गुरुवार, 29 अगस्त 2013

अंग्रेजो के बनाये एक कानून पर पुनर्विचार करने की कसरत हो रही है संसद में । देखें इस भूमि अधिग्रहण बिल से किसान को क्या मिलता है ? क्योकि देश की दशा और दिशा ८० % किसान नहीं तय करता है बल्कि कुछ सौ उद्योगपति तय करते है और देश दिवालिया होने की कगार पर पहुच गया है । जय जवान ,जय किसान के नारे से देश मजबूत हुआ था । आज भी देश इन ८०  % लोगो को केंद्र में रख कर दशा दिशा तय होने लगे तो सब सम्हल जायेगा । १९६२ में किसान ने बेटे को भेजा सीना पर लड़ने को और घर का सोना और अनाज भी दे दिया । याद है किसी को की किसी पूंजीपति ने भी कुछ दिया था प्लीस बताइयेगा ।

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