शनिवार, 31 अगस्त 2013

आसाकाम तो कही माल काट रहा है और मजे ले रहां है,  बलात्कार पीड़ित मानसिक और शारीरिक यातना झेल रही है और उसके पिता अनशन कर भूख झेल रहे है ,सरकार और पुलिस झख मार रही है ,भारत का संविधान कराह रहा है ,हम सब या तो तमाशा देख रहे है या लिख कर खीझ मिटा रहे है और कर्तव्य पूरा कर रहे है ,एक पार्टी बलात्कारी को बचा रही है ,अन्ना ,रामदेव ,किरन बेदी जैसे लोग मुह छुपा रहे है और भारत माता पता नहीं क्या सोच रही है , सीता को उठाने पर लंका को बरबाद करने वाले राम और द्रौपदी की साड़ी खींचने पर भारत को महाभारत बनाने वाले कृष्ण अभी और अनीति बढ़ने का इन्तजार कर रहे है और उनको मानने वाले उनका इन्तजार कर रहे है । मेरा भारत महान है ,हम क्या करे हम देवता नहीं है तुच्छ इन्सान है । वाह वाह असाकाम तू महान है ।

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