रविवार, 25 अगस्त 2013

अब मैं भी चुप हो जाता हूँ और चुप ही रहूँगा । अब मुझसे नाराज रहने वाले और मुझे गाली देने वालो को ये दोनों कम नहीं करना होगा ,न मुझे धमकी देनी होगी और न रोकना होगा । मैं अब सोचना समझना और लिखना बंद कर दूँ ऐसा सोच रहा हूँ । मैं ही क्यों करूँ ये सब ,मैं ही चौकीदार बन कर क्यों जागू और क्यों लोगो को देश और समाज के सामने आने वाले कल के प्रति आगाह करूँ ।
जबकि सत्ता ,सम्पत्ति और राजनीती को ओढ़ने ,बिछाने और खाने वाले लोग चुप रहते है और चाहते है की सभी चुपचाप तमाशा देखें । ठीक है मैं भी चुप हो जाता हूँ और हर जगाने वाले से कहूँगा ,खाओ ,खिलाओ ,और दबा कर सो जाओ ।
अब कोई चिंतन नहीं ,कोई चिंता नहीं ,। केवल कवितायेँ ,, गप्पें ,, चुटकुले और कुछ ऐसे फालतू लेख जो केवल मजे के लिए लिखे गए हो और उसके छपने और उससे पैसा मिलाने का चांस हो ।
अब तो खुश दोस्तों ,,और मेरे बोलने और लिखने से परेशानी महसूस करने वाले सभी दोस्त / दुश्मनों ।

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