जो सबको शिक्षा और सबक देते रहते है ईश्वर उनका भी सब देख रहा होता है ।
पता नहीं उनके लिए ईश्वर ने कब और कौन सा तथा कितना सबक तैयार रखा है ।
जो भी सबक मिलना हो जल्दी मिलना चाहिए वर्ना ईश्वर की सत्ता पर और न्याय पर प्रहनचिन्ह लगेगा ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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