शुक्रवार, 13 सितंबर 2013

आज दो फैसले हुए ---एक में सन्देश की अब बहन ,बेटी के साथ जोर जबरदस्ती किया तो जान से जाओगे ।
दूसरे में बताया गया ----विरोध करोगे या विरोधी विचार रखोगे तो जान से जाओगे और बहुत लोग जाओगे ।
आ गया हिटलर उसी लोकतान्त्रिक तरीके से बिलकुल वैसे ही दबे पाँव मैदान में आ गया अपना वही करीब ७० साल पुराने एजेंडे के साथ ।
एक का स्वागत और दूसरे से दहशत ।

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