शनिवार, 31 अगस्त 2013

एक सवाल है जिंदगी कितने दिन की होती है ??
हम अपनों के बारे में चाहे कितनी गौरव गाथा लिखे ,कितनी भी तारीफ करे कोई फर्क नहीं पड़ता । बात तो तब है जब अन्य लोग हमारे अपनों की तारीफ के कसीदे पढ़े या हम जो लिखते है, तारीफ करते है उस को पसंद करें और उस पर अच्छी बातें लिखे । अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो समझो की हमारा कहा सुना लोगो को पच नहीं रहा है और तब हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए की चूक कहा हो रही है । बस यूँ ही लिख दिया । जय हिन्द ।
गरीबी और बीमारी किसी को कस कर पकड़ ले और छोड़ने को किसी हालत में तैयार न हो या कोई अपना साथ छोड़ दें तो फिर बर्बादी के आलावा कुछ नहीं बचता मानसिक हो या शारीरिक । मुझे तो ऐसा ही लगता है ।
आसाकाम तो कही माल काट रहा है और मजे ले रहां है,  बलात्कार पीड़ित मानसिक और शारीरिक यातना झेल रही है और उसके पिता अनशन कर भूख झेल रहे है ,सरकार और पुलिस झख मार रही है ,भारत का संविधान कराह रहा है ,हम सब या तो तमाशा देख रहे है या लिख कर खीझ मिटा रहे है और कर्तव्य पूरा कर रहे है ,एक पार्टी बलात्कारी को बचा रही है ,अन्ना ,रामदेव ,किरन बेदी जैसे लोग मुह छुपा रहे है और भारत माता पता नहीं क्या सोच रही है , सीता को उठाने पर लंका को बरबाद करने वाले राम और द्रौपदी की साड़ी खींचने पर भारत को महाभारत बनाने वाले कृष्ण अभी और अनीति बढ़ने का इन्तजार कर रहे है और उनको मानने वाले उनका इन्तजार कर रहे है । मेरा भारत महान है ,हम क्या करे हम देवता नहीं है तुच्छ इन्सान है । वाह वाह असाकाम तू महान है ।
अभी एक दोस्त ने लिखा की वो दलित साहित्य पढ़ना चाहती है और कोई उनकी मदद करे । मैंने तो बचपन से केवल साहित्य शब्द पढ़ा है ,उसमे हिंदी साहित्य ,अंग्रेजी साहित्य देखा है । उसमे विधाए देखी है । पर ये दलित साहित्य , पिछड़ा साहित्य ,अगडा साहित्य ,पुरुष साहित्य ,स्त्री साहित्य , इत्यादि इत्यादि कब पैदा हुआ । अगर ऐसा है तो ये बड़ा गुनाह है ,बड़ा विभाजन है और राजनैतिक रूप से किये गए विभाजन से भी ज्यादा खतरनाक है क्योकि ये उन साहित्यकारों द्वारा किया जा रहा है जिनपर समाज और देश को सही दिशा दिखाने की जिम्मेदारी है । समाज और देश तथा साहित्य का ये विभाजन कभी सही रास्ता नहीं हो सकता । जय हिन्द ।
एक बड़े हिस्से में आँख के सामने पानी ही पानी है और वहा हर आंख में भी बस पानी ही पानी है । बस खाना बनाने और पीने के लिए पानी नहीं है । जल में भी मीन प्यासी शायद इसी के लिए लिखा गया होगा ।
जब भूमि अधिग्रहण कानून बना था तो बनाने वालो के दिमाग में केवल रेल लाइन , फ़ौज , एयरपोर्ट ,सड़क ,सरकारी दफ्तर , अस्पताल और स्कूल,कारखाने बांध और नहरें थी  । तबके लोग नहीं जानते थे की बिल्डरों के लिए किसानो की जमीन कभी जबरदस्ती छीनी जाएगी । और देश में किसान की आवाज कभी ताकतवर बनी ही नहीं । दुर्भाग्य है । जय हिन्द ।
लोगो का ध्यान नही है की अन्ना आजकल अमेरिका में है ,कुछ दिन पहले एक दल विशेष के लोग वहा होकर आये है । अन्ना सातवा बेडा बन कर लौटने वाले है और अनिश्चित कालीन अनशन की ऊर्जा लेकर आ रहे है तथा अमेरिका से ज्ञान भी ,अब तो क्रांति होकर रहेगी और उसका प्रणेता महान अमेरिका होगा ।
वैसे जंतर मंतर और रामलीला मैदान में करतब करने वाले छोटे मोटे मामले में दखल नहीं देते जैसे ,गरीबी ,भूख ,अशिक्षा ,बाढ़ ,बलात्कार इत्यादी इत्यादि । मैंने फिर गाली खाने का इंतजाम कर दिया । अन्ना और लड़की के भेष में भागने वाला और कुछ और नाम याद नहीं [ याद रखने लायक नहीं ] उनसे बड़ी क्रांति की उम्मीद रखने वालो ने बहुत गालिया दिया पर हुआ वाही जो मैं कह रहा था और इन लोगो को बुरा लग रहा था । --- फिर शुरू हो जाओ दोस्तों ---


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राजनैतिक लोगो की छवि चंद लोगो के कारण पहले से ही ख़राब है । अब अगर आस्था और चंद वोटो के लालच में राजनैतिक दल बलात्कारी को बचाने लेगेंगे तो आसाकाम आसकाम ही समझेगी जनता ।
क्या बलात्कारी और क्रूर हत्यारा केवल उम्र के आधार पर नाबालिग हो सकता है ? वैसे बहुत से घरो में उम्र का हिसाब सही नहीं होता । क्या ऐसे मामलों में एक मेडिकल पैनेल और जिसमे मनोवैज्ञानिक भी हो उनकी राय भी जरूरी होनी चाहिए ऐसे लोगो की सजा तय करते हुए ।
आसाकाम [राम तो ये हो नहीं सकते,इनका उचित नाम यही लगा ] कहा छुपे है और और छुप छुप कर क्या विशेष काम कर रहे है की देश का कानून और पुलिस उनके सामने बौनी हो गयी है । उनकी पी आर ओ ही बता सकती है । भटको मत पुलिस के लोगो पी आर ओ से पूछो ।

शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

सुना है ,आगामी २ अक्टूबर ,यानी अहिंसा के पुजारी ,महात्मा गाँधी के जन्मदिन पर, दूसरो को अपने से ज्यादा अपनाने की शिक्षा देने वाले, भगवान श्रीकृष्ण की मथुरा में, गाँधी जी की हत्या करने वाली और हिटलर को आदर्श मानने वाली जमात के लोगो और हिटलर के आधुनिक अवतार का हल्ला बोल है । परमात्मा खैर करे और उत्तर प्रदेश के साथ साथ देश को कुछ अप्रिय होने से बचाए ।जय हिन्द ।
क्या राजनीतिक लोगो की तरह देश में सभी लोगो पर ये प्रतिबंध लगना चाहिए की जिस किसी पर कोई भी दो वर्ष की सजा वाला मुकदमा दर्ज हो जायेगा वो चपरासी ,सिपाही ,दरोगा ,लेखपाल से लेकर जज , पत्रकार और आई ० ए ० एस ० तक और प्राइवेट कंपनी की नौकरी से लेकर व्यापार करने तक हर चीज के लिए अयोग्य माना जायेगा । एम् पी ,एम् एल ए तो केवल पाच साल रहते है पर नौकरी वाले ६० साल तक और व्यापारी जिंदगी भर दागी होते हुए जनता का खून पीयेंगे । ऐसा हो जाये तो देश स्वर्ग बन जायेगा पर हाँ एक दिक्कत होगी की करोडो मुकदमे लिखने के लिए लोग कहा से आएंगे ?
प्लीस जिस तथाकथित ढोंगी बाबा की अभी उसकी पोती की उम्र की लड़की ने असलियत बताने की हिम्मत की है ,अरे वही जिसके पक्ष में बीजेपी पूरी ताकत से खड़ी है, उसका क्या होगा ? किसी दोस्त की वाल पर पढ़ा की लडके वालो ने लड़की को पसंद कर लिया तो बस एक अंतिम सवाल पूछा की इस बच्ची ने कभी उस बापू से आशीर्वाद तो नहीं लिया है न । आप लोग बताइए उसका क्या होगा ? नाम लिख कर मैं अपनी वाल क्यों गन्दी करूँ ।

गुरुवार, 29 अगस्त 2013

हिंदुस्तान आप को सलाम करता है मेजर ध्यानचंद । मेजर ध्यानचंद जिन्हें आज देश याद कर रहा है ,जिन्हें हाकी का जादूगर कहा गया उन्होंने जर्मनी में हिटलर के सीने पर चढ़ कर बता दिया था की भारतीय हिटलर को कुछ नहीं समझते है और न उनकी तानशाही की विचारधारा को स्वीकार करते है , और ठोक दिए आठ [ ८ ] गोल जर्मनी पर और हिटलर की मौजूदगी में जर्मनी को बुरी तरह हरा दिया ।
ध्यानचंद नही झुके और न हिटलर की लालच में आये और कह दिया सारे जहा से अच्छा हिन्दुतान हमारा । हिंटलर  किसी भी शक्ल में आये पर हिटलर को हिंदुस्तान पसंद नहीं करता है । जय हिन्द

पूर्वांचल में फिर बाढ़ का कहर

                                              टी वी पर अभी देख रहा था की पूर्वांचल में फिर बाढ़ का कहर हमेशा की तरह । पता नहीं कब तक उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल ,बिहार ,झारखण्ड ,उड़ीसा और बंगाल का कुछ हिस्सा क्यों अभिशप्त है हर साल ये आपदा झेलने को । मुझे याद है अपने बचपन की बाढ़े जब सरे खेत डूब जाते थे और पानी घर तक आ जाता था । क्या ऐसे इलाको या शहरो में रहने वाले लोग इस दृश्य की कल्पना भी कर सकते है जब लोगो के सामने खाने ,पानी पीने के संकट के साथ कुछ नित्य कर्म करने का भी संकट पैदा हो जाता है । जब अपने पालतू या यु ही पल गए जानवर बेहाल दिखाते है बिलकुल लाचार । इंसान की आँख में भी सिर्फ पानी होता है और आँख के सामने भी सिर्फ पानी होता है । क्यों गरीब नहीं होगा ऐसा इलाका जो हर साल ऐसी आपदा झेलता है । पढ़ लिख कर नयी पीढ़ी नौकरी करने लगी या शहरो में निकल कर मेहनत मजदूरी करने लगी ,फ़ौज में चली गयी वर्ना इतनी छोटी जोत वाले परिवारों की आज का दशा होती ।
                     दोस्तों इस दृश्य की और गरीबी कल्पना करो की जब बाढ़ से बेहाल लोग जान बचाने को भागे भागे फिर रहे है जिंदगी की अनिश्चितता लिए हुए तो वाही कुछ उनसे भी ज्यादा गरीबी झेल रहे लोग जान दाव पर लगाकर उन्ही घरो में चोरी कर रहे है और फिर घर के आदमियों को जान जोखिम में डाल कर पानी में भीगा हुआ अपना सामान बचाने के लिए छतो पर और पेडो पर बैठ कर अपना सामान बचाने को रखवाली भी करनी पद रही है ।
                        मैं निवेदन करता हूँ अपने मुख्यमंत्री से की जाकर इस बाढ़ की भयावहता को देखे और प्रशासन से लेकर अपने संगठन ,विधायक , प्रत्याशी और सांसदों को पूरी इमानदारी से वही रह कर लोगो की मदद करने का निर्देश दें और कुछ अतिरिक्त सहायता भी । मैं तो बीमार होने के कारण और अपनी परिस्थितियों के कारण लाचार हूँ ।
                       जापान में तबाही आई तो वहां के व्यापारियों ने लोगो को बिना मुनाफे के सामान दिया कुछ दिनों तक ,, लोगो के लिए पानी की व्यवस्था किया जिसे जितना संभव था । जहा तबाही नहीं आई थी वहां के लोगो ने हर तरह की मदद किया । प्रशासन ने पूर्ण इमानदारी से लोगो के लिए दिन रात एक कर दिया । क्या यहाँ ऐसा हो सकता है ? देखते है । जय हिन्द ।

शाहरुख़ खान और सलमान खान की हिम्मत देखिये -पहुच गए जन्माष्टमी मनाने । अब ये भी कोई बात हुयी पता नहीं कितने लोगो का धर्म भ्रष्ट हो गया । इतनी हिम्मत की ये लोग खान होते हुए सारे हिन्दू धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते है और अपने घरो में भी मनाते है । ये भी कोई बात हुयी । तोगड़िया साहब ,सिंघल साहब और मोदी साहब आप लोगो के होते हुए हिन्दू धर्म के साथ ऐसा ???
अंग्रेजो के बनाये एक कानून पर पुनर्विचार करने की कसरत हो रही है संसद में । देखें इस भूमि अधिग्रहण बिल से किसान को क्या मिलता है ? क्योकि देश की दशा और दिशा ८० % किसान नहीं तय करता है बल्कि कुछ सौ उद्योगपति तय करते है और देश दिवालिया होने की कगार पर पहुच गया है । जय जवान ,जय किसान के नारे से देश मजबूत हुआ था । आज भी देश इन ८०  % लोगो को केंद्र में रख कर दशा दिशा तय होने लगे तो सब सम्हल जायेगा । १९६२ में किसान ने बेटे को भेजा सीना पर लड़ने को और घर का सोना और अनाज भी दे दिया । याद है किसी को की किसी पूंजीपति ने भी कुछ दिया था प्लीस बताइयेगा ।

बुधवार, 28 अगस्त 2013

मुझे यहाँ धमकी दी गयी कि ;; तेरी औकात ही क्या है जब गाँधी को गोली मारी जा सकती है तो तू क्या है ;;; मैंने इस महान हिन्दू वादी और मोदी भक्त का कमेन्ट डिलीट कर दिया और उन्हें ब्लोक भी कर दिया । कोई कम्प्लेंट भी नहीं कर रहा हूँ क्योकि मैं जनता हूँ की मिलावटखोर और कालाबजारिये मूलतः बहुत कायर होते है । हाँ मेरी आत्मा को बहुत दुःख होगा अगर मैं किसी इतने गंदे और कायर के हाथ से मरा । मौत तो सभी की होनी है एक दिन पर मुझ जैसे की मौत इंसानियत और देश के लिए होनी चाहिए ये इच्छा जरूर है । पर कायरो मेरी तुमसे लड़ाई और धार के साथ जारी रहेगी ।


नकली रास्त्र्वादियो से सावधान ---किसी मुसलमान ने वन्देमातरम नहीं गया या वहां से चला गया तो देश पर आफत आ गयी ,पर जब रहमान ने वन्देमातरम कुछ इस तरह झूम के गया की जिन्हें नहीं भी पता था उन्हें भी याद हो गया बंदेमातरम और ये गली गली पहुच गया तो वही ताकते मौन साध गयी । ये ताकते अपने संगठन के दफ्तर पर रास्ट्रीय झंडा नहीं फहराती है और जन गन मन रास्ट्रीय गान होने पर कुछ सेकेंड रुकने के बजाय उतनी देर भी जमाखोरी ,कालाबाजारी और मुनाफाखोरी में व्यस्त रहती है की कुछ सेकेंड भी बरबाद क्यों करे तब इनकी देश भक्ति कहा चली जाती है ?? जय हिन्द ।
मैंने भगवान कृष्ण पर बहुत अच्छा लेख यहा पोस्ट किया पर सभी नकली हिंदूवादी मौन ,न लाइक न कमेन्ट , आज असली हिंदुस्तान का एक चित्र पोस्ट किया जिसमे एक मुस्लिम परिवार अपने बच्चे को कृष्ण बना कर ले जा रहा है पर ये चुप या इन्हें सांप सूंघ गया ।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को धन्यवाद की उन्होंने हमें शर्मिंदा करने वाले विधायक [ गोवा वाले ] और अन्य दो लोगो सहित कई लोगो को बाहर का रास्ता दिखा दिया ,उनके कारनामो का बचाव नहीं किया । सच्चे समाजवादी ,सच्चे कार्यकर्ता और जनता इसी तरह का सख्त और तुरंत होने वाला फैसला देखना और सुनना चाहती है । जैसी मुझे शुरू से ही उम्मीद थी अखिलेश जी ने वैसा ही कठोर और तत्काल निर्णय लेना शुरू कर दिया । ढेरो बधाइयाँ और शुभकामनाये ।
पता नहीं इस विधायक को क्या सूझा था ,जब की पूर्व में बीजेपी के रास्ट्रीय महामंत्री और संघ के मजबूत संजय जोशी की सी डी और उनका परिणाम देश ने देखा है । कनाटक में बीजेपी के विधायको का कृत्या सभी को याद है । अभिषेक मनु सिघवी अभी ताजे है और उन्ही के साथ मध्यप्रदेश के बीजेपी के मंत्री राघव जी अभी तक चर्चा में है और परिणाम सबको मालूम है ।
कई संतो की क्रीडा को देश ने देखा है और कोई बापू भी देश को डरा रहा है जिसके साथ बीजेपी मजबूती से खड़ी है । कई और राज और नवाबो के साथ कई चर्चित नेता अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके है फिर भी हमारे विधायक जी को क्या सूझी की गोवा कोई थाईलैंड है या वो सोच रहे थे की बीजेपी की तरह अखिलेश यादव उनके बचाव में खड़े हो जायेंगे ।
अब अपने बच्चो को ,परिवार को ,रिश्तेदारों को और जनता को कैसे मुह दिखलायेंगे ये जरा भी नहीं सोचा ??

मंगलवार, 27 अगस्त 2013

कहा हो कृष्ण ? कृष्ण को फिर से आना ही होगा


                                                       कृष्ण को फिर से आना ही होगा                                                                                                                                               
                                                                                                                                                                  आज कृष्ण को फिर से आना ही होगा| अब कब आयेंगे कृष्ण ?.वो कब मानेंगे की पाप का घड़ा भर गया ?कब मानेंगे की समाज व्यवस्था को गालियों  की संख्या सौ नही करोडो से ज्यादा हो चुकी है ?कब मानेंगे की एक द्रोपदी नही बल्कि रोज कही ना कही हजारो द्रोपदियों का चीरहरण हो रहा  है ?अब कब मानेंगे की चारो तरफ केवल पाँच  भाइयों का नही बल्कि करोडो  का अधिकार छीना जा रहा है ?केवल एक अभिमन्यू नही करोडो अभिमन्यू घेर कर धोखे से मारे जा रहे है |कब मानोगे कृष्ण की जमुना का पानी फिर जहरीला  हो गया है |तुम्हारे लोग उतने आजाद नही रहे की कही भी कुञ्ज गलियों में या उन खेतो और बागो में जब चाहे भ्रमण कर सके ,उन पेड़ो पर या उसके नीचे वैसे ही जा सके जैसें तुम्हारे साथ जाते थे  |तुम्हारी प्यारी नदी जिसके जहरीली हो जाने पर तुमने काली नाग का बध किया था ,वह और ज्यादा  जहरीली हो गयी है ,आदमी क्या पशु भी उसका पानी नही पी सकते है |तुम्हारा प्यारा दूध और मक्खन,उसमे भी लोग जहर मिलाने  लगे है |तुम तों सर्वज्ञ  हो तब तों निश्चित ही तुम्हे यह सब पता ही होगा |फिर भी संकट में घिरी द्रौपदी की तरह ही मै तुम्हे आवाज लगा रहा हूँ की अब तों आओ ना कृष्ण  |तुम सब जानते हो फिर भी आर्द्र स्वर पुकारेगा तों कुछ तों कहेगा ना ,कुछ तों शिकायत करेगा ना ,कुछ तों बताएगा ना और कुछ तों रूठेगा ना |कब आ रहे हो कृष्ण ?क्या तुम देख रहे हो उन लाखो लोगो को जो किसी भी उम्र के है ,पर तुम्हे बुलाने के लिए मीलो लम्बी परिक्रमा करते है ,कभी गोवर्धन की तों कभी वृन्दाबन और कभी बरसाने की |कुछ लोग तों पूरे ब्रज की परिक्रमा कर डालते है |ऐसे भी तों है लाखो जो तुम्हे बुलाने को जमीन पे लेटे लेटे ही पूरी परिक्रमा कर डालते है मीलो की |जो चलते है छाले तों उन सबके पैरो में भी पड़ते है ,पर कभी सोचा की वह छोटा सा बच्चा ,वह कमजोर या भारी  भरकम औरत या आदमी जो ठीक से चल भी नही पाते है ,जब जब वे लेटे लेटे ही पलटी मारते हुए तुम्हे बुलाने के लिए यह मीलो लम्बी परिक्रमा करते है तों उनका बदन कितना छिलता है और कितना दुखता है ?तुमने ही तों उस महाभारत के  मैदान में अपना विराट स्वरुप दिखया था और कही दूर आती हुई तुम्हारी आवाज ने कहा था की दुनिया में जो भी है  वह तुम हो या वह सब तुममे  ही समाहित है |सब तुम ही कर रहे हो |सब तुम ही हो तों जब इन सबके शरीर घायल होते है तों तुम भी तों घायल होते होगे |वह सारा दर्द तुम भी तों महसूस करते होगे फिर भी ???और कृष्ण  जब सब तुम्ही हो और तुम्ही करते हो तों तों यह बिलकुल अबोध बच्चो का अपहरण ,हत्या ?द्रौपदियो का केवल चीरहरण ही नही बल्कि बलात्कार ?ये सारी मिलावट ,जमाखोरी ,अन्याय ,जुल्म ,शोषण ,गैर बराबरी क्या यह सब तुम्ही करते हो ?नही तों तुम्हे अब  इन सब कृत्यों पर  क्रोध नही आता ?क्या तुम्हारा न्याय का संकल्प कुछ कमजोर हुआ है या तुमने उस युग में इतनी मेहनत कर दी की इस कलयुग में लम्बे विश्राम का फैसला कर रखा है |जरा एक बार देखो तों अपने ही विराट स्वरुप के इन हिस्सों को भी | अगर कही ऊपर रहते हो तों एक बार झांक कर देखो अगर नीचे रहते हो तों उठ कर देखो और अगर हर जगह रहते हो तों जाग कर देखो आँखें खोल कर देखो तुम्हारा भारत बिना तुम्हारे चाहे और रचे ही महाभारत में तब्दील हो चुका है |देखो हर घर  में महाभारत ,हर गाँव में महाभारत ,हर जाति  और धर्म में महाभारत |पहले एक महाभारत हुई था तों सब ख़त्म  हो गया था और युधिस्ठिर रोये थे की ऐसा राज्य लेकर क्या करूंगा ,तुम भी जरूर अन्दर अन्दर बहुत रोये होगे ,क्योकि चारो तरफ कटे फटे ,टुकड़े टुकड़े मरे और घायल तुम्ही तों पड़े थे |पर अब तुम्हारे भारत में चारो तरफ महाभारत हो रही है ,की चाहे कितने भी मर जाये पर राज हमारा हो ,चाहे कितने  भी मर जाये नकली दवाई  से लेकर तमाम तरह की चीजे खा  पी कर पर सारी दौलत हमारी हो |कितना बदल गया ना तुम्हारा भारत कृष्ण ?क्या तुम आओगे या आज के कंसो  ,आज के दुर्योधनो से तुम  भी डरने लगे हो ?कुछ तों बोलो कृष्ण !तुमने कहा था की मनुष्य केवल चोला बदलता रहता है और बदल कर फिर पृथ्वी पर जन्म लेता है |देखो जरा गौर से देखो कही तुम्हारी सबसे ज्यादा प्रिय राधा भी तों कही किसी रूप जन्म लेकर किसी मुसीबत में तों नही है ,कही उसके साथ कुछ बुरा तों नही हो रहा है |तुम्हारी जोगन मीरा ,तुम्हारा दोस्त जिसे उस युग में तुमने सब दे दिया था ,इस युग में किस हालत में है |देखो वह द्रोणाचार्य ,कृपाचार्य अपनी भूमिकाये बदल तों नही चुके |अर्जुन रक्षा के स्थान पर कुछ और तों नही कर रहे ?भीम की ताकत कही लोगो की मुसीबत तों नही बन गयी है ?उस युग में जूए में सब हर जाने वाले राजपाट और पत्नी तक वो युधिस्ठिर कही तुम्हारे भारत की पीठ में छुरा तों नही घोंप रहे है ?तुम्हे तों सब याद होगा कृष्ण क्योकि जब सब तुम्ही से आते है और सब तुम्ही में विलीन हो जाते है तों तुम तों हर समय सबको देखते ही रहते होगे कृष्ण ?कुछ तों बोलो कृष्ण ,एक बार फिर वही विराट स्वरुप  दिखाओ और बताओ की अब क्या होने वाला है ?ये सब जो हो रहा है ,इसका क्या मतलब है ?व्याख्या  तों करो कृष्ण !तुम्हारा गीता का उपदेश बहुत पुराना पड़ चुका है |वह अब भारत को दिशा नही दिखा पा रहा है कृष्ण |देखो सभी तुम्हारे तुमसे रूठ जायेंगे और तुम भी कैसे हो गए हो ?उस समय तों छोटी छोटी बातो पर प्रकट हो जाते थे कही भी ,किसी की भी मदद करने को किसी को भी उबारने  को |तों अब क्या हो गया है? कोई नाराजगी है तों वह बताओ ना !देखो सब अधीर है तुम्हारे लिए की तुम कब आओगे ,कब उबारोगे भारत को इन ना ख़त्म होने वाली महाभारतो से |तब तों एक दो मौको पर ही झूठ और छल का सहारा लिया गया था ,अब तों केवल झूठ और छल से ही सब हो रहा है |ऐसा लगता है कि तुम्हारे   बारे में  नई दृष्टि से देखने तथा नए ढंग  से सोचने की जरूरत  है . क्योकि  कृष्ण तुम्हारा  मतलब तों था की  वो जो सदैव दूसरो का था ,दूसरो के लिए था .जिसकी जन्म देने वाली माँ पीछे छूट गयी  और पालने वाली बाजी मार  ले गई  ,जिसके दोस्त की चर्चा कही बहुत ज्यादा हुई  और भाई पीछे छूट गया था ,जिसकी पत्नी या पत्नियों को उनकी दोस्त राधा  से बड़ी जलन हुई थी  और हो सकता है आज भी हो रही हो ,जो एक साथ सोलह हजार को अपना लेने की क्षमता  रखता था  ,जो सत्ता को चुनौती देने की क्षमता   रखता था  और जिसने उस युग में एक युद्ध छेड़ दिया था  की जो खा नही सकता उस भगवान को क्यों खिलाते हो ,शायद सूघ भी नही सकता ,इसलिए लाओ मै खा सकता  हूँ मुझे खिलाओ और उन सब को खिलाओ जिन्हें भूख लगती है .केवल चुनौती ही नही दिया था  वरन जब मुसीबत आई थी तों सभी की रक्षा में आगे आकर खड़ा हो गया था यह तुम्ही तों थे कृष्ण  | .मै सोचता हूँ की इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए तुमने  कैसे अपनी छोटी सी उंगली पर इतना बड़ा पहाड़ उठाया होगा ,तुम्हारी  उंगली दुखी तों जरूर होगी और शायद आज भी दुख रही है कही इसोलिये तों नही तुम नही  आ रहे हो की उंगली पर पट्टी बांध कर बैठे हो  .लेकिन ऐसा लगता है की  उस पहाड़ के उठाने से ज्यादा तुम्हारे  नाम पर किये जा रहे पापो के बोझ से तुम्हारा  सर और पूरा शरीर दुख रहा है .कितना पैदल  चले थे तुम  कृष्ण ,नाप दिया पूरब से पश्छिम तक भारत को ओर दो छोरो को जोड़ दिया ,परिचय करा दिया इतने बड़े हिस्से का एक दूसरे से.कभी सोचता हूँ की यदि जूआ नही होता रहा होता तों क्या होता ,यदि द्रौपदी की साड़ी  भरी सभा में नही खींची गई होती तों क्या होता ,इतिहास कौन सी करवट लेता.भारत ,महाभारत होता या फिर भी भारत में तब भी  महाभारत होता ,सवाल बड़ा है जवाब आसान नही है .लेकिन कृष्ण तुम  आज मंदिरों में  फूल मालाओ ,भारी भारी  कपड़ो और बड़े बड़े मुकुटों के नीचे दब कर कराह रहे हो ऐसा लगता है कभी कभी | .कृष्ण तुम्हारा मतलब ही था  बड़े दिल वाला ,दूसरो को अपनाने वाला ,हर अन्याय से संघर्ष करने वाला आज अपने अस्तित्व के लिए कही तुम्ही  जूझ रहे हो कृष्ण |तुम्हे इस  संघर्ष से निकलना ही होगा और आकर फिर से कहना ही  होगा ;रे दुर्योधन मै जाता हूँ ,तुझको संकल्प सुनाता हूँ ,याचना नही अब रण होगा .जीवन जय या की मरण होगा ;तुम्ही बताओ की   कैसे तुम्हारी  दुखती उंगली का दर्द घटे ,कैसे तुम्हारे  सर और शरीर का बोझ हटे और सम्पूर्ण कलाओं का मालिक कृष्ण ,संघर्ष और न्याय का प्रतीक कृष्ण स्वतंत्र होकर फिर हमारे  सामने हो |विराट स्वरुप दिखाता हुआ ,आज के सन्दर्भ में गीता का ज्ञान देता  हुआ ,और इस सभी  तरह की महाभारतों से निकाल कर फिर से भारत को भारत बनता हुआ |अब तों आ रहे हो ना कृष्ण ,कृष्ण तुम आओ ना ,देखो सुनो मीरा कही अब भी गा रही है  और मीरा क्या उसके स्वर में स्वर मिला कर सब गा रहे है :मेरे तों गिरधर गोपाल दूजो ना कोय :
कुछ संगठन और नेताओ ने बड़ी संख्या में फेक अकाउंट बना रखा है लडकियों के नाम से और अनाप शनाप कुछ भी उल्टा सीधा पोस्ट करते है और कुतर्क के साथ भिड़े रहते है । इन संगठनो और नेताओ को अपने असली नाम से लोगो के सामने आने से डर क्यों लगता है । पर पता तो चल ही जाता है की पीछे कौन है । जो कहना है अपने असली चेहरे और नाम से कहो भाई लोगो । जय हिन्द ।

सोमवार, 26 अगस्त 2013

सच्चे साधू संतो ,सच्चे धर्मावलम्बियों ,सच्चे रामभक्तो और जागरूक तथा जिम्मेदार उत्तर प्रदेश की जनता को सलाम और आभार की आप सबने दंगइयो का साथ नहीं दिया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपने और संकल्प पर विश्वास जताया । उत्तर प्रदेश की जनता सचमुच महान है ।
अयोध्या में इस बार या तो प्रेस और टी वी के लोग दिख रहे है या पुलिस के लोग जनता ने इन लोगो को नकार दिया और अब इन लोगो को सोचना चाहिए की जनहित और विकास के सवाल पर बहस करें ,कुछ सोचे,और फिर कुछ समझ में आ जाये तब बोले अगली बार ।
वैसे जनता को पिछली बार की यद् है जब इन दिग्गजों को अपना मुह छुपाना पड़ा था अपने ही कारणों से । जय हिन्द ।
125 करोड़ के देश में एक लाख भी नहीं और और २० करोड़ से जायदा वाले प्रदेश में अपनी हरकतों के कारण २० हजार भी नहीं बचे भाई जी ।

रविवार, 25 अगस्त 2013

कही सुना था --------

धर्म को अगर राजनीती से जोड़ा जायेगा
बस्ती बस्ती अश्वमेघ का घोडा जायेगा ,
रामराज्य स्थापित  करने वालो से पूछो
क्या सीता को फिर से वन में छोड़ा जायेगा ।
आज २८ वें दिन भी बुखार । अब लगता है की ये साधारण वायरल नहीं है बल्कि कुछ और ही है । देखते है डॉ लोग क्या तय करते है अब । चलना ही जिंदगी है ।
फेंकू सरयू में अचानक कहा प्रकट होगा और क्या फेकेगा इस बार सभी इन्तजार कर रहे है ।
अपने को भगवांन राम की संतान कहने वालो का आज का सबसे बहादुरी वाला काम -- उन्होंने दिल्ली में छुट्टी होने के कारण आज बंद समाजवादी पार्टी के कार्यालय का बेजान बोर्ड तोडा । भगवान राम आज बहुत खुश होंगे तुम्हारे कारनामे से । आज संघ कार्यालय में इनके लिए एक एक किलो दूध ,राबड़ी डाल  कर पीने की व्यवस्था की गयी है । जय हिन्द ।
यहाँ मौजूद सभी तठस्थ और जागरूक लोग कृपया जरूर देखे ,आप मेरी वाल पर नीचे तक केवल २० पोस्ट देखिये की किस मुद्दे पर लोग बहुत कुछ कहते है और किन सवालो और तथ्यों पर पूर्ण मौन या नगण्य लोग लाइक करते है और बोलते है अपनी सुविधानुसार । आप सभी को भी स्पस्ट हो जायेगा और बहुत लोगो को आइना दिख जायेगा । क्यों जवाब नहीं दिया कुछ सवालो का कुछ मुद्दों का ?????????
अब मैं भी चुप हो जाता हूँ और चुप ही रहूँगा । अब मुझसे नाराज रहने वाले और मुझे गाली देने वालो को ये दोनों कम नहीं करना होगा ,न मुझे धमकी देनी होगी और न रोकना होगा । मैं अब सोचना समझना और लिखना बंद कर दूँ ऐसा सोच रहा हूँ । मैं ही क्यों करूँ ये सब ,मैं ही चौकीदार बन कर क्यों जागू और क्यों लोगो को देश और समाज के सामने आने वाले कल के प्रति आगाह करूँ ।
जबकि सत्ता ,सम्पत्ति और राजनीती को ओढ़ने ,बिछाने और खाने वाले लोग चुप रहते है और चाहते है की सभी चुपचाप तमाशा देखें । ठीक है मैं भी चुप हो जाता हूँ और हर जगाने वाले से कहूँगा ,खाओ ,खिलाओ ,और दबा कर सो जाओ ।
अब कोई चिंतन नहीं ,कोई चिंता नहीं ,। केवल कवितायेँ ,, गप्पें ,, चुटकुले और कुछ ऐसे फालतू लेख जो केवल मजे के लिए लिखे गए हो और उसके छपने और उससे पैसा मिलाने का चांस हो ।
अब तो खुश दोस्तों ,,और मेरे बोलने और लिखने से परेशानी महसूस करने वाले सभी दोस्त / दुश्मनों ।
मैं केवल अपना ज्ञान बढ़ाने को पूछ रहा हूँ -- की ,,, भगवान् राम की क्या जाति थी ?? और रावण की क्या जाति थी ? क्या ये सच है की रामचन्द्र क्षत्रीय थे और रावण ब्राह्मण ? यदि ये सच है और इनकी कथा भी सच है तो मुझे तो बहुत गुस्सा आ रहा है _--- रावण की बहन की नाक काटा था लक्षमण ने --- भगवान राम की पत्नी माता सीता का अपहरण किया था रावण ने ---- और ब्राह्मण रावण के पूरे खानदान का वध कर उसकी लंका को जला कर ख़ाक कर दिया था भगवान राम और उनके लोगो ने ।
अगर ये सच है तो क्या इस पुरानी घटना पर चर्चा नहीं होनी चाहिए ? क्या इन दोनों के समुदाय के लोगो को पुराना हिसाब किताब निपटाना चाहिए ????? दक्षिण में तो बहुत जगह रावण की पूजा भी होती है । क्या उस पर कोई आन्दोलन होना चाहिए ???
माफ़ कीजियेगा मैं अज्ञानी केवल जिज्ञासा वश पूछ रहा हूँ । जय हिन्द ।
बीजेपी ,आर एस एस ,विश्व हिन्दू परिषद् और इनके समर्थक सभी साधू संत तथा अन्य सभी समर्थक भी क्या एक सवाल का जवाब दे सकते है --- ६ साल आप की ही सरकार थी गली से दिल्ली तक तब आप को ये यात्रायें याद नहीं आई ?? तब भगवान राम की याद नहीं आई और क्या वो ६ साल मंदिर बनाने की याद नहीं आई ? या आपने शुरू किया था पर काम अधूरा रह गया ???? बड़ी कृपा होगी ,प्रदेश पर , देश पर , समाज पर और विशेषकर हिन्दू समाज पर अगर आप सभी कुछ जवाब दे सकें ;;;;;; प्लीस ।
जमाखोरी ,मिलावटखोरी और मुनाफाखोरी करने वाले कायर सारे काम कायरता से ही करते है । ये कभी कही बहादुरी से सामने नहीं आते बल्कि ये लोग या तो ये सारे काले कारनामे करते है या फिर किसी दीवार और कही खाली जगह लगे हुए नेमप्लेट या बोर्ड पर अपनी मर्दानगी दिखाते है । असली हिन्दू तो ऐसा नहीं होता है । जय हिन्द ।
फासीवादियो के साथ बड़ी दिक्कत ये है की वे आप के द्वारा उठाये गए सवालो के सीधे जवाब नहीं देते ,बहस में यकीन नहीं करते ,उन्हें नागपुर से और कुछ गिनी चुनी बची शाखाओ से जो रटा दिया जाता है बस वही बोलते और लिखते रहते है । तर्क और चर्चा में इनका यकीन ही नहीं है क्योकि ये हिटलरवाद में यकीन करते है ,तानाशाही में यकीन करते है । जय हिन्द ।
नपुंसक और कायर जो शायद अपनी बहन बेटी को भी नहीं छोड़ते है वही किसी अबला के साथ भी धोखे या ताकत से बलात्कार करते है ।

शनिवार, 24 अगस्त 2013

आज हाई कोर्ट ने नकली हिन्दुवों और नकली संतो के नकलीपन पर मुहर लगा दिया और अखिलेश यादव के फैसले पर भी मुहर लगा दिया । पर ये संविधान नहीं मानते ,ये देश का कानून नहीं मानते ,ये न्यायालय के फैसले नहीं मानते । जो ये कहेंगे बस वो सत्य ,जो कहेंगे बस वो ही कानून ,जो ये करेंगे बस वो ही सत्य । क्या फर्क है इनमे और हिटलर में ,इनमे और मुसोलिनी में ,या इनमे और किसी भी तानाशाह में ???
वैसे प्रदेश की जनता इन्तजार कर रही है की ये कोई जनविरोधी काम करे ,कही भी कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करे जनता इनसे इस बार खुद निपटेगी । जय हिन्द ।

शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

नकली हिंदुवादियो [ जिन्होंने पूरी आजादी की लड़ाई में अंग्रेजो का साथ दिया और स्वतंत्रता सेनानियों की मुखबिरी किया , आपातकाल में माफ़ी मांग कर आपातकाल का समर्थन किया , आजादी के तुरंत बाद रास्ट्रपिता महत्मा गाँधी की हत्या किया और सरदार पटेल द्वारा सारे जेल भेजे गए, जो केवल मिलावट ,जमाखोरी ,और मुनाफाखोरी करते है और हिन्दुओ को भी नहीं बख्शते है ] तुम्हे देश ने समाज ने और जनता ने पहचान लिया है ,इसलिए इस बार तुम्हारी दंगा कराने , बलात्कार करने , लूट कराने और हत्याए करने की साजिश कामयाब नहीं होगी ।
इस बार नकली संतो के सामने असली संत होंगे और नकली हिन्दू  के नाम पर कलंक दंगाइयों के सामने देश और प्रदेश की जनता होगी । क्योकि जनता ने भगवांन को सर्वव्यापी माना है और उन्हें कुछ सौ गज विवादित जमीन का विवाद नहीं बनाना चाहती है ,क्योकि जनता दंगे के बजाय शांति चाहती है , क्योकि जनता विकास चाहती है और इस जनता को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चिंतन और सपने तथा संकल्प पर विश्वास है ।
इसलिए इस बार तुम्हे जनता जवाब देगी और तुमको भी जनता को जवाब देना पड़ेगा । जय हिन्द

गुरुवार, 22 अगस्त 2013

                             ना दंगा -- न झगडा --न नफ़रत - केवल शांति - बस शांति - -और एकता
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------                                                                                                                                                                         उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे देश के दोस्तों एक बार फिर परीक्षा है जिसपर हमें खरा उतरना है । ये हम सभी को मिल कर तय करना है की किसी हालत में हम बटेंगे नहीं ,अपने हिंदुस्तानी होने के संकल्प से और रास्ट्रपिता महत्मा गाँधी के सिधान्तो से हटेंगे नहीं । कोई साजिश सफल नहीं होने देंगे ,कोई दंगा नहीं होने देंगे ।
देश देख चूका है ये सब और जान गया है की इन राजनीतिक साजिशो से देश को कुछ नहीं मिलता ,समाज को कुछ नहीं मिलता ,और मानवता तो जख्मी हो जाती है बुरी तरह । समाज बट जाता है ,विकास पिछड़ जाता है, अंत में हम केवल शर्मसार होते है और हाथ आता है केवल पचतावा । तो बाद में क्या पछताना ?
आइये पहले ही तय कर ले जैसा पूरे देश ने तय किया था जब अयोध्या पर अदालत का फैसला आना था । हम आप सबने मिल कर ऐसा माहौल बनाया था ,जगह जगह हर नागरिक खुद पहरेदार बन गया था ,और कुछ ताकतों की लाख कोशिश के बाद भी पूरा देश शांत रहा था ।
आइये फिर हम सब पहरेदार बन जाये ,हम सब उठ खड़े हो और एक दूसरे का हाथ पकड़ते जाये और उत्तर प्रदेश के २० करोड़ से लेकर देश के १२० करोड़ सब एक माला बन जाये अलग फूलो वाली । ऐसी माला जिसे कोई तोड़ नहीं सके । ऐसा हिंदुस्तान जिसे कोई कमजोर न कर सके । ऐसा हिंदुस्तान जिसने तय कर लिया है की धर्म और जाती के नाम पर कभी नहीं लड़ेंगे ।
अगर लड़ना ही है तो आइये लडें भूख से ,लडें बेकारी से , लड़े अशिक्षा से ,लड़े बुराइयो से ,लड़े बीमारियों से , लड़े गैर बराबरी से ,लड़े उंच नीच की खाई से, लड़े औरत आदमी के भेद से ,और लड़ना ही है तो लड़े आतंकवाद से ,लड़े मिलकर लड़े चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन से ।
क्या आपस में भी लड़ना कोई लड़ना है ? जय हिन्द  ।
आशाराम बापू क्या खाते है ,उपदेश के साथ देश को ये भी बताना चाहिए । मिल ही तो लें ,शादी से पहले -शादी के बाद टाइप तमाम नकली दुकाने बंद हो जायेंगी और लोग ठगे भी नहीं जायेंगे । आशाराम खुद भी तो बहुत कुछ बेचते है तो -- ----- बेचना शुरू कर दें ।
वैसे विजय चौक पर मोमबत्ती जलाने वाले और आन्दोलन करने वालें कुछ दो शब्द तो बोले ही -- प्लीस सस ।

सोमवार, 19 अगस्त 2013

मुझे १९९० / ९१ का समय याद आ रहा है । सब कुछ वैसे ही करने और गढ़ने की कोशिश हो रही है । ये अलग बात है की इनका चरित्र और झूठ उजागर हो चूका है ,देश एक बार छला जा चूका है इसलिए वो नारे नहीं है ,वो भीड़ नहीं है ,वो चौराहे चौराहे इंटों का शिलापूजन के नाम पर नाटक नहीं है जो पता नहीं कहा गयी पूरे देश से उनके पैसे वसूल किये गए थे ,, वो चप्पलों जिउन्हे खादों कहा गया था और पैर में पहने जाने वाली चीज को पूजे जाते इस देश ने पहली बार देखा था और कुछ ओगो ने पूजा भी था और उसके भी रुपये वसूल किये थे और पता नहीं वो चप्पलें कहा गयी और वो अरबो खरबों रुपये कहा गए ।
वही अयोद्ध्या जिसका मामला सर्वोच्च नयायालय में विचाराधीन है और वहां कुछ नहीं हो सकता उसी की परिक्रमा की जिद है । कभी कोई चौरासी कोसी परिक्रमा नहीं हुयी और जो थोड़ी बहुत होती थी उसका ये समय नहीं है । पर सवाल परिक्रमा का और आस्था का नहीं है बल्कि समय का है चुनाव की आहट तो अब आई है इसलिए पहले ये सब कैसे करते ? वही जिद है की हम कर के रहेंगे कोईकानून नहीं मानेंगे । पता नहीं वो रथ कहा गया जिसपर चढ़ कर दंगे भड़काए थे । उसका कम खत्म हुआ और भूल गए ।
जैसे सरकार बनी और राम को भूल गए थे । पूरे देश ने सुना था ये कहना की एक मंदिर के लिए हम अपनी सरकार नहीं गवा सकते । देश नहीं भूला है सूरमाओ का देश से सबसे बड़े आतंकवादी को सैकड़ो करोड़ रुपये के साथ कंधार पहुँचाना । कारगिल ,अक्षरधाम ,संसद ,किला भी नहीं भूला है । ताबूत तक की दलाली , नवरत्न कंपनियों की औने पौने में बिक्री , चीनी मिलो की बिक्री , सरकारी चीजो की बिक्री कुछ भी नहीं भूला है देश । कैमरे के सामने पैसा लेना ,पैसा भगवांन तो नहीं है पर भगवान् से कम भी नहीं है ये भी नहीं भूला है देश । बंगला देश की सीमा पर ११ जवानों की जली हुयी लाशें भी नहीं भूला है देश । देश न तो बस यात्रा भूला है और न कारगिल के बाद मुशर्रफ़ को बिरयानी खिलाना भूला है और मुशरफ का हमारे ही लाल कालीन पर थूक कर चले जाना भी नहीं भूला है ।
पर अब ये यात्रा करेंगे ,क्या करने को पता नहीं , मैंने कहा की केदारनाथ में काफी हिन्दू अभी तक गायब है वाही की सघन यात्रा कर लो शायद कोई बच्चा या बूढा वह भूखा मर रहा हो  मिल जाये या इतनी बड़ी संख्या हिन्दुओ के हित में इकट्ठी हो रही है तो तमाम लोगो जो हिदू है उनकी लाशें ही उठा लाओ और उनके परिवारों को सौंप दो ।
हिन्दुओ की बहुत चिंता है तो जो अरबो रूपया प्रचार में ,दंगो की व्यवस्था करने में और इस यत्र में खर्च कर रहे हो उससे केदारनाथ त्रासदी के बाद बर्बाद हुए हिन्दुओ को बसने में खर्च कर दो ,, इन पैसो से जो लोग फुटपाथ पर जीवन बिता रहे है उन्हें छत देने पर खर्च कर दो , ये पैसे जो हिन्दू औरतें शरीर बेच कर जीवन जी रही उन्हें उस नर्क से निकालने पर खर्च कर दो । ये पैसे गरीबी हिन्दू की बेटी के पीले करने में खर्च कर दो , ये पैसे उस हर हिन्दू बच्चे को जो स्कूल नहीं जा प् रहा है उसे पढ़ने पर खर्च कर दो ।
पर नहीं दोस्तों तुम्हे हिन्दू और मंदिर या धर्म और परंपरा से कुछ नहीं लेना देना ,बस तुम्हे दंगे करवाना है और किसी भी तरहं सरकार बनाना है जिसमे तुम इस देश पर किसी हिटलर को लाद सको और लोकतंत्र को ख़त्म कर तानाशाही शासन स्थापित कर सको जिसमे तुमसे असहमत हर किसी को मौत के घाट उतारा जा सके ।
पर देश को याद है की जब पिछली बार तुमने देश में इतनी बड़ी नफ़रत की खेती बोया था तब भी इस देश म इ तुम्हे केवल २५ ? २६ % वोट ही मिला था । इसका मतलब १७ % मुस्लिम को अलग भी रख दें तो भी देश के ५८ % गैर मुस्लिम ने तुम्हे तब भी वोट नहीं दिया था यानि स्वीकार नहीं किया था । कोई कह रहा है की गुजरात में २५ % मुसलमानों ने तुम्हे वोट दिया । जब डरा कर किसी को निकलने नहीं दॊगे और वह का मतदान भी तुम्हारे लोग करेंगे तो २५ क्या १०० % वोट तुम्हे ही पड़ेंगे । यही व्यवस्था तो ये लोग पूरे देश में लाना चाहते है ।
पर देश तब से अब तक बहुत बदल चूका है । उत्तर प्रदेश सरकार भी किसी ग़लतफ़हमी में नहीं है । इन लोगो को हरकतों को ,इनके हथकंडों को उत्तर प्रदेश पहचान चूका है । इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री किसी भी कानून विरोधी ,समाज विरोधी काम के खिलाफ बहुत सख्त है । कुछ भी करना तो सौ बार सोच कर करना । बस इशारा ही काफी है । उत्तर प्रदेश नए आयामों की और बढ़ रहा है ,उन्नति की इबारत लिख रहा है ,इसलिए उत्तर प्रदेशकी जनता  इसके रस्ते में आने वाले किसी को भी बरदाश्त करने को तैयार नहीं है । ये जनता इस बार जवाब खुद देगी । जय हिन्द ।

रविवार, 18 अगस्त 2013

एक बार देश की एक बड़ी पार्टी के नेता ने भाषण करते हुए कहा था की क्यों समस्या मानते है हम इसे ,ये पाकिस्तान बस एक जमीन का टुकड़ा ही तो है । आज ये टुकड़ा नासूर की तरह तकलीफ दे रहा है । दस दिन में बीस बार इसने सीमा की शांति भंग किया है और आज भी किया है ।
क्या ये छोटा सा टुकड़ा खरीदा जा सकता है या फिर इस पर जबरदस्ती हल या ट्रेक्टर चला कर जोत लो और बो लो । देखें क्या करते है वो नेता । और जिनकी आवाज वह सुनी जाती है जमीन का टुकड़ा उनके खेत से भी लगा है और उस जमीन वाला उनके खेत को भी रौंदता रहता है । पर वो भी दूसरे की तरह केवल भाषण देते है ,जबकि उनके पास भी ट्रैक्टर है ।
अब तो लगता है की जिसने सीमा पर खड़े होकर कहा था की मैं यहाँ खड़ा हूँ मेरे सामने ही जवाब दो । जब वो खेत का मालिक बनेगा तभी उस जमीन के टुकड़े की समस्या ख़त्म होगी । समझ गए न । जय हिन्द ।
नागपुर के एक संसथान ने अपने सभी विद्यालयो , शिक्षको और विद्यार्थियों को निर्देश जरी किया है की कोई अपना दिमाग इस्तेमाल न करे । बल्कि जो यहाँ से तय किया गया है पढ़ने को वही पढ़े । वो कुछ इस प्रकार है ;; क से मद ;; ख से मद ;; य से मद ;; ता से मद ;; व से मद ,, ज्ञ से भी मद;; और अगर अंग्रेजी पढ़ते हो तो भी ये फॉर मद ,सी फॉर मद ;;;वाई फॉर मद ;; से लेकर जेड फॉर मद । खबरदार जो किसी ने गलत पढ़ने की कोशिश किया तो । हाँ नहीं तो इसे कहते है असली भारतीय पढ़ाई ।
अच्छा दोस्तों अगर मैं अलगी २६ जनवरी को बाघा बोर्डर पर जाकर जोर जोर से भाषण दूँ और देश के प्रधानमंत्री जी को कोसूं और खूब चीखुं और गाली दूँ तो क्या मेरे भी देश  प्रधानमत्री बन जाने के कोई चांस बनते है । अगर हाँ तो मैं अभी से तयारी करूँ । पर पेड लाइव न्यूज़ मुझे कैसे मिलेगी ? क्या है कोई भविष्य में फायदा उठाने का इच्छुक पूंजीपती जो मुझे स्पोंसर कर दे  । जय हिन्द ।

शनिवार, 17 अगस्त 2013

देश का प्रधानमंत्री अब वादविवाद प्रतियोगिता से तय होगा शायद ? क्या इस प्रतियोगिता में कोई नियम है की कुछ निश्चित लोग ही भाग लेंगे या कोई भी भाग ले सकता है ? मैं हमेशा वादविवाद प्रतियोगिता में प्रथम आता रहा चाहे किसी स्तर की रही हो ,इसलिए पूछ रहा था । कोई नागपुर या अहमदाबाद से पूछ कर मुझे भी बता दें प्लीस ।

गुरुवार, 15 अगस्त 2013

आज का युग पूँजी की दौड़ का युग है पर दूकानदार भी कभी कभी दुकान पर ताला दाल कर छुट्टी रख ही लेते है ।
आज मैं अपने मीडिया के दोस्तों से बहुत दुखी हुआ हूँ । ये दिन देश मनाता है और लालकिला हो ,रास्त्रपति भवन हो या इंडिया गेट देश बोलता है देश सुनता है देश देखता है और दुनिया भी देखती है । न कोई व्यक्ति होता है और न कोई दल । नेता विरोधी दल और विरोध के सभी नेता भी इसमे शामिल होते रहे है ,सचमुच के बहुत बड़े बड़े नेता । इस देश में जयप्रकाश नारायण ,डॉ लोहिया ,आचार्य नरेन्द्र देव , अच्युत पटवर्धन ,चौ चरण सिंह , चंद्रशेखर ,अटलबिहारी वाजपेयी ,ज्योतिर्मय  बसु ,भूपेश गुप्त ,श्यामनंदन मिश्रा,सोमनाथ चटर्जी ,लालकृष्ण अडवाणी सरीखे विपक्ष के नेता हुए,आज सुषमा स्वराज है , तो तीस साल मुख्यमंत्री रहने वाले ज्योति बासु ,देश में अति लोकप्रिय हुए रामकृष्ण हेगड़े जैसे लोग भी हुए ,मजबूती में मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरो और मुलायम  सिंह यादव भी हुए ,लम्बे समय तक प्रकाश सिंह बदल है तो नवीन पटनायक भी है पांच बार के मुख्यमंत्री त्रिपुरा के सरकार जी भी है जिन्होंने आदर्श स्थापित किया है , बिहार को बदलने वाले नितीश कुमार है तो देश के नौजवान मुख्यमंत्री जिन्होंने क्रन्तिकारी फैसले लिए अखिलेश यादव भी है  ,,पर कभी ऐसा नहीं हुआ ,कही ऐसा नहीं हुआ । जो आज हुआ है आज मैं बहुत दुखी हूँ । हो सकता है संसथान की व्यापारिक मजबूरियां हो पर ३६५ दिन में से क्या केवल दो दिन वो उपेक्षित नहीं की जा सकती है ?
हो सकता है की मेरा अज्ञान हो क्योकि मीडिया में बैठे लोग इश्वर के बाद सबसे ज्यादा ज्ञानी होते है । पर लोकतंत्र में अपना दुःख प्रकट करने का अधिकार शायद खोया नहीं है ।
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना । महत्मा गांधी जिंदाबाद ,हिंदुस्तान जिंदाबाद । जय हिन्द ।
अपनी इस कविता की बाकी पंक्तियाँ फिर कभी ,, आज के दिन वो सब लिखना ठीक नहीं है । ये देश मेरा है किसी की खैरात नहीं है ,, इस देश की आजादी हमारे पुरुखो के खून से नही हुयी है ,उस वक्त अंग्रेजो का साथ देने वाले , स्वतंत्रता सेनानियों की मुखबिरी करने वालो और गद्दारी करने वालो की दें नहीं है । इसलिए उस प्रशिक्षण से निकले लोग क्या समझेंगे आज के दिन की कीमत । आलोचना हो पर मर्यादा के साथ । विरोध लोकतंत्र का आधार है पर दो दिनों को तो छोड़ दें ३६३ दिन तो हैं उसके लिए । पर कुछ लोग बहुत जल्दी में है और उन्होंने शायद लम्बे समय से जहाज से नीचे पैर नहीं रखा इसलिए उन्होंने सडको पर लिखा सन्देश नहीं पढ़ा की दुर्घटना से देर भली ।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकानाए । हम महान देश के वासी है और  जनसँख्या के बाद भी और इतने भ्रस्ताचार के बाद भी हम दुनिया की  ताकत है । इतनी अनेकता के बाद भी ,इतने षड्यन्त्रो के बाद भी और कुछ ताकतों के इतनी नफ़रत बांटने के बाद भी हम एक है , हाँ हम केवल हिंदुस्तान हैं । हमें कोई गिरा नहीं सकता ,हमें कोई मिटा नहीं सकता और हमें कोई तोड़ नहीं सकता । महात्मा गाँधी की अहिंसा और सुभाषचंद्र बोस का नारा जय हिन्द हमारी ताकत है । जय हिन्द ।

मंगलवार, 13 अगस्त 2013

आज आर बी एस कालेज जहा मेरा बचपन से काफी जीवन बीता और दयालबाग डीम्ड विश्वविद्यालय में क्रमशः १२३७ और करीब ९०० लैपटॉप बांटे गए । बांटना भी अच्छा लगा और बच्चो के चेहरे पर झलकती ख़ुशी भी बहुत अच्छी लगी । बहुत दिनों बाद शिक्षा के माहौल में जाना बहुत अच्छा लगा । कही बच्चो में मन में ये भाव था की जो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का वादा असम्भव लगता था वो सचमुच किया है अखिलेश यादव ने ।
पर पता नहीं ये भाव केवल आज का था या भविष्य में भी बना रहेगा और अखिलेश यादव से इन बच्चो की ये उम्मीद बनी रहेगी की वे और मजबूत हो, नेता और मजबूत हो तो बहुत कुछ होगा सभी के लिए । जो भी कहा जायेगा वो तो किया ही जायेगा और जो नहीं कहा जायेगा वो भी जनहित में किया जायेगा । उम्मीद पर दुनिया कायम है । जय हिन्द ।
 सिंगापूर की एक घटना है । भारत में जब इंदिरा गाँधी जी की हत्या हो गयी तो वहां के भारतीय लोगो ने उस घटना के खिलाफ जुलुस निकला और सिख विरोधी नारे लगाये । वह के प्रधानमंत्री ने तत्काल भारतीय समाज के प्रमुख लोगो को बुलाया और कहा की यदि आप लोग भारत की राजनीती यहाँ करना चाहते है तो तय कर लीजिये की या तो यहाँ के नागरिक बन कर रहिये और ये मामले यहाँ की सरकार पर छोडिये या फिर सभी लोग अपना सामान बांध ले और मैं भारत वापस जाने का इंतजाम कर देता हूँ । उसके बाद आज तक फिर कोई ऐसी घटना नहीं घटी ।इसलिए वो सिंगापूर है । जहा कोई उत्पादन नहीं है ,केवल ४५ किलोमीटर लंबा है पर जब मैं वहां गया था तो वहां का डालर भारत के ६ छ रुपये के बराबर था और आज ३० रुपये से कही ज्यादा है । वहां के प्रधानमंत्री ने पहले अपने घर के आसपास घास और पेड़ लगाया जब उग गया तो देश को संबोधित किया की जब कभी आप मेरे घर के आस पास से निकले तो परिवर्तन देखियेगा और अगर मेरा किया आप को अच्छा लगे तो आप लोग भी वैसा करने का प्रयास करे अपने देश को हरा भरा बनाये । आज सिंगापूर में आप कई दिन घूम लीजिये और धुल का कोई कण आपके कपड़ो पर नहीं मिलेगा । ---- जब ऐसा कडा फैसला ,सन्देश और ऐसा सकारात्मक नेतृत्व होगा तबन तब ये सब भी ठीक होगा और बाकि सब भी ठीक हो जायेगा । जय हिन्द । सिंगापूर की एक घटना है । भारत में जब इंदिरा गाँधी जी की हत्या हो गयी तो वहां के भारतीय लोगो ने उस घटना के खिलाफ जुलुस निकला और सिख विरोधी नारे लगाये । वह के प्रधानमंत्री ने तत्काल भारतीय समाज के प्रमुख लोगो को बुलाया और कहा की यदि आप लोग भारत की राजनीती यहाँ करना चाहते है तो तय कर लीजिये की या तो यहाँ के नागरिक बन कर रहिये और ये मामले यहाँ की सरकार पर छोडिये या फिर सभी लोग अपना सामान बांध ले और मैं भारत वापस जाने का इंतजाम कर देता हूँ । उसके बाद आज तक फिर कोई ऐसी घटना नहीं घटी ।इसलिए वो सिंगापूर है । जहा कोई उत्पादन नहीं है ,केवल ४५ किलोमीटर लंबा है पर जब मैं वहां गया था तो वहां का डालर भारत के ६ छ रुपये के बराबर था और आज ३० रुपये से कही ज्यादा है । वहां के प्रधानमंत्री ने पहले अपने घर के आसपास घास और पेड़ लगाया जब उग गया तो देश को संबोधित किया की जब कभी आप मेरे घर के आस पास से निकले तो परिवर्तन देखियेगा और अगर मेरा किया आप को अच्छा लगे तो आप लोग भी वैसा करने का प्रयास करे अपने देश को हरा भरा बनाये । आज सिंगापूर में आप कई दिन घूम लीजिये और धुल का कोई कण आपके कपड़ो पर नहीं मिलेगा । ---- जब ऐसा कडा फैसला ,सन्देश और ऐसा सकारात्मक नेतृत्व होगा तब कोई भारत में भारत को गाली नहीं देगा  ,ये सब भी ठीक होगा और बाकि सब भी ठीक हो जायेगा । जय हिन्द ।

सोमवार, 12 अगस्त 2013

अच्छा दोस्तों इमानदारी से एक बात बताना की मैंने अपने लिखने में किसी का नाम नहीं लिया ज्यादातर ,फिर मुझे गरियाने वाले कैसे समझ लेते है की मैंने उन्ही के बारे में लिखा है या उनके संगठन के बारे में लिखा है । चोर की दाढ़ी में तिनका सुना था ,क्या उसका यही मतलब था ।
कही इसका मतलब ये तो नहीं की मैं सच लिख देता हूँ और जिनके बारे में लिखता हूँ वो तो जानते ही है सच । इसलिए तिलमिला कर मुझे गरियाने लगते है ।
रोज मेरा लिखा पढ़ कर भला बुरा कहने वाले आज बहुत खुश है , ऐसा क्या बदल गया आज ? मैं तो वही हूँ ।
राहुल गाँधी देश के सामने आये किसी मुद्दे पर तत्काल कुछ कहते क्यों नहीं है । समझ नहीं पाते की कहना है या उस चीज की जानकारी उन्हें देर दे लगती है ??? कहा रहते है ? अख़बार नहीं पढ़ते और टी वी नहीं देखते है ? कोई कांग्रेस में उनका वफादार नहीं है जो तुरंत जानकारी भी दे और ये भी लिख कर देदे की क्या बोलना है । दिल्ली में नौजवान विजय चौक पर पहुँच गए चुप , एना ने आन्दोलन खड़ा कर दिया चुप ,चीन घुस गया चुप ,पाकिस्तान ने हमारे जवान मार दिए चुप ,कल आप की पार्टी और सरकार को खूब गलिय पड़ी चुप  । आखिर आप की प्रथमिकता क्या है राहुल जी ? देश में क्या होगा जब आप तुरंत बोलेंगे और देश ये समझ सकेगा की आप भी कोई जागरूक व्यक्ति या नेता है देश के ??? देश सब कुछ बहुत गौर से देख रहा है और आकलन कर रहा है । इतिहास खुद नही बनता बल्कि लोग बनाते है जिनमे बनाने का दम होता है । कठपुतलियां कभी न तो समाज बदलती है और न इतिहास बनाती है । बाबु समझे न ,खिलाडी है कोई अनाडी है कोई । जय हिन्द ।
देश के लिए बड़ी खुशखबरी है - हमारे प्रधानमंत्री 15 अगस्त को मुह खोलेगे और शायद कुछ किसी का लिखा हुआ पढ़ कर बोलेंगे भी ।
पर आप ये नहीं कह सकते की वो मुह ही नहीं खोलते ।खोलते है खाने के लिए ।क्या खाने के लिए ये मुझे कैसे पता लगेगा ।आप को पता हो तो बताना ।

रविवार, 11 अगस्त 2013

आज हैदराबाद में मंच पर बंगारू लक्षमण [ याद है न जो कैमरे पर घूस लेते पकडे गए थे बीजेपी के अध्यक्ष के रूप  ] को सम्मान के साथ बैठा कर देश को क्या सन्देश दिया गया की परिवर्तन के रूप में फिर से बंगारू लक्ष्मण जी और हाँ आज एक स्वामी जी ने भी बीजेपी को योगदान दे दिया है अपना भरी भरकम संगठन का विलय करके । देश सब जनता है और सब देख रहा है । जय हिन्द ।
आप लोगो ने अमेरिका के रास्त्रपति का भाषण सुना है । वो कहता है एस वी कैन ,एस वी विल { yes we can ,yes we will ] }  नक़ल तो वही करता है जिसके अपने पास अपना खुद का कुछ नहीं होता । बात करते है --- देश बदलेंगे >>>>>>>>>> <<<<<<<<<<?????????????
आज मैंने हिटलर के बारे में क्या लिखा की देखिये आज इ टी वी पर इस वक्त उसी पर कार्यक्रम चल रहा है । मेरी द्वारा शुरू की गयी बहस लगता है की हर जगह पहुँचाने लगी है । बहस तो कुछ तत्त्व  निकलेगा समुद्र मंथन की तरह ।
मेरी इच्छा आज कई लोगो को दूध पिलाने की है पर जो पास है उनके पास मैं बीमार होने के कारन नहीं जा पा रहा हूँ और जो दूर हैं वहां तो --- पर आज वो सभी शत्रुवत मित्र मेरी तरफ से अगर दूध पी लेंगे अपने आप ही तो बहुत अच्छा होगा । शायद उनका कुछ जहर कम हो जाये ।
किसी संघी या भाजपाई पर कुछ कहा नहीं की सैकड़ो तीर ,तलवार और बम लेकर आप पर टूट पड़ते है । बचाओ अपने को । इनका असली सिद्धांत ही हिटलर वादी है जिसमे किसी को इनके खिलाफ बोलने की आजादी नहीं है बल्कि विचार की स्वतंत्रता को छीन लेना चाहते है ये । गैस चैंबर में दाल कर मार देने का इरादा है उनका अपने सभी विरोधियो को ।
महत्मा गाँधी को मारा आज बेशर्मी से उनके नाम का सहारा लेकर अपना चेहरा छुपाते है , सरदार पटेल ने संघ पर पाबन्दी लगाया था और जेल में ठूस दिया था तो उन्हें खूब गलिय दिया था अब उनकी फोटो लियी घूम रहे है । दीनदयाल उपाध्याय ने थोडा अलग रास्ता लेने की कोशिश किया तो उन्हें प--- । बलराज मधोक ने थोडा मध्यमार्गी होने की कोशिश किया तो उनका हश्र --- अटलबिहारी वाजपेयी ने मध्यमार्गी रास्ता अपनाया तो उन्हें भी किनारे लगाने की कोशिश किया पर ब्राह्मण वोट और अन्य पार्टियों में केवल उनकी स्वीकार्यता के कारन स्वीकार करना पड़ा ।
तो हम ऐसे लोगो की औकात ही क्या है । कई स्थानों पर मैं इनका धमकिया सुन चूका हूँ । पर जब तक जीवन है मेरे विचारो की स्वतंत्रता नहीं छीन सकता है मिलावट ,जमाखोरी ,मुनाफाखोरी करने वालो का ये संगठन । जय हिन्द ।

गुरुवार, 8 अगस्त 2013

जब हाजी मस्तान का पैसा फिल्म में लगा तो उसने अपने कोई सही सिद्ध करने को पहली बार खलनायक को नायक बताने वाली फिल्म बनवाया । उसने ये सिद्ध करने की कोशिश किया की वो गुनाहगार नहीं है बल्कि और भी गुनाहगार है ।
उसके बाद से तमाम  डकैत और महा चोर दूसरो को चोर और डकैत सिद्ध करने में लगे है जिससे केवल उनको गुनाहगार लोग न  समझे । और सबसे ज्यादा उन्हें जो उन्हें निर्द्वन्द डकैती ,लूट और चोरी नहीं करने देते है ।
देखना दोस्तों किसी के बहकावे में मत आना अगर आप सच्चे हिन्दुस्तानी हो । हिंदुस्तानी केवल हिंदुस्तानी होता है और वो जाती और धर्म के आधार पर झगडा नहीं बल्कि शांति से जीना ,खुद भी तरक्की करना और देश को भी बहुत आगे ले जाना चाहता है ।
परन्तु देश में कुछ ऐसी ताकते है जिनकी आँखों में देश और समाज के लिए कोई सपने नहीं हैं ,कोई सार्थक सिधांत नहीं है और देश को सचमुच मजबूत बनाने का कोई संकल्प नहीं है ।
ये ताकतें केवल धर्म का खेल खेलती रहती है और जहा मौका लगता है जाती का भी और देश जो लाखो की क़ुरबानी से आजाद हुआ और बना उसे बर्बाद करना चाहती है । उनका एकमात्र इरादा है की किसी भी तरह सत्ता उनके हाथ आ जाये और फिर वो आत्मगौरव की बात कर हिटलर की तरह का राज स्थापित कर सकें । पर अप सब तो हिटलर के राज के बारे में भी जानते है और उसके परिणाम के बारे में भी ।
इसलिए सावधान रहकर ऐसी ताकतों पर निगाह भी रखना और उनके मंसूबो को नाकाम भी करना । ये लोग अब कभी भी देश को दंगे की आग में न झोंक सके ये जिम्मेदारी हमारी आपकी सबकी है । बस इस देश का एक ही नारा -- जय हिन्द ।

मंगलवार, 6 अगस्त 2013

एक नेता जिनके प्रदेश से उतराखंड की आपदा के लिए केवल २ करोड़ निकल पाए [ जबकि उनका कहना है की उनका प्रदेश देश में सबसे मजबूत है ] २ हजार करोड़ रुपये केवल अपने प्रचार पर [ नकली ] खर्च कर रहे है । मैं इनका नाम भी नहीं बताऊंगा ।
एक प्रदेश के एक नेता आजकल दूसरे धर्म के लोगो के नाम की फेक आई दी और वैसी ही पोशाक पहना कर अपना प्रचार करवा रहे है और अपना पाप धोने की कोशिश कर रहे है । मैं क्यों बताऊँ उनका नाम ।
आज फिर हमारे ५ सैनिक शहीद हो गए [ पाकिस्तानियों द्वारा बिना लदे धोखे से मार दिए गए ।] हमारी सरकार क्या कर रही है ? जवाब क्या हो ५०० नहीं तो फिर इस सरकार का क्या ?

रविवार, 4 अगस्त 2013

बड़ी ख़ुशी की बात है की देश से गरीबी, भूख ,अशिक्षा ,बेरोजगारी ,बीमारियाँ ,चीन से खतरा ,पाकिस्तान का आतंकवाद ,जो भी समस्यायें थी सब ख़त्म हो गयी है । और देश से तो सारी ख़त्म हो गयी है ।
अब जो भी समस्याएं बची है वो केवल उत्तर प्रदेश में है और उत्तर प्रदेश में केवल एक समस्या है की एक अच्छा पढ़ा लिखा नौजवान मुख्यमंत्री क्यों है ?
उससे भी जायदा समस्या ये है की इसके वादों को अविश्वसनीय मानते थे ,उसने वो सब इतने कम समय में पूरा क्यों कर दिया ? क्यों पढाई ,दवाई को  मुफ्त कर दिया ? क्यों किसान को पानी मुफ्त दे दिया और दे दिया ? किसान का खेत बिकने से क्यों बचा लिया ,उसे आत्महत्या करने से क्यों बचा लिया ,उसका ५० हजार का कर्ज क्यों माफ़ कर दिया ? नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता क्यों दिया जो देश में कोई नहीं दे रहा है ? बहनों को कन्याधन क्यों दे रहा है जो कोई नहीं दे रहा है मुसलमानो के साथ हिन्दुओ को भी तीर्थयात्रा पर पैसा क्यों दे रहा है ? मुफ्त एम्बुलेंस क्यों चलवा रहा है ? नए बिजली के सब स्टेशन क्यों बनवा रहा है ? इतने कम समय में तीन मेडिकल कालेज क्यों बनवा दिया ? मेडिकल कालेज में छात्रो के सीटें क्यों बढ़ावा दिया ? कर्मचारियों को इतनी सुविधाएं क्यों दिया ? शिक्षको को सुविधाओ के साथ सम्मान क्यों दिया ?
१५ लाख छात्रो को लैपटॉप क्यों दे रहा है ? हर जिला मुख्यालय को चार लेंन की सड़को से क्यों जोड़ रहा है ? तमाम अस्पताल और स्कूल क्यों बनवा रहा है ? एक्सप्रेस वे क्यों बनवा है ? सबको सम्मान क्यों दे रहा है ? बिजली का उत्पादन बढाने का इंतजाम क्यों कर रहा है ? नौकरियों की बाढ़ लाकर नौजवानों को रोजगार क्यों दे रहा है ?
पहले की सरकार की तरह दिन रात वसूली क्यों नहीं कर रहा है ,सबको पिटवा क्यों नहीं रहा है ? सबको अपमानित क्यों नहीं कर रहा है ? बेशकीमती जमीनों को कब्ज़ा क्यों नहीं कर रहा है ? पत्थरो का खेल क्यों नहीं खेल रहा है ? अपनी मूर्तियाँ क्यों नहीं लगवा रहा है ?
विकास के स्थान पर नफरत का खेल क्यों नहीं खेल रहा है ? प्रायोजित दंगे क्यों नहीं करवा रहा है ? धर्म और जाती के नाम पर नफ़रत क्यों नहीं फैला रहा है ? जाती और धर्म के नाम पर ढेरो मुकदमे क्यों नहीं लिखवा रहा है ?
राजधानी में चिकत्सा अधीक्षकों की हत्या क्यों नहीं करवा है ? विधायको से बलात्कार क्यों नहीं करवा रहा है ? किसी अभियंता को मरवा क्यों नहीं रहा है ?
क्या क्या बताऊँ की कितनी समस्याएं है और वो भी केवल उत्तर प्रदेश में । हाँ एक ख़ुशी की बात है की उत्तर प्रदेश की इमानदार व्यस्था और जिम्मेदार व्यवस्था के साथ और इस व्यवस्था में बैठे किसी के साथ पूरा हिदुस्तान खड़ा हो गया है । कभी उत्तर प्रदेश भारत को दिशा दिखता था ,नेतृत्व करता था ,किसी बहाने सही पूरा भारत उत्तर प्रदेश की व्यवस्था के एक छोटे से तुकडे तक के पीछे खड़ा हो गया है ,यहाँ तक की हिंदुस्तान की सबसे ताकतवर नेता भी उत्तर प्रदेश की एक कलम के पीछे कड़ी हो गयी है ।
हो गया न तय की देश में अब कोई समस्या नहीं है और जो है वो केवल उत्तर प्रदेश में है । जय हिन्द, जय समाजवाद ।