गुरुवार, 15 अगस्त 2019

स्वतंत्रता दिवस की बधाई , जय हिंद जय हिंद जय हिंद

मैने #प्रधानमंत्री का आज भाषण तो नही सुना
पर अभी उसके कुछ अंश पढे --
उनमे से 4 बातो का समर्थन करता हूँ --
बशर्ते ये खुद उनके प्रति इमानदार हो --
1- जल संजय का अभियान बहुत महत्वपूर्ण है भविष्य के लिए ।
2- जन संख्या नियन्त्रण का अभियान जरूरी है सभी के लिए
यध्यपि दर लगातार घट रही है पर और घटनी चाहिये ।
3- एक्सपोर्ट बढ़ना चाहिये क्योकी इन 5 सालो मे बहुत घटा है और इम्पोर्ट बढा है जिससे असन्तुलन पैदा हो गया है और अर्थवयवस्था चर्मरायी है
4- आधारभूत ढांचा विकास की कुन्जी है बशर्ते भ्रष्टाचार रहित हो ।
#वाजपेयी जी का नदियो को जोडने का सपना भुला दिया गया जबकी वो प्राथमिकता पर होना चाहिये था ।
उससे जल संकट , सिचाई संकट और बाढ के संकट से काफी मुक्ति मिलेगी ।
बेरोजगारी इस समय पिछ्ले 5 सालो की नीतियो के कारण चरम पर है ।
उसके लिए युद्ध स्तर पर प्रयास और बड़े फैसलो की जरूरत है ।
पता नही #रुपया गिर रहा है या देश की सरकार की इज्जत गिर रही है की #डालर प्रधानमंत्री जी की उम्र को पार कर गया (यही कहा गया था मनमोहन सिंह जी के समय )
#आतंकवाद केवल कश्मीर सीमा के कुछ क्षेत्र तक सीमित हो चुका है ।
बल्कि 2014 तक ही और ज्यादा टूट चुका था जो इन 5 सालो मे फिर सर उठाया पर वही तक क्योकी पी चिदंबरम ने अपनी दृढता और सूझ बूझ से उसे उसकी औकात बता दिया था ।
इसलिये आतंकवाद को दिन रात रटने और उससे देश को आतंकित करते रहने की कोई जरूरत नही है ।
कब तक कोसेंगे पहले की सरकारो को ? और ये बतायेंगे की आप कोई बहुत महान और सुपर मैं है और कोई क्रांती कर रहे है ।
आज अगर कुछ उपलब्धियां भी है तो उन सरकारो के सकारत्मक और सुविचरित फैसलो के कारण है ।
नोटबंधी खुद एक समस्या बन गयी और उसकी आशंका पहले ही दिन मनमोहन सिंह ने व्यक्त किया था लेकिन ये भी कहा था की राष्ट्र को बचाने की आइये मिलकर बात करे और हल निकाले जो मोदी जी ने नही किया और ये जो आप ने पैदा भी किया और पाला पोसा भी इसका खमियाजा देश बहुत दिन तक भोगेगा ।उस पर आप ने बोलना बन्द कर दिया ।
कोई गुजरात माडल था उसका अब कोई जिक्र ही नही करते आप ।
कोई अच्छे दिन नाम की चीज थी उस भी मौन ।
100 दिन मे विदेश से काला धन आने वाला था पर न उसकी चर्चा और न उन नामो का ही खुलासा कर रहे है आप जो विदेश से मिल चुके है ।
भ्रष्ट नेताओ और अधिकारियो तथा व्यापारियो के लिए 100दिन मे विशेष अदालते बनने वाली थी और उनपर फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह कार्यवाही होनी थी उस पर भी मौन है बल्कि उन आरोपो से घिरे लोगो की खुद की पार्टी मे शामिल कर रहे है ।
पैट्रोल 30 रूपये देने के वादे का क्या हुआ जब बाहर से अब मनमोहन से के समय से एक तिहाई दर पर कच्चा तेल आ रहा है
15 लाख तो आप अध्यक्ष खुद ही जुमला बता चुके है
पर 2 करोड हर साल नौकरी पर भी आप चुप है
जी एस टी को भी आज़ादी के बराबर दर्जा दिया आप ने लेकिन उसने व्यापार की कमर तोड दी और रोज परिवर्तन करने के बावजूद अभी तक देश पटरी पर नही आ पाया है ।
विदेश नीति पर मैने 15 मई 2014 को ही आशंका व्यक्त किया था की कही सालो की मेहनत बर्बाद न हो जाये ।
ये आप का दिल और आप के लोग जानते ही है की इस मामले
मे हम कहा खड़े है ।
मुझे लगता है कि किसी भी प्रधान मंत्री को अपने भाषण मे अपने पूर्व मे किये गये जनहित तथा देशहित के वादो के पूरा किये जाने और कहा तक हो गया बताना चाहिये
और अन्त मे भविष्य की बडी योजनाओ की घोषणा कर उस बातो के लिए सम्पूर्ण देश का आह्वान करना चाहिये और सहयोग मांगना चाहिये जो बडी चुनौतिया है और जिसमे पूरी जनता और सभी पक्षो की भागीदारी की आवश्यकता है ।
और अन्त मे कम से कम 15 अगस्त और 26 जनवरी को राजनीती और तुच्छ राजनीती से दूर रहना चाहिये और लगना चाहिये की सम्पूर्ण देश का राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री बोल रहा है ।
अन्त मे मीडिया के लिए -
मैं 2014 से हर साल इन्तजार करता हूँ की क्या टीवी के स्क्रीन को बराबर दो भागो मे बांट कर किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी लगातार पूरा भाषण दिखाया जायेगा जैसा उस वक्त किया गया था जब आधा आधा स्क्रीन पर प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी जी की दिखाया गया पूरे टाईम बल्कि कई टीवी वालो ने प्रधानमंत्री से ज्यादा मोदी जी का भाषण दिखाया था
और तब न किसी को स्वतंत्रता दिवस की गरिमा दिखी थी और न प्रधानमंत्री की ।
इस बार नही तो अगले साल शायद ऐसा दृश्य दिखे और कोई विपक्ष का मुख्यमंत्री उसी तरह दिखे ।
खैर 45 साल की सबसे बडी बेरोजगारी दर ,घटी हुई विकास दर ,घटे एक्सपोर्ट , घटी कृषी दर , बढे भ्रष्टाचार , कारगिल युद्ध से भी ज्यादा शहीद हुये सैनिको , देश पर 52 लाख करोड से 84 लाख हो गये कर्ज ,बेरोजगार हो गये 1करोड 10लाख लोग ,प्रति मिनट होते एक बलत्कार और जुमले पर झूमते मेरे देश को इस स्वतंत्रता दिवस की भी हार्दिक शुभकामनाएं ।
अब मोदी जी है तो जो भी करेंगे या बोलेंगे वो अपनी तय राजनीती और संघ के भावी एजेण्डे के तहत ही करेंगे ।
पर हम सब याद रखे की जब संघ ,हिन्दू महासभा इत्यादि अंग्रेजो के साथ खड़े थे तो लाखो लोग जेल मे थे या फिर लाखो फाँसी घर नही थे तो पेड़ो पर फासी से शहीद कर दिये गये या अंग्रेजो की गोलिया से शहीद हो गये ।
और उनमे से कोई न तो हिन्दू राष्ट्र के लिए शहीद हुआ था ,न खालिस्तान के लिए और न भारत मे किसी अलग राष्ट्र के लिए और न फ़ासीवादी तानाशाही व्यव्स्था के और न एक पार्टी की तानाशाही के लिए ।
ये सब शहीद अपने मूल अधिकार की सुरक्षा संपन्न राष्ट्र के लिए , आजादी के लिये और लोकतंत्र के लिए शहीद हुये थे ।
और सम्पूर्ण भारत को ये लगातार याद रखते हुये हर हाल मे शहीदो के सपनो और शहादत की लाज रखना चाहिये और अपने लोकतंत्र,सम्पूर्ण आज़ादी , सम्पूर्ण अधिकार और अपने संविधान की रक्षा करना चाहिये
सरकार चलाने को बहुमत देती है जनता पर खुद को और और शहीदो की शहादत से मिली उपलब्धियो को छीनने को नही ।
बहुमत तानाशाही करने का लाईसेंस नही बन सकता है किसी भी लोकतंत्र मे ।
पर जिन लोगो ने स्वतंत्रता अन्दोलन की पीठ मे छुरा घोपा और आज़ादी मिलने से न खुश थे ,न इस झंडे से और न संविधान तथा लोकतांत्रिक व्यव्स्था से वो ताकते रौदने और छीनने की भरपूर कोशिश पर देश को महात्मा गांधी जी की दृढता और सत्याग्रह का रास्ता अपना कर इन ताकतो का रास्ता रोका ही होगा ।
हा अच्छे अच्छा कपड़ो और लच्छेदार भाषण तथा पूरे विश्वास के साथ बोले जा रहे असत्य और जुमलो के लिए प्रधान मंत्री मोदी और उनकी सम्पूर्ण जमात को बधाई और स्वतंत्रता दिवस की भी हार्दिक बधाई ।
और भारत के अपने भाईयो और बहनो के लिए -
महात्मा गाँधी जिन्दाबाद , सुभाष चन्द्र बोस जिन्दाबाद ,भगत सिंह जिन्दाबाद , अशफाक उल्ला खां जिन्दाबाद , सभी शहीद जिन्दाबाद जी आज़ादी की लडाई मे हुये या उसके बाद होते रहे ।
इंकबाल जिन्दाबाद ।
जय हिंद जय हिंद जय हिंद ।

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