रविवार, 15 सितंबर 2013

मेरी समझ में नहीं आता की कुछ खास विचारधारा के लोग मेरी पोस्ट में घुस कर अपने घर की लड़ाई और रावण और कंस क्यों ढूँढ़ते है ?? मैंने तो कही किसी पार्टी और व्यक्ति का नाम नहीं लिखा ।
मैं कुछ अपने बारे में भी लिखता हूँ तो वे गुर्राने लगते है ।
अब क्या करूँ फेसबुक छोड़ दूँ या सोचना और लिखना बंद कर दूँ । अपने देश और समाज की चिंता करना बंद कर दूँ या आने वाली पीढ़ियों के प्रति इन्ही लोगो की तरह अपना दायित्व भूल जाऊं ??

कुछ लोग जब देश की आजादी के लिए लड़ रहे है थे तो कुछ ऐसे भी थे जो या तो घरो में बैठे थे या फिर स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अंग्रेजो से मिले हुए थे । उन्ही के अनुयायी ये सब कर रहे है ।

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