सोमवार, 16 सितंबर 2013

हिंदुवादियो ने अपने आदर्शो और अपने नेताओ का नाम लेना बंद क्यों कर दिया ?? क्या वे बिकाऊ और वोट दिलवाऊ नहीं लगते उन्हें ?? हेगडेवार से देवरस तक और मुखर्जी से वाजपेयी तक ।
आखिर उनके नाम के पीछे क्यों भाग रहे है जिनमे से एक की इन्होने हत्या किया था और उन्हें बहुत गलियां ही नहीं दिया था बल्कि उनकी हत्या को जायज बताने वाली किताबे यही छापते और बेचते है यानी रास्ट्रपिता महत्मा गाँधी जी ।
और जिन्हें इन लोगो ने बहुत गलियां दिया था जब उन्होंने गाँधी जी की हत्या होने पर संघ पर प्रतिबन्ध लगा दिया था और पूरे देश के संघियों को जेल भेज दिया था ,,यानि सरदार पटेल जी ।
नेता जी , नेहरु जी ,लोहिया जी और जयप्रकाश के नाम कब तक जपना शुरू करेंगे उसका इन्तजार है ।
पर इन्होने मान तो लिया की इनकी विचारधारा और कार्यक्रम बनाने वाले बस यूँ ही थे ।

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