मेरा मानना है की भारत ने बहुत संघर्ष किया है और बहुत दूरी तय किया है तथा बहुत कुछ पाया भी है
पर हम भारत के लोगो के दिमाग मे हर वक्त सविधान , लोकतंत्र, अनेकता मे एकता तथा आज़ादी के प्रति प्रतिबद्धता और कर्तव्य करते हुये अपने अधिकारो के प्रति जागरूकता और समर्पण जरूर रहना चाहिये
यदि भारत चंद भटके हुये लोगो के साथ इन मूल चीजो के खिलाफत के बहाव मे बह जायेगा तो कही लिख कर रख लीजिये की हम बर्बाद हो जायेंगे ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
मंगलवार, 13 अगस्त 2019
संविधान और लोकतंत्र बडा है
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