क्या
कुछ बददिमाग या दिमाग का इस्तेमाल ही नहीं करने वाले या दिमाग केवल विध्वंस
के बारे में इस्तेमाल करने वाले या भावहीन चीख चिल्लाहट करने वाले इस महान
लोकतंत्र के नेता हो जायेंगे ? कुछ चेहरे तो टी वी पर आते ही मन गिजगिजा
जाता है | देश इन्हें कैसे झेलेगा और ये देश का क्या करेंगे ?? क्या भारत
की वर्तमान लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर पुनर्विचार करने की जरूरत है ??
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