समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
गुरुवार, 5 सितंबर 2013
उत्तर प्रदेश के बाद आंध्र प्रदेश,आँध्रप्रदेश के बाद कर्नाटक और कर्नाटक के बाद झारखण्ड में भी झंडा गाड आये मुख्यमंत्री अखिलेश यादव । आगे आगे देखिये होता है क्या ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें