शनिवार, 23 दिसंबर 2023

जेल से छूटा था तभी

#ज़िंदगी_के_झरोखे_से 

42/43 साल पुरानी याद जब आंदोलन मे लाठीचार्ज के बाद  गिरफ़्तार होकर जेल गए और समर्थन में स्वतंत्रता सेनानी पूर्व सांसद कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया जेल में आ गए तो बरेली से कुँ सर्वराज सिंह भी । गिरफ़्तारी के अगले ही दिन राज नारायण जी और उनके आने पर प्रशासन तथा पुलिस के आला अफ़सर पहले ही हाज़िर और तुरंत रिहा करने को तैयार पर राज नारायण जी चाहते थे की कुछ दिन जेल में रहा जाए और राजनीतिक क्लास लगे । दिल्ली पहुँचते ही चंद्र शेखर जी को भेजा , फिर पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव , मधू दंडवते , इत्यादि लाइन लग गयी जेल में मिलने आने वालों की ।जब भी कोई आता एक तखत बीछ जाता और उस पर से भाषण होता । 
काफ़ी लोग तब पता नही कितने बड़े रहे होंगे जो जाति देखकर वोट पूछते है और पूछते है क़ि क्या किया ज़िंदगी में । 
रोज़ शाम को किसी विषय पर कमांडर साहब और मेरा प्रवचन होता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुमन जी का गाना भी । सब इसमें रुचि नही लेते बल्कि कुछ अपराधियों से दोस्ती गाँठते तो कुछ ताश खेलते पर बहुत इन चीजों में भी रुचि लेते । 
फिर 35 दिन बाद छूटे थे तो जेल से । वही से मिला मिला कुर्ता पजामा और जैकेट , चप्पल और जेल में बढ़ी दाढ़ी । वैसे सब गांधी आश्रम का है ।
अब जेल जाने पर मिलता है या नहीं ?

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