गुरुवार, 15 अगस्त 2013

आज मैं अपने मीडिया के दोस्तों से बहुत दुखी हुआ हूँ । ये दिन देश मनाता है और लालकिला हो ,रास्त्रपति भवन हो या इंडिया गेट देश बोलता है देश सुनता है देश देखता है और दुनिया भी देखती है । न कोई व्यक्ति होता है और न कोई दल । नेता विरोधी दल और विरोध के सभी नेता भी इसमे शामिल होते रहे है ,सचमुच के बहुत बड़े बड़े नेता । इस देश में जयप्रकाश नारायण ,डॉ लोहिया ,आचार्य नरेन्द्र देव , अच्युत पटवर्धन ,चौ चरण सिंह , चंद्रशेखर ,अटलबिहारी वाजपेयी ,ज्योतिर्मय  बसु ,भूपेश गुप्त ,श्यामनंदन मिश्रा,सोमनाथ चटर्जी ,लालकृष्ण अडवाणी सरीखे विपक्ष के नेता हुए,आज सुषमा स्वराज है , तो तीस साल मुख्यमंत्री रहने वाले ज्योति बासु ,देश में अति लोकप्रिय हुए रामकृष्ण हेगड़े जैसे लोग भी हुए ,मजबूती में मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरो और मुलायम  सिंह यादव भी हुए ,लम्बे समय तक प्रकाश सिंह बदल है तो नवीन पटनायक भी है पांच बार के मुख्यमंत्री त्रिपुरा के सरकार जी भी है जिन्होंने आदर्श स्थापित किया है , बिहार को बदलने वाले नितीश कुमार है तो देश के नौजवान मुख्यमंत्री जिन्होंने क्रन्तिकारी फैसले लिए अखिलेश यादव भी है  ,,पर कभी ऐसा नहीं हुआ ,कही ऐसा नहीं हुआ । जो आज हुआ है आज मैं बहुत दुखी हूँ । हो सकता है संसथान की व्यापारिक मजबूरियां हो पर ३६५ दिन में से क्या केवल दो दिन वो उपेक्षित नहीं की जा सकती है ?
हो सकता है की मेरा अज्ञान हो क्योकि मीडिया में बैठे लोग इश्वर के बाद सबसे ज्यादा ज्ञानी होते है । पर लोकतंत्र में अपना दुःख प्रकट करने का अधिकार शायद खोया नहीं है ।
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना । महत्मा गांधी जिंदाबाद ,हिंदुस्तान जिंदाबाद । जय हिन्द ।

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