ।वो लोग आगरा के घर पर रहे या गाँव इत्यादि चले जाये इस पर चर्चा कर रहे थे ।मैने मना कर दिया की कही मत जाईये मैं देखता हूँ ।
मैने तीन काम तुरंत किये पहला मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश लेकिन मुलायम सिंह यादव ने मेरे फ़ोन नही लिया तब उनके डे अफसर को फ़ोन कर असली बात बता दिया की क्या हुआ है और फिर एस एस पी से बात किया तो उन्होने कहा की पूरा आगरा आन्दोलित है और आप की पार्टी के प्रमुख लोग भी उनके साथ है तो मैने कहा की क्या भीड ही सही गलत और कानून तय करेगी या कानून अपना काम निस्पक्षता से करेगा ।आप पहले मौके पर किसी अधिकारी को भेज कर जांच करवा लीजिये फिर जो सही हो वो करिए वर्ना भीड का न्याय होना है तो अगले मैं भी भीड लेकर ही न्याय मागूगा । उन्होने आश्वस्त किया कि वो जल्दबाजी मे कुछ नही करेंगे । तीसरा जैन समाज के प्रमुख लोगो से बात करने की कोशिश किया जो सफल नही हुयी ।
फिर तुलसीराम को लगा कर मैने सारे रिश्तेदारो और यादव समाज के प्रमुख लोगो को लगा का एक बडी सभा बुलवाने को कहा और साथ ही तुलसीराम के परिवार की तरफ से अदालत के माध्यम से जैन समाज के उन सभी प्रमुख लोगो के खिलाफ मुकदमा कायम करवा दिया घर मे घुस कर लूट मार पीट और औरतो के साथ दुर्व्यवहार इत्यादि का । उधर हाई कोर्ट मे एक वारिष्ठ वकील से भी बात कर लिया गिरफ्तारी स्टे करवाने के लिए ।
इसी बीच सपा की सरकार गिर गई और मैं तुरंत लखनऊ चला गया पद से स्तीफा देने और घर गाडी वापस करने ।लखनऊ पहुचते ही मैने पहले ये सब काम किया उधर मायावती मुख्यमंत्री हो गई थी और उनके मंत्रिमंडल मे मेरे कुछ जानकार भी थे जिनमे से एक मंत्री के पिता राज नारायण जी के साथ रहे थे और राज नारायण आगरा मेरे घर आते थे तो कई बार वो भी आये थे और अब मंत्री बना उनका बेटा भी आया था ।मैं भी स्टेट गेस्ट हाउस मे रुका था और वो मंत्री भी और तुलसीराम मेरे साथ थे । मैने उस मंत्री को फ़ोन कर बधाई दिया और बताया की मैं यही इस कमरे मे हूँ । मंत्री ने कहा की मीठाई खाने मैं उनके कमरे मे आऊं या वो मेरे पास आ रहे है ।उनसे मुलाकात हुई मैने तुलसीराम का किस्सा बताया और उनसे कहा की वो जरा एस एस पी एक फ़ोन कर दे की इस मामले मे निस्पक्ष कार्यवाही ही होनी चाहिये । उन्होने फ़ोन कर दिया फिर अपने एक मित्र जो डी जी पी पद पर थे उनसे मिला और उनसे भी फ़ोन करवाया ।  ये पेशबंदी कर मैं तुलसीराम को लेकर आगरा आया । यहा सभा की तैयारी हो चुकी थी ।
सभा मे बडी तादात मे लोग इकट्ठा हुये और पुलिस भी ।
एस पी सिटी ने मुझे सुबह ही फ़ोन किया की क्या होगा मैने कहा की आप लोग दूर रहियेगा तो कुछ नही होगा पुलिस सभा स्थल पर न आये ।बड़े अधिकारी भी जानते थे की मेरे रहते कोई गलत काम नही होगा । सभा शुरू हुयी ,जोशीले भाषण शुरू हुये तो जैसा होता है कुछ लोगो ने सड़क पर जाकर गदर करने जैसी बाते कही तब सभा की कार्यवाही रोक कर बाकी बोलने वालो से क्षमा मांग कर मुझे माइक पर आना पडा । मैने कहा की जो लोग तुलसीराम के और यादव समाज के दुश्मन हो वो तुरंत मैदान से चले जाये और जो शुभचिंतक हो वो बैठे रहे ।सभी बैठ गये तब मैने अपना अपने तरीके का भाषण शुरू किया और तमाम पक्ष और मुड़दे रखने के बाद कहा की किसी को एहसान करने की जरूरत नही है तुलसीराम और उनके परिवार का मैं कुछ नही बिगाड़ने दूंगा और ये सभा इसलिए है की यादव लोगो का सत्ता द्वारा आगे उत्पीडन न हो और इसके लिए आप लोग मेरा साथ देना चाहो तो दो वरना आप सबकी मर्जी पर कोई दंगा नही होगा ।सबने एक स्वर मे साथ देने को कहा तब मैने प्रस्ताव रखा की कल से शहर मे दूध और सब्जी इत्यादि की सप्लाई बिल्कुल ठप्प रहेगी जब तक मैं नही कहूंगा और बाकी गाँव के लोगो को भी इससे जोडना है और यदि शहर मे अब कोई जुलुस निकलेगा तो आप सब भी गाँव गाँव तक बात पहुचा दीजिये और अगला बडा जुलुस हमारा शहर की सडको पर होगा । प्रशासन तक सब बाते पहुच रही थी और मेरा भाषण खत्म होते ही एक डिप्टी एस पी और इंटेलीजेंस के अधिकारी सभा स्थल पर आये की एस एस पी मुझसे बात करना चाहते है और उस अधिकारी ने मुझसे कहा की जांच हो गई है छोटी सी बात का बतनग्ड़ बना दिया है पर अभी शहर का दबाव है ।मेरी एस एस पी से बात हुयी मैने कहा की भीड का मुकाबला होना है तो वही सही और तुलसीराम के घर मे जिन लोगो ने सिर्फ लूट नही बल्की महिलाओ से अभद्रता किया उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिये ।
उन्होने आग्रह किया की मैं सब्जी दूध की सप्लाई रोकने वाला फौसला बदल दू क्योकी उससे तो शहर के सभी लोग परेशान होंगे और मिल बैठ कर इस मामले को सुलझा लिया जाये ।
किसी पुलिस अधिकारी ने जैन समाज के उन प्रमुख लोगो को भी बता दिया की कार्यवाही तो आप लोगो पर भी होगी और अदालत के आदेश से मुकदमा हुआ है और धाराए भी गम्भीर है ।तब वो सभी कोशिश करने लगे की कैसे बचा जाये और फिर एक दिन रात मे वो प्रमुख लोग जिन्होने प्रारंभ मे मुझसे बात नही किया था मेरे घर आये और बोले की क्या हम लोग लूट करेंगे और महिलाओ के साथ वो सब करेंगे जो आप लोगो ने मुकदमा दर्ज करवाया है तो मैने भी पूछा की क्या सच्ची घटना वही है जिसपर आप लोगो ने मुकदमा करवाया और शहर भर मे जुलुस निकाल कर तुलसीराम परिवार की खलनायक बना दिया सिर्फ इसलिए की ये यादव है और क्या इनकी पत्नी और चंद दिन पहले आयी बहू ने लूट किया ? वो लोग निरूत्तर थे और आग्रह किया की मामला खत्म करवा दीजिये ।
तब अगले दिन मैने अधिकारियो को ये बात बताया और फिर अगला दिन तय हुआ दोनो पक्षो की सयुक्त बैठक का और समझौते का ।
उसी चौक पर पुलिस और ओर प्रशासन के अधिकारियो की मौजूदगी मे बैठक हुयी ,स्थिति स्पष्ट हुयी और दोनो पक्षो ने समझौते पर हस्ताक्षर किया और उसी कागजो को जमा कर अदालत से भी मामला खत्म हुआ ।
दो बाते जानने की है ,1-कि दो बच्चो की कहासुनी को किस तरह भजपाइयो से पूरे जैन समाज का मुड़दा बना दिया और मीडिया ने भी तुलसीराम परिवार को कोई बहुत बडा गुण्डा परिवार बना दिया सिर्फ इसलिए की वो यादव थे और सत्ताकाल मे जैसा होता है की यादव लोग खुद को पूरे समाज से काट कर खुद को ऐसा बना लेते है और उसका रियेक्शन था ये । 2-यदि सपा की सरकार गई नही होती तो या तो मैं हाई कोर्ट से ही इन लोगो को बचा पाता या फिर कुछ लोग जेल जाकर जमानत पर छूटते क्यो ये यादव होकर भी मेरे साथ थे । एक दिन मुलायम सिंह यादव ने कह भी दिया था की तुलसीराम तुम तो सी पी राय के साथ ही रहते हो तो तुलसीराम बोले थे की अब तो आप के साथ ही है और मैने वही कह दिया था की मेरे साथ होने के कारण आप के साथ है मुझे छोडकर नही । सपा मे मुलायम सिंह यादव ने ने खूब गद्दार और भस्मासुर पाले सिर्फ इसलिए कि वो पिछड़ा वर्ग के थे ।

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