शुक्रवार, 7 अगस्त 2015

हिंदुस्तान क्या सचमुच तमाशे का देश है । लोगो से कहो की चलो बिजली पानी भुखमरी गरीबी नौकरी और हक़ के लिए लड़ें । कोई नहीं आता ।आपातकाल लगा लाखो बंद हो गए पर एक कुत्ता नहीं भूंका ।
तमाशे के लिए घंटो खड़े रहते है हजारो ।क्रिकेट मैच में देश भर में कर्फ्यू लग जाता है ।कई टीवी सीरियल में भी कर्फ्यू लगता रहा है । फ़िल्मी तमाशो को देखने को लोग सर फट जाये पर लाइन में लगे रहते है ।
कुछ लोग ये समझ गए है की इस देश में कोई गंभीर विमर्श पर बात मत करो , गंभीरता से कुछ मत करो बस तमाशे करो लोग भी खुश और हम भी खुश ।
कल भी होगा एक तमाशा और चुनाव से पहले एक सीमा पर भी होगा ।उसका खामियाजा गरीब उठाएगा तो उसके लिए दस लाख ,कुछ मालाये और फ़िल्मी डायलोग और देशभक्ति के फ़िल्मी गाने मौजूद है ।
हमने तो सुना था की भारत विश्व गुरु था । किस चीज का तमाशो का ??

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