रविवार, 1 सितंबर 2013

अभी अभी एक अखबार में पढ़ा की राजनाथ सिंह जी चेहरे पढ़ने का ज्ञान पा गए है । और लोगो ने भी अख़बार का समाचार पढ़ लिया होगा तो उनके घर के बाहर लाइन लग जाएगी कल से । वैसे अगर ऐसा है तो राजनाथ सिंह जी मेरे कुछ सवाल है कि चीन के राष्ट्रपति का चेहरा पढ़ कर बताइए की वो कब कब क्या करने वाले है ? पकिस्तान के सेनाध्यक्ष और प्रधानमंत्री का चेहरा क्या बताता है की अब वो क्या करने वाले है ? बंगला देश की सेना क्या करने वाली है ? अमरीका का राष्ट्रपति कहा कहा और कब कब हमला करने वाला है ?
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मन में क्या है ? वित्त मंत्री क्या करने वाले है ? राहुल गाँधी कब बोलेंगे ? वरुण गाँधी अगला जहरीला वाक्य कब बोलेंगे ? नरेन्द्र मोदी आप के बारे में क्या सोच रहे है और शीशा देख कर बताइए की नरेन्द्र मोदी के लिए आप का क्या गेमप्लान है ? सुषमा स्वराज आप और मोदी के बारे में क्या सोच रही है ? अडवानी जी क्या सोच रहे है ? संघ के लोगो का चेहरा देख कर बताइए की अब दंगे की क्या साजिश है और कब कब कहा से कैसे शुरू होगा ? भटकल को देख बताइए की उसके साथी कौन् कौन है और क्या क्या करने वाले है ? 
अच्छा सेठो का चेहरा पढ़ कर बताइए की कहा कहा जमाखोरी की है ? मिलावटखोर कहा कहा क्या के मिलावट कर रहे है ? बिचौलिए किस किस चीज में कितना कितना मुनाफा कम रहे है ? किस किस अधिकारी और नेता का कितना कितना पैसा कहा रखा है ?चेहरा पढ़िए उनका जो महगाई बढा रहे है और रूपया घटा रहे है । उनका भी जो देश का बेडा गर्क कर रहे है ।
आदरणीय राजनाथ सिंह जी अगर चेहरा ही पढना है तो उस बलात्कार पीड़ित लड़की का पढ़िए और बताइए उस पर क्या बीत रही है और उस जैसी सभी बेटियों का पढ़िए । चेहरा पढना है तो गुजरात में मारे  गए लोगो के परिवारों का पढ़िए की उन पर क्या बीती है । चेहरा पढना है तो उन सभी परिवारों का पढ़िए जिन्होंने अपने बच्चे या सुहाग या राखी खोयी है आतंकवाद में या देश की सीमा पर । चेहरा पढना है तो उन औरतो का पढ़िए जो शरीर बेचने को मजबूर है । चेहरा पढना है तो उन किसानो का पढ़िए जो आत्महत्या करने की सोच रहे है और उन्हें बचाने की सोचिये । चेहरा पढना है तो उन सभी बच्चों का पढ़िए जो सुबह सुबह निकल पड़ते है चौराहों चौराहों पर भीख मांगने के लिए । चेहरा पढना है तो उन सभी का पढ़िए जो फुटपाथ पर रहने और वही बच्चे पैदा करने को मजबूर है । चेहरा पढ़िए उन सभी का जो कई कई दिनों तक भूखे सो जाते है । चेहरा पढ़ना है उस अजन्मी बच्ची का पढ़िए जो पैदा होने से पहले ही मार दी जाती है और गुजरात में माँ का पेट चीर कर तलवार पर उछाली गयी थी ।
राजनाथ सिंह जी अपने चेहरा पढ़ने के हुनर का इस्तेमाल कर किसी को अपराध से बरी करने का अपराध तो मत करिए । जिसे दुनिया ने देखा है और जो आज भी लोगो के पास मौजूद है वीडिओ के रूप में उसे मत झुठ्लाइये । कर्नल जाफरी की मौत को दुर्घटना मत बताइए । सभी जातियों और धर्मो के लोगो की मौत का मजाक मत उड़ाइए । चौराहों पर जलाये लोगो को कार एक्सीडेंट मत बताइए । प्लीस राजनाथ सिंह जी अपने चेहरा पढ़ने के हुनर का इस्तेमाल इस देश के लिए ,समाज के लिए ,मानवता के लिए ,इंसानियत के लिए और  अछाइयो के लिए करिए ।  देश के विनाश का रास्ता बनाने के लिए नहीं ,देश को फासीवाद में झोंकने के लिए नहीं ,ये भारत है जर्मनी नहीं है इसलिए यहाँ कोई हिटलर पैदा करने के लिए नहीं । हाँ चेहरा पढ़िए भारत माँ को जिसे हिंदुस्तान भी कहते है और जिसके लिए सभी जाती ,सभी समाज और सभी धर्म के लोगो ने कुर्बानियां भी दिया और आगे बढाने में पूरा योगदान भी दिया वो माँ का चेहरा मैं पढ़ रहा हूँ और वो बहुत दुखी है और उसका चेहरा कह रहा है की मुझे बांटो मत ,मुझे काटो मत । पहले काट़ा था तो बहुत दर्द हुआ था और घाव आज तक नहीं भरा । अब फिर बाँटोगे और काटोगे तो मैं बहुत रोउंगी और फिर बचूंगी ही नहीं ।
मैं समझता हूँ राजनाथ सिंह जी आप का देश प्रेम ,इंसानियत प्रेम जाग गया होगा और अब आप चेहरा पढ़ कर किसी अपराधी को बरी  करने की भीख नहीं मांगेंगे । जय हिन्द ।

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