2014 मे भारत आजाद हुआ और अभी सब कुछ इन 5 सालो मे ही तो हुआ
आज़ादी और राज्यो के विलय की प्रक्रिया अभी चालू है
ये मत पूछ लीजियेगा की आज़ादी की लडाई मे किन किन लोगो ने क्या क्या किया
और
ये भी नही की 47वाली आज़ादी के बाद किन लोगो ने अदालत मे मामला जाने तक 50से ज्यादा साल राष्ट्रीय झंडे को झन्डा ही नही माना और फहराया भी नही
आज़ादी , लोकतंत और संविधान उन्हे मंजूर ही नही था
और है भी नही
नाम मैं क्यो बताऊं ?
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
सोमवार, 5 अगस्त 2019
आज़ादी क्या 2014मे
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें