बुधवार, 4 सितंबर 2013

बंजारा जी अगर अब आप को अपने पापो पर अफ़सोस हो और फासीवादी को भगवान मानने के अभिशाप से मुक्त हो गए हो तो जेल से निकल कर पूरे देश को सारी सच्चाइयां बताइए और देश को फासीवाद के चंगुल में जाने से बचाइए । आपने जिस अशोक की लाट की शपथ लिया था उसकी मर्यादा बचाइए और मन से सलूट करते हुए बोलिए ; जय हिन्द ।

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