रविवार, 20 अक्तूबर 2013

सोना तो फिलहाल मिला नहीं . आर्कियोलागिकल सर्वे ऑफ़ इण्डिया ने कल ही कह दिया था कि सोना भूल जाओ . एक स्वप्न के आधार पर खुदाई का आधार अंधविश्वास हो या आस्था ,आज इक्कसवी सदी में जनता को जरूरत है अपने दिमाग की खुदाई करने की . स्वपन से १००० टन सोने की बात कहने वाले संत श्री के शिष्य स्वामी ओमजी ने मोदी समेत प्रदेश व केंद्र सरकार को चिट्ठी भेजी. गौर फरमाए .

आदरणीय नरेन्द्र भाई,

कानपुर की धरती पर आपका स्वागत करते हुए विनम्रता पूर्वक कहना चाहता हूं कि केंद्र सरकार तथा श्रीमती सोनियां गांधी पर हमला करने की हड़बड़ी में आपने संत की मर्यादा का भी उल्लंघन कर दिया है। सत्य संकल्प संत श्री स्वामी शोभन सरकार जी ने जो सपना देखा, वह इस राष्ट्र को विश्व की सबसे शक्तिशाली आर्थिक शक्ति बनाने का है। उसी सपने की तामीर के लिए स्वामी जी ने भारत सरकार को अमेरिका तथा ब्रिटेन दोनों देशों के पुर संयुक्त स्वर्ण भंडार से अधिक स्वर्ण उपलब्ध कराने का संकल्प लिया था। जिसके तहत उन्होंने केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन को पत्र भेजकर अनुरोध किया कि डौंड़ियाखेड़ा में एक स्थान की जीएसआई से करा ली जाए तथा यदि जीएसआई जांच में तथ्य प्रमाणित हों तो खनन कार्य करा लिए जाएं। स्वर्ण संपदा भारत सरकार के मुद्रा कोष को सौंप दी जाए। यहां तो केवल 1000 टन की बात है, शोभन सरकार ने तो राष्ट्र को 21000 टन स्वर्ण कोष उपलब्ध कराने का संकल्प अभिव्यक्त किया है। आप जैसे प्रभावशाली राजनेता से गुजारिश है कि अनर्गल प्रलाप करके समय न व्यर्थ करें। देश के सरकारी अमले सहित संसद में सभी दलों के प्रतिनिधियों तथा मीडिया भी आइए। श्री स्वामी शोभन सरकार से एक बार याचना करके तो देखिए, तत्क्षण यदि देश की आकांक्षाएं पूरी न कर दें तो आपके मित्र पत्रकार दीपक चौरसिया के सामने अपना सर कलम कराने के लिए वहीं हाजिर रहूंगा। चौरसिया जी ने पूछा है कि यदि सोना न मिला तो क्या ओम बाबा सर कलम करवाएंगे? मेरा जवाब है हां। हम रघुवंशी हैं, शोभन सरकार रघुवंश शिरोमणि। प्राण जाएं पर वचन न जाई। हम कहते नहीं जीते हैं। श्री शोभन सरकार जी के सपने पर आपकी प्रतिक्रिया तो आ गई। श्री महंत नृत्य गोपालदास जी, श्री लक्ष्मीकांत वाजपेई तथा कानपुर के भाजपाई एवं विश्व हिंदू परिषद के अगुवाकारों की प्रतिक्रिया भी अगर तीन बजे पूर्व कानपुर की जनता को सुनवा सकें तो सुनवा दीजिए। आपकी सरकार अटल जी के नेतृत्व में अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी है। तब आपकी सरकार काला धन स्विस बैंक से क्यों नहीं ला पाई। राम सेतु आपकी पार्टी की आस्था का विषय है। मेरा कहना है कि इस रामसेतु को स्वयं भगवान राम ने लंका विजय के बाद अयोध्या वापसी के समय पुष्पक विमान में बैठने के बाद विभीषण के अनुरोध पर ध्वस्त कर दिया था। इस तथ्य की पुष्टि पदम्पुराण से की जा सकती है। कृपया अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं विशेषत: सुधांशु मित्तल से कहिए कि अध्ययन कर लें, उसके बाद आस्था का विवाद खड़ा करें। आज आप सोशल मीडिया के सबसे बड़े हिमायती हैं। क्या वह दौर भी देश की जनता को याद दिलाएंगे। जब सैम पित्रोदा इस देश की कम्प्यूटीकरण की बुनियाद सी डाट परियोजना पर कार्य शुरू करके रख रहे थे। तब आपकी पार्टी श्री अटल बिहारी वाजपेई जैसे प्रभावशाली व्यक्ति के नेतृत्व में गली-गली यह दुष्प्रचार कर रहे थे कि यदि कम्प्यूटरीकरण हो गया तो देश बेरोजगारी के भंवर में फंस जाएगा। क्या आप आज स्वीकार करने का साहस करेंगे। आप लोगों का उस समय का स्टैंड गलत था। बोफोर्स में दलाली के अलावा आपने उसकी गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठाए थे, जो सोना के मनोबल पर विपरीत प्रभाव डालती थी। आपकी सरकार के कार्यकाल में बोफोर्स के दलालों का पर्दाफाश नहीं हो पाया तथा कारगिल युद्ध के दौरान यदि यह बोफोर्स न होती तो आपके देश की स्थिति क्या होती? क्या आपको देश को बताएंगे? टिहरी बांध के निर्माण के समय से ही अभी कुछ दिनों पूर्व तक आपकी पार्टी इसे देश के लिए भयंकर खतरा एवं अभिशाप बता रही थी। केदारनाथ त्रसदी के बाद यह बांध देश का रक्षक व वरदान बनकर सामने आया है। अगर यह न होता तो टिहरी के नीचे तबाही का जो आलम होता, उससे कम से कम आज आपकी जहां रैली हो रही, कानपुर बच न पाता। मोदी जी एक सवाल और भी आपकी पार्टी ब्रांडिंग करने के लिए जितना धन आज प्रतिदिन व्यय कर रही है वह काला है अथवा सफेद? क्या आप बताने की कृपा करेंगे। आप मीडिया की नजरों में देश के भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखे जा रहे हैं। आम जनता तथा देश का संत समाज कुछ बिंदुओं पर आपका नजरिया जानना चाहती है। मैं आम जनता और संतों के इन सवालों पर आपको सार्वजनिक बिंदुवार चर्चा करने के लिए सादर आमंत्रित करता हूं। एक लंगोटी, एक अंचला, एक मोबाइल मेरी कुल प्रापर्टी है। राजनीति में कोई रुचि नहीं है। लेकिन देश के आम अदने सड़कछाप नागरिक जो कुल वोटरों का लगभग पचास प्रतिशत होंगे, के सवालों के अलावा आपसे पूछना चाहता हूं खुले मंच पर समय देने की कृपा करें। एक प्रश्न और पूछना चाहता हूं, थल सेना अध्यक्ष के पद पर रहा वो व्यक्ति जो अपनी उम्र विवाद के कारण उस समय चर्चा में आया जब वो सेवानिवृत्त के करीब था, के तब के नासूम कथनों पर आपका क्या नजरिया है। आपके सबसे बड़े हिमायती बाबा रामदेव जी ने अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद पतंजलि योग पीठ की 80 एकड़ अवैध कब्जे वाली जमीन किन परिस्थितियों में कब्जा मुक्त की थी। क्या आप प्रकाश डालेंगे यदि आप प्रधानमंत्री होते और खजाने की कोई सूचना आपको मिलती तो आप क्या कार्यवाही करते क्योंकि वर्तमान कार्यवाही में आपको देश की जग हंसाई दिखाई दे रही है। अत: अनुरोध है कि कृपया समय दे दीजिए, संवाद हो जाए।

आभार, सम्मान एवं अभिवादन सहित भवदीय
ऊँ श्री शोभन आश्रम, शोभन कानपुर देहात।

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