गुरुवार, 22 अगस्त 2013

                             ना दंगा -- न झगडा --न नफ़रत - केवल शांति - बस शांति - -और एकता
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------                                                                                                                                                                         उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे देश के दोस्तों एक बार फिर परीक्षा है जिसपर हमें खरा उतरना है । ये हम सभी को मिल कर तय करना है की किसी हालत में हम बटेंगे नहीं ,अपने हिंदुस्तानी होने के संकल्प से और रास्ट्रपिता महत्मा गाँधी के सिधान्तो से हटेंगे नहीं । कोई साजिश सफल नहीं होने देंगे ,कोई दंगा नहीं होने देंगे ।
देश देख चूका है ये सब और जान गया है की इन राजनीतिक साजिशो से देश को कुछ नहीं मिलता ,समाज को कुछ नहीं मिलता ,और मानवता तो जख्मी हो जाती है बुरी तरह । समाज बट जाता है ,विकास पिछड़ जाता है, अंत में हम केवल शर्मसार होते है और हाथ आता है केवल पचतावा । तो बाद में क्या पछताना ?
आइये पहले ही तय कर ले जैसा पूरे देश ने तय किया था जब अयोध्या पर अदालत का फैसला आना था । हम आप सबने मिल कर ऐसा माहौल बनाया था ,जगह जगह हर नागरिक खुद पहरेदार बन गया था ,और कुछ ताकतों की लाख कोशिश के बाद भी पूरा देश शांत रहा था ।
आइये फिर हम सब पहरेदार बन जाये ,हम सब उठ खड़े हो और एक दूसरे का हाथ पकड़ते जाये और उत्तर प्रदेश के २० करोड़ से लेकर देश के १२० करोड़ सब एक माला बन जाये अलग फूलो वाली । ऐसी माला जिसे कोई तोड़ नहीं सके । ऐसा हिंदुस्तान जिसे कोई कमजोर न कर सके । ऐसा हिंदुस्तान जिसने तय कर लिया है की धर्म और जाती के नाम पर कभी नहीं लड़ेंगे ।
अगर लड़ना ही है तो आइये लडें भूख से ,लडें बेकारी से , लड़े अशिक्षा से ,लड़े बुराइयो से ,लड़े बीमारियों से , लड़े गैर बराबरी से ,लड़े उंच नीच की खाई से, लड़े औरत आदमी के भेद से ,और लड़ना ही है तो लड़े आतंकवाद से ,लड़े मिलकर लड़े चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन से ।
क्या आपस में भी लड़ना कोई लड़ना है ? जय हिन्द  ।

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