सोमवार, 5 अगस्त 2019

मौज मे भारत

मेरा देश तमाशा और मौज पसंद करने वाला देश है
जब भी कोई विदेशी आक्रमणकारी आया मेरा देश अपनी मौज मे रहा की हमे क्या मतलब राजा लोग जाने
और बार बार मुट्ठी भर लोह लूट कर ले गये ।
जब मुगल आये तब भी मौज मे रहा और आपसी मौज रहा और गुलाम हो गया मेरा देश
अंग्रेज आये फिर भी मौज मे रहा मेरा देश और गुलामी लम्बी हो गयी
फिर गांधी जी आये और करिश्मा कर दिया तब भी पूरा देश नही खड़ा हुआ पर अंग्रेजो की तादात से अधिक लोग खड़े हो गये
और आजाद हो गये हम
मिल गयी आज़ादी चुपचाप छुप कर वोट डाल कर सरकार बनाने और बदलने की
पर हमारी मौज खत्म नही हुई और अपने भविष्य के प्रति तटस्थता का भाव भी
पडते रहे आधे अधूरे वोट ।
आपातकाल भी लगा तब भी हमारी तंद्रा तब टूटी जब छुप कर बोट डालने का मौका मिला
आज भी मौज मे है मेरा देश ,निश्चिंत अपने भविष्य के प्रति तटस्थ ।
देखते है कि आगे क्या होता है ।
पर मौज लेने को मजबूर है मेरा देश और तमाशो पर ताली बजाने को भी ।

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