दोस्तों क्या ख्याल है ? मैं फेंक नहीं रहा हूँ -- मैं जब केवल १० / १२ साल का था ,बहुत गरीब घर में पैदा हुआ था इसलिए फीस
देने के लिए मेरे पिता के पास पैसे नहीं थे । लेकिन जब पूरे जिले में केवल
कुछ सौ अखबार आते थे तो एक मेरे घर में भी आता था । मैं बहुत ज्ञानी था और
मुझे पता था की चीन से युद्ध हो रहा है । सेनाये जा रही थे पर अपने पिता
से छुप कर मैं फौजियों का स्वागत करने गया था । डर था की पिता मारेंगे ।तभी से फौजियों से मेरा रिश्ता है ।
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