सोमवार, 30 सितंबर 2013

पहली बार किसी राजनीतक रैली में विदेशी लोगो को मंच पर बुलाया गया और उनके सामने देश के प्रधानमंत्री का अपमान किया गया | जानकी ये रैलियां आपसी राजनीती के लिए होती है और मजेदार तो ये रहा की पहले कहा गया की हमारे प्रधानमंत्री का कोई अपमान नहीं कर सकता और फिर प्रधानमंत्री को पूरा अपमानित किया गया | फेकू की याददाश्त कमजोर है की कुछ सेकेण्ड पहले कहा गया भूल जाते है या फिर वही तुरंत तुरंत पर्ची आती है जो लिख कर आ जाता है वाही फेकू  बिना सोचे समझे बोल देता है | वाह रे फेकू |

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