शुक्रवार, 7 अगस्त 2015

दूसरा --

लगातार कहा जाता है की संसद में 168 अपराधी है ।
तो दोस्तों आप के लिए बिजली पानी या अन्य लड़ाइयाँ लड़ते हुए कौन पिटता है और कौन जेल जाता है ।

एक प्रस्ताव हो जाये की देश में कोई धरना प्रदर्शन और आन्दोलन नहीं होगा या कानून में व्यवस्था हो जाये की आन्दोलन के मुकदमे आई पी सी में नहीं लिखे जायेंगे क्योकि आई पी सी में आप अपराधी हो ही जायेंगे ।

यदि इन मुकदमो में ब्रैकिट में आन्दोलन लिखा जाता या कोई और कानून होता तो आन्दोलनकारी और छात्र नेता अपराधी नहीं कहलाते ।

और अपराधियों को तो आप पहचानते है की कौन कौन है ।

या आप ने इतनी बड़ी तादात में अपराधियों को चुन दिया या फिर आप के वोट को और चयन को अपराधी बता कर आप सब को अपराधी बताया जा रहा है ।

बिचार जरूर करियेगा । या सरकार को कानून को बदलने को कहिये की आन्दोलनकारियो के लिए अलग कानून बने ।

समझ गए न ।

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