मंगलवार, 8 अक्तूबर 2013

असाकाम के बारे में अब उनके कई शिष्य और शिष्याये बहुत कुछ बता रहे है | क्या बाकि भी ऐसे पाखंडियो के आश्रमों से भी ऐसी बातें उठेंगी ? या कौन पहले घंटी बांधे का इन्तजार ? बहुत सी शिष्याओ का संकट ये है की अब घर या समाज में कैसे लौटे ?? मैंने कई दिनों पहले ऐसा लिखा था | ये सब बाबा है या ---- और ये आश्रम है या कसाईखाना ? वाह रे धर्म के प्रचारको और वाह रे ऐसा धर्म | किसी भूखे को खाना मत दो ,किसी को पानी मत दो और अंधे होकर किसी को सब कुछ दे दो |

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