मेरे वाल पर कुछ लोगो ने पता नहीं कहा के और किसके भाषण का जिक्र किया है । मैंने तो आज कोई भाषण नहीं दिया और अपने मुख्यमंत्री के मानवतावादी दौरे को देखा और मानव के प्रति उनके समर्पण के वक्तव्य को सुना । इसके अलावा भी आज कुछ हुआ है क्या ???
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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