सोमवार, 19 अगस्त 2013

मुझे १९९० / ९१ का समय याद आ रहा है । सब कुछ वैसे ही करने और गढ़ने की कोशिश हो रही है । ये अलग बात है की इनका चरित्र और झूठ उजागर हो चूका है ,देश एक बार छला जा चूका है इसलिए वो नारे नहीं है ,वो भीड़ नहीं है ,वो चौराहे चौराहे इंटों का शिलापूजन के नाम पर नाटक नहीं है जो पता नहीं कहा गयी पूरे देश से उनके पैसे वसूल किये गए थे ,, वो चप्पलों जिउन्हे खादों कहा गया था और पैर में पहने जाने वाली चीज को पूजे जाते इस देश ने पहली बार देखा था और कुछ ओगो ने पूजा भी था और उसके भी रुपये वसूल किये थे और पता नहीं वो चप्पलें कहा गयी और वो अरबो खरबों रुपये कहा गए ।
वही अयोद्ध्या जिसका मामला सर्वोच्च नयायालय में विचाराधीन है और वहां कुछ नहीं हो सकता उसी की परिक्रमा की जिद है । कभी कोई चौरासी कोसी परिक्रमा नहीं हुयी और जो थोड़ी बहुत होती थी उसका ये समय नहीं है । पर सवाल परिक्रमा का और आस्था का नहीं है बल्कि समय का है चुनाव की आहट तो अब आई है इसलिए पहले ये सब कैसे करते ? वही जिद है की हम कर के रहेंगे कोईकानून नहीं मानेंगे । पता नहीं वो रथ कहा गया जिसपर चढ़ कर दंगे भड़काए थे । उसका कम खत्म हुआ और भूल गए ।
जैसे सरकार बनी और राम को भूल गए थे । पूरे देश ने सुना था ये कहना की एक मंदिर के लिए हम अपनी सरकार नहीं गवा सकते । देश नहीं भूला है सूरमाओ का देश से सबसे बड़े आतंकवादी को सैकड़ो करोड़ रुपये के साथ कंधार पहुँचाना । कारगिल ,अक्षरधाम ,संसद ,किला भी नहीं भूला है । ताबूत तक की दलाली , नवरत्न कंपनियों की औने पौने में बिक्री , चीनी मिलो की बिक्री , सरकारी चीजो की बिक्री कुछ भी नहीं भूला है देश । कैमरे के सामने पैसा लेना ,पैसा भगवांन तो नहीं है पर भगवान् से कम भी नहीं है ये भी नहीं भूला है देश । बंगला देश की सीमा पर ११ जवानों की जली हुयी लाशें भी नहीं भूला है देश । देश न तो बस यात्रा भूला है और न कारगिल के बाद मुशर्रफ़ को बिरयानी खिलाना भूला है और मुशरफ का हमारे ही लाल कालीन पर थूक कर चले जाना भी नहीं भूला है ।
पर अब ये यात्रा करेंगे ,क्या करने को पता नहीं , मैंने कहा की केदारनाथ में काफी हिन्दू अभी तक गायब है वाही की सघन यात्रा कर लो शायद कोई बच्चा या बूढा वह भूखा मर रहा हो  मिल जाये या इतनी बड़ी संख्या हिन्दुओ के हित में इकट्ठी हो रही है तो तमाम लोगो जो हिदू है उनकी लाशें ही उठा लाओ और उनके परिवारों को सौंप दो ।
हिन्दुओ की बहुत चिंता है तो जो अरबो रूपया प्रचार में ,दंगो की व्यवस्था करने में और इस यत्र में खर्च कर रहे हो उससे केदारनाथ त्रासदी के बाद बर्बाद हुए हिन्दुओ को बसने में खर्च कर दो ,, इन पैसो से जो लोग फुटपाथ पर जीवन बिता रहे है उन्हें छत देने पर खर्च कर दो , ये पैसे जो हिन्दू औरतें शरीर बेच कर जीवन जी रही उन्हें उस नर्क से निकालने पर खर्च कर दो । ये पैसे गरीबी हिन्दू की बेटी के पीले करने में खर्च कर दो , ये पैसे उस हर हिन्दू बच्चे को जो स्कूल नहीं जा प् रहा है उसे पढ़ने पर खर्च कर दो ।
पर नहीं दोस्तों तुम्हे हिन्दू और मंदिर या धर्म और परंपरा से कुछ नहीं लेना देना ,बस तुम्हे दंगे करवाना है और किसी भी तरहं सरकार बनाना है जिसमे तुम इस देश पर किसी हिटलर को लाद सको और लोकतंत्र को ख़त्म कर तानाशाही शासन स्थापित कर सको जिसमे तुमसे असहमत हर किसी को मौत के घाट उतारा जा सके ।
पर देश को याद है की जब पिछली बार तुमने देश में इतनी बड़ी नफ़रत की खेती बोया था तब भी इस देश म इ तुम्हे केवल २५ ? २६ % वोट ही मिला था । इसका मतलब १७ % मुस्लिम को अलग भी रख दें तो भी देश के ५८ % गैर मुस्लिम ने तुम्हे तब भी वोट नहीं दिया था यानि स्वीकार नहीं किया था । कोई कह रहा है की गुजरात में २५ % मुसलमानों ने तुम्हे वोट दिया । जब डरा कर किसी को निकलने नहीं दॊगे और वह का मतदान भी तुम्हारे लोग करेंगे तो २५ क्या १०० % वोट तुम्हे ही पड़ेंगे । यही व्यवस्था तो ये लोग पूरे देश में लाना चाहते है ।
पर देश तब से अब तक बहुत बदल चूका है । उत्तर प्रदेश सरकार भी किसी ग़लतफ़हमी में नहीं है । इन लोगो को हरकतों को ,इनके हथकंडों को उत्तर प्रदेश पहचान चूका है । इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री किसी भी कानून विरोधी ,समाज विरोधी काम के खिलाफ बहुत सख्त है । कुछ भी करना तो सौ बार सोच कर करना । बस इशारा ही काफी है । उत्तर प्रदेश नए आयामों की और बढ़ रहा है ,उन्नति की इबारत लिख रहा है ,इसलिए उत्तर प्रदेशकी जनता  इसके रस्ते में आने वाले किसी को भी बरदाश्त करने को तैयार नहीं है । ये जनता इस बार जवाब खुद देगी । जय हिन्द ।

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