फासीवादियो के साथ बड़ी दिक्कत ये है की वे आप के द्वारा उठाये गए सवालो
के सीधे जवाब नहीं देते ,बहस में यकीन नहीं करते ,उन्हें नागपुर से और कुछ
गिनी चुनी बची शाखाओ से जो रटा दिया जाता है बस वही बोलते और लिखते रहते है
। तर्क और चर्चा में इनका यकीन ही नहीं है क्योकि ये हिटलरवाद में यकीन करते है ,तानाशाही में यकीन करते है । जय हिन्द ।
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