जब भूमि अधिग्रहण कानून बना था तो बनाने वालो के दिमाग में केवल रेल लाइन , फ़ौज , एयरपोर्ट ,सड़क ,सरकारी दफ्तर , अस्पताल और स्कूल,कारखाने बांध और नहरें थी
। तबके लोग नहीं जानते थे की बिल्डरों के लिए किसानो की जमीन कभी जबरदस्ती
छीनी जाएगी । और देश में किसान की आवाज कभी ताकतवर बनी ही नहीं ।
दुर्भाग्य है । जय हिन्द ।
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