शनिवार, 10 जून 2023

ठहराव जिंदगी का

कभी कभी जिंदगी में 
गहरा ठहराव क्यों आ जाता है 
कि 
सब कुछ ठहर जाता है
ठहर जाती है सांसे 
और 
शरीर भी ठहराव का शिकार हो जाता है
मन ठहर जाता है 
तो 
मस्तिष्क भी ठहरा हुआ होता है
पूरा का पूरा अस्तित्व ठहर जाता है 
और 
लगता है कि 
तकदीर भी ठहर गयी है 
और तदबीर भी । 
लगता है 
चौराहे पर खड़े है 
साँसे रोके हुए 
और 
चारो तरफ से 
शोर मचाती गाड़ियां चली जा रही है 
और 
समझ ही नहीं आ रहा 
कि किधर जाये । 
ज्यो ही किसी तरफ पैर बढ़ाते है 
कोई तेज रफ़्तार गाडी और उसका शोर 
वापस पैर खीच लेने को मजबूर कर देता है 
और ठिठक कर वही साँस बांधे 
खड़ा रहने को मजबूर कर देता है ।
आखिर क्यों ऐसा ठहराव आ जाता है 
जिंदगी में कभी कभी ।