मंगलवार, 1 अक्तूबर 2013

भारत जैसे बड़े देश के अपने प्रधानमंत्री की बात से मुझे बहुत दुःख पहुंचा है और मैं अपना विरोध दर्ज करवाना चाहता हूँ | उनका ये कहना की किसी व्यक्ति के खिलाफ कई दल एक हो मुझे बहुत छोटी बात लगी | भारत को एक होकर खड़ा होना है तो चीन से और पाकिस्तान से निपटे ,आतंकवाद से निपटे ,भूख ,गरीबी ,बेकारी से निपटे ,मानवता विरोधी कार्यो से निपटे देश के अन्दर मौजूद इंसानियत के दुश्मनों से निपटे और साम्रदायिक विचारधारा से निपटे |
प्रधानमंत्री के मुह से किसी व्यक्ति का नाम लिया जाना उस व्यक्ति को बिना वजह नाम देता है और प्रधानमंत्री को छोटा करता है और प्रधानमंत्री जी आप केवल किसी पार्टी के नेता नहीं बल्कि मेरे प्रधानमंत्री भी है | इसलिए आप के इस वक्तव्य को मैं नकारता हूँ की ये एक व्यक्ति मनमोहन सिंह का बयांन है ये भारत के मेरे प्रधानमंत्री का बयान मानने और स्वीकारने को मैं तैयार नहीं हूँ | इस बयान के द्वारा आप को मुझे छोटा करने का अधिकार नहीं है और आप जिस व्यक्ति का नाम ले रहे है उसे आप हमारे ऊपर थोप नहीं सकते | वैसे भी किसी हिटलर वादी के लिए हिंदुस्तान और हिंदुस्तानियत में स्थान नहीं है |
प्रधानमंत्री जी अपने पार्टी की राजनीती में आप जो भी कहे पर ये बयांन वापस ले |

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