जहा तक मुझे याद है की आज तक के इतिहास मे सिर्फ एक बार अमरनाथ यात्रा पर हमला हुआ उसके बाद कश्मीर लोगो ने जाना बन्द कर दिया
और
तब से अमरनाथ यात्रा फौज या पुलिस नही बल्कि कश्मीरी लोगो के बूते सुरक्षित और सफल होती है
क्योकी ये यात्रा और टूरिस्म ही कश्मीर का आधार है ।
बाकी राजनीती अपनी जगह है ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
शुक्रवार, 2 अगस्त 2019
अमरनाथ यात्रा
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