रविवार, 6 अक्तूबर 2024

सत्ता पार्टी का महामंत्री और प्रवक्ता होते हुए जब मैं धरने प्रदर्शन में शामिल हो जाता था ।

जिंदगी के झरोखे से ;

मेरी जिंदगी का ये भी एक पक्ष रहा है ।

1: क :

जब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता नारायण दत्त तिवारी जी का कालर एकड़ कर एक सिपाही खीचने लगा+++

आगरा के व्यापारियों में भाजपा की पहले भी पैठ थी और आज भी है । आगरा में ताज ट्रेपेजियम जोन के नाम पर आगरा का सबसे बड़ा उद्योग उजडने वाला था क्योंकि ताजमहल को प्रदूषण से बचाने का मामला जोर पकड़ चुका था और सर्वोच्च न्यायालय में जा चुका था । मांग ये थी आगरा के उद्योगों के कारण ताजमहल पीला पड़ रहा है इसलिए प्रदूषण  फैलाने वाले सारे उद्योग आगरा से 100 किलोमीटर दूर ले जाये जाए । आगरा में फाउंड्री का बड़ा उद्योग था और चमड़ा सहित अन्य उद्योगों को भी इसी श्रेणी में रखा गया था । पूरा व्यापारी समाज बर्बाद हो रहा था और मजदूर भी परेशान थे । इस सभी में बहुत गुस्सा था । भाजपा ने शायद 1992 की बात है , तब शायद कल्याण सिंह की सरकार बर्खास्त हो चुकी थी और राष्ट्रपति शासन लग गया था । तो इसका विरोध करने को लालकिले के सामने आगरा के रामलीला मैदान में लोगो को एकत्र किया था ।  मैं समाजवादी जनता पार्टी का प्रदेश का महामंत्री था जिसके प्रदेश अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव जी थे । हम भी अपने लोगो को लेकर जनता के हर मुद्दे पर अक्सर सड़क से जिलाधिकारी कार्यालय तक जूझते ही रहते थे तो यहां भी हाजिर थे ।  वहा कांग्रेस के लोगो ने पूर्व मुख्यमंत्री तथा उत्तर प्रदेश में विकास की इबारत लिखने वाले नारायण दत्त तिवारी जी को भी बुला लिया था । भाजपाई भाषण दे रहे थे तब तक तिवारी जी आ गए तो तिवारी जी का जनता पर जादू था और उनके आने से भाजपा तथा संघ की चमक खत्म हो रही थी तो तिवारी जी भाषण देते उसके पहले ही पुलिस पर संघी लोगो  ने पत्थर फेंक दिया ।बस फिर क्या था पुलिस का लाठीचार्ज शुरू हो गया । पुलिस के लोगो ने तमाम गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए । मेरी कार का भी अगला पिछला शीशा तोड़ दिया ।अति तो तब हुई जब एक सिपाही ने नारायण दत्त तिवारी जी का कालर पकड़ कर खींचना शुरू कर दिया तो हम सपा के कुछ लोग उधर दौड़े और चिल्लाए की ये पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी जी है तो वो सिपाही सकपका गया और ये आवाज सुनकर एक इंस्पेक्टर भागे हुए उनके पास आए और उन्हें  गाड़ी में बैठा कर रकाबगंज थाने ले गए । एन डी तिवारी जी पुराने जमाने के नेता थे तो अपने साथ कोई सुरक्षा नहीं रखते थे और उसके नाते उन्हें ये अपमान झेलना पड़ा । उनके साथ के लोग भी उस वक्त पता नही कहा भाग गए थे । तिवारी जी के पीछे पीछे  हम लोगो थाने पहुंच गए । वहा उनको थानाध्यक्ष के कमरे में एक चारपाई पर आराम करने को कहा गया था ।जब कुछ लोग एकत्र हो गए तो मैने महसूस किया की इस घटना के कारण पुलिस के अधिकारी परेशान थे । शाम होने लगी थी और प्रेस के लोग भी आ गए थे तो तिवारी जी ने पूछा की अगर मुझे गिरफ्तार किया गया है तो मजिस्ट्रेट के सामने पेश करो और जेल भेजो । तो अधिकारी ने जवाब दिया की नही केवल आप को विश्राम के लिए ले आए थे । मैने पूछा की विश्राम की जगह ये थाना कब से तय हो गया? क्या पूर्व मुख्यमंत्री को और इतने वरिष्ठ नेता को सर्किट हाउस नही ले जाया जा सकता था तो उस अधिकारी ने मुझे घूर कर देखा की मैं माहौल खराब कर रहा हूं और तिवारी जी से किले के पास की घटना के लिए खेद व्यक्त किया तो तिवारी जी पूछा की क्या मैं जा सकता हूं ? और अधिकारी के हा कहते ही हंसते हुए तिवारी जी उठे और अपनी गाड़ी में बैठ कर रवाना हो गए । मुझे तो अच्छा नही लगा था ये सब। कम से कम आगरा के कमिश्नर , डी आई जी , डी एम , एस एस पी को बुलाना चाहिए था और कुछ लोगो का सस्पेंशन होना चाहिए था । खैर ये मान कर की कांग्रेस का यही तरीका होगा हम भी मन मसोस कर घर रवाना हो गए । 
1: ख 

जब भाजपा के लोग ताजमहल में घुस कर तमाशा करना चाहते थे ++++++

इसके बाद उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव जी की सरकार आ गई थी तो फिर टी टी जेड विरोधी आंदोलन ने जोर पकड़ा । इस बार भाजपा कि साजिश भीड़ को लेकर ताजमहल में  घुस कर प्रदर्शन करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मामला उठाने की थी । मुझे उनका इरादा पता लग गया था । मैं समाजवादी पार्टी का महामंत्री और प्रवक्ता था । मैने मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी को फोन किया और उनको पूरी बात बताया तो वो बोले की पुलिस प्रशासन अपने आप देख लेगा की क्या करना है तो मैने कहा की मैं इस आंदोलन में हिस्सा लेना चाहता हूं क्योंकि मेरा मानना है की कोई बड़ी सचमुच की जान समस्या है तो उसे केवल विपक्ष के लिए राजनीति करने को क्यों छोड़ दिया जाए । मुलायम सिंह जी ने मुझसे पूछा की इरादा क्या है ? जरूर आप के मन में कोई प्लान है पर आप सत्ता पार्टी के पदाधिकारी है इसलिए ध्यान रखना की आप का कोई टकराव न हो और किसी गलत बात का आरोप आप पर न लगे तो मैने कहा की क्या आप को मुझपर विश्वास नहीं है तो वो बोले विश्वास है फिर भी सचेत करना मेरी जिम्मेदारी है । मुलायम सिंह जी बोले की मैं अधिकारियों को निर्देश दे दूंगा कि। आसपास ही रहे तथा आप के साथ कुछ गलत न हो तो मैने कहा की आप चिंता मत करिए मेरे साथ कुछ नही होगा बल्कि भाजपा वाले बाद में पछताएंगे की मुझे आंदोलन में क्यों शामिल होने दिया । मैने आगरा के कलक्टर तथा एस एस पी से बात कर लिया की वो लोग ताजमहल के पश्चिमी गेट पर पर्याप्त पुलिस रखे और खुद भी उस गेट पर मौजूद रेस्त्रां में रहे तथा नीचे के अधिकारियों को प्रदर्शन स्थल के पास रहने को कहे और ये भी कह दिया की यदि मैं माईक से आप लोगो को आने के लिए बोलूं तो तुरंत आ जाईएगा । 
भाजपा ने प्रदर्शन के लिए ताजमहल के पश्चिमी गेट के पार्किंग स्थल तक जाने की इजाजत पता नही कैसे ले लिया था वही भाजपा जो आजकल किसी को प्रदर्शन तो दूर घर से निकलते ही तमाम मुकदमे लगा देती है । एक ट्रक पर बहुत अच्छा माइक सिस्टम लगा था और भाजपा के नेता हो संचालन कर रहे थे तथा अपने नेताओ को ही बुलवा रहे थे और व्यापारी तथा मजदूर में भी अपने संगठन से जुड़े लोगो को ही बुलवा रहे थे । पोर उत्तेजना फैलाने वाला भाषण चल रहा था । थोड़ी देर तो मैं दूर से सुनता रहा फिर धीरे धीरे ट्रक के बिलकुल पास जा खड़ा हुआ तो ये लोग मुझे देख कर चौकन्ना हो गए ।एक नेता ने पूछा आप यहां कैसे तो मैने कहा की क्या आगरा मेरा शहर नही है ? मेरा शहर पहले और पार्टी बाद में है । फिर भी मुझे बोलने का अवसर नहीं देना चाह रहे थे तो मैने व्यापारियों की तरफ मुखातिब होकर जोर से बोला कि क्या ये केवल भाजपा का प्रदर्शन है ? क्या मुझे अपना समर्थन देने लिए नही मौका मिलेगा ।इसपर जो तटस्थ व्यपारी थे उन सबने मेरा साथ दिया की इनको भी बोलने दिया जाए । ये सत्ता पार्टी के नेता है इनकी बात भी सुन लिया जाए । 
बस माइक मेरे हाथ में आ गया । मैं ट्रक पर चढ़ गया और पहले मैंने अपना और मुलायम सिंह यादव जिला व्यापारियों को समर्थन देने की बात कहा तो भाजपा वाले सवालों से हूंट करने की कोशिश करने लगे पर माइक बहुत अच्छा तथा तेज था उसका फायदा उठा कर मैने भाषण देना शुरू किया तथा कहा की आप लोगो की तकलीफ जायज है और कुछ ताकते है जो आगरा को उजाड़ देना चाहती है पर मैं विश्वास दिलाता हूं की हम सब ऐसा होने नही देंगे । पूरा भाषण कर मैने लोगो से पूछा की आप लोग तय करो की क्या ताजमहल में घुस जाने से हम आगरा को बदनाम नही कर देंगे और हम अंदर हल्ला करेंगे तो विदेशी डर कर भागने लगेंगे तथा यह बदनामी अगर दुनिया में पहुंच गई तो लोग आगरा आना बंद कर देंगे ।हमारा कारोबार न उजड़े वो मांग तो ठीक है पर क्या इसके लिए हम आगरा को बड़ी आमदनी देने वाला पर्यटन कारोबार भी उजाड़ दे तो हमारे पास बचेगा ही क्या । अगर सिर्फ नेतागिरी करना है तो हो चाहो सो करो वरना आप लोग मेरे साथ कल ही लखनऊ चलो और मैं आप को मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी से मिलवाता हूं।उनसे अपनी पूरी बात कहो और संतुष्ट न हो तो फिर जो चाहो करना । लोगो को मेरी बात समझ में आने लगी तो मैने पूछ लिया की बताओ क्या करना है ताजमहल में घुसना है जहा पुलिस पीटेगी और जेल भेजेगी या फिर मुख्यमंत्री से मिलने जाना है । फिर क्या था शोर उठा की मुख्यमंत्री से मिलना है क्योंकि अधिकांश लोग तो आप व्यापारी और मजदूर थे और भाजपा के लोगो के चेहरे देखने लायक थे । तब भाजपा के एक नेता बोले कितना समय हो गया भाईयो देख लो सरकार का अहंकार की अभी तक कोई अधिकारी पूछने तक नही आया तो मुख्यमंत्री मिलेंगे इसकी क्या गारंटी है। तो मैने माइक से ही जोर से आवाज लगाया की जो भी बड़े अधिकारी मेरी बात सुन रहे हो तत्काल यहां आ जाए और दो तीन मिनट में ही सब बड़े अधिकारी आ गए तथा ज्ञापन स्वीकार कर माइक से बोल दिया की मांगे हम सरकार तक पहुंचा देंगे । 
दो तीन दिन बाद व्यापारियों के एक प्रतिनिधि मंडल को हमने उत्तर प्रदेश के राजभवन में चाय पानी के साथ मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी से मिलवा दिया जिसमे आगरा अमर उजाला अखबार के स्थानीय संपादक भी व्यापारियों के साथ आए थे । मुलायम सिंह यादव जी ने उत्तर प्रदेश सरकार का टी टी जेड में कोई रोल नहीं होने की बात कह कर कहा की फिर भी हमसे आप लोग जो जो मदद चाहते हो तय कर के बता दो हम पूरी मदद करेंगे । और इस तरह भाजपा का एक हमला मैने भोथरा कर दिया था । अखबार तो दो बॉक्स आइटम बनाया : पहला की "भीड़ भाजपा की पर वाहवाही लूट लिया सी पी राय ने " और दूसरा की " जब सी पी राय के बुलाते ही अधिकारी आंदोलन स्थल पर पहुंच गए " । 

2;

जैन समाज जब डी एम से एस पी के घर तक हजारों की संख्या में एकत्र होकर आगरा की लाइफ लाइन महात्मा गांधी मार्ग पर धरना देखकर बैठ गया था। 
मुझे एक आई पी एस अधिकारी को कुछ घंटे में ही ट्रांसफर करवाना पड़ा क्योंकि वो एक तो जिम्मेदार था दूसरे तब के मेरे कार्यक्रता जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री है के साथ बदसलूकी कर दिया था । ++++++

आगरा शहर में या तो जाटव समाज की बड़ी आबादी है जिसके आंदोलित हो जाने पर एक बार पी ए सी भाग खड़ी हुई थी और फौज को फ्लैग मार्च कर स्थिति सम्हालना पड़ा था या फिर जैन समाज की भी काफी आबादी है । ये समाज पहले तो कांग्रेस का होता था पर पलटा खाया और भाजपाई हो गया तो आज तक भाजपा के साथ है पर सत्ता तो सभी के लिए होती है । 
हुआ ये था की हमारी मुलायम सिंह यादव जी की सरकार थी । किसी ग्वालियर के मामले में मध्य प्रदेश पुलिस आगरा आई और अपनी शंका के आधार पर आगरा के एक जैन समाज के व्यापारी के बेटे को आगरा के एस पी सिटी आदित्य मिश्रा जी की इजाजत लेकर उठा ले गए और उसपर थर्ड डिग्री का इतना प्रयोग कर दिया की वो मर गया तो उसका मृत शरीर इसके घर भिजवा दिया । बात आग की तरह फ़ैल गई । आगरा का छीपीटोला इलाका जैन समाज का बड़ा गढ़ है और इसी इलाके का लड़का भी था । जैन समाज का कहना था की व्यापारी परिवार का शरीफ लड़का था और उसे गलत उठाया गया और फिर मार कर भेज दिया । पूरे समाज में उत्तेजना फेल गई । छिपीटोला इलाका शहर के अधिकारियों के घर के पास ही है । फिर क्या था हजारों की संख्या में लोग आकर डी एम आगरा से उस वक्त एस पी सिटी का निवास भी पास में ही एम जी रोड पर ही था के सामने पूरा महात्मा गांधी मार्ग घेर पर सड़क पर बैठ गए । महात्मा गांधी मार्ग आगरा की मुख्य सड़क है और लाइफ लाइन है तो चारो तरफ जाम की हालत हो गई । उत्तेजना बहुत थी और मामला ऐसा था की पुलिस बैक फुट पर थी । 
मुझे पता चला तो मैं दूसरे रास्ते से अपने घर बैठे हुए कुछ पार्टी के साथियों को लेकर छीपीटोला के स्टेट बैंक तक पहुंच गया और उसके अंदर गाड़ी खड़ी कर के जैन समाज के लोगो के बीच पहुंच गया । मुझे देखते ही मेरा विरोध शुरू हो गया था मुलायम सिंह यादव और मेरे खिलाफ नारे लगने लगे । पर मैं सर झुका कर उन लोगो के धरने में जमीन पर बैठ गया की जब तक आप लोगो की मांग नही मानी जाएगी तब तक मैं भी यही बैठूंगा । तब बर्फ थोड़ा पिघली । करीब एक घंटा बैठे रहने के साथ मैं उन लोगो के बात सुनता रहा तो पता चला की ज्यादा गुस्सा एस पी आदित्य मिश्रा के खिलाफ है तथा लोग बच्चे की मौत की जांच करवाना चाहते है और जिम्मेदार अन्य पुलिस वालो के खिलाफ कार्यवाही चाहते है । सभी व्यापारी थीं और अपनी दुकान तथा बाजार बंद कर आ तो गए थे पर कितनी देर और कितने दिन दुकान बंद करते । 
मेरे साथ एस पी सिंह बघेल भी गए थे जी अब केंद्रीय मंत्री है । मैने उनको बोला की जाओ और एस पी सिटी को बुला लाओ की मैने बुलाया है । पुलिस अपनी कार्यवाही की रणनीति बना रही होगी । एस पी सिंह बघेल वापस आ गए और बहुत दुखी स्वर में बोले की भाई साहब एस पी सिटी में आने से मना कर दिया और बहुत बत्तमीजी का व्यवहार किया मेरे साथ । तब मैने जैन समाज के एक व्यक्ति को साथ लिया और डी एम के घर चला गया । डी एम से पहले मैने अकेले बात किया और फिर जैन समाज के व्यक्ति को भी बुला लिया । जैन समाज के व्यक्ति के सामने ही हॉट लाइन मिला कर मैने मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी से बात किया । उनको सब बात बताया तो उनको इंटेलिजेंस विभाग के चीफ से सब पता लग चुका था तो मैने आदित्य मिश्रा के व्यवहार के बारे में और इस मामले में इनपर आरोप के बारे में बताया तो मुलायम सिंह जी बोले की आप जैन समाज को बता दीजिए की आज ही आदित्य मिश्रा का ट्रांसफर हो जाएगा और मामले के जांच का आदेश भी अभी मैं कर दे रहा हूं तथा ये लोग और जो भी बात करना चाहे लखनऊ आ जाए । मैं बात सुनकर पूरी मदद करूंगा । मैं इस समाज के साथ हूं । यही बात मैने साथ आए जैन समाज के व्यक्ति को बता दिया और वैसे वो सुन भी रहे थे । तब डी एम से तय हुआ की वो ए डी एम सिटी को ये सब आश्वासन देने के लिए धरने में भेज दे। डी एम ने पूछा किला धरना खत्म हो जाएगा तो मैने जैन समाज के व्यक्ति से उनका जवाब पूछा । फिर हम लोग धरना स्थल पर आ गए । जैन समाज के उस व्यक्ति ने लोगो को डी एम के घर मेरे और मुख्यमंत्री के बीच हॉट लाइन से हुई बात बताया और ये भी की एस पी सिटी तो अभी थोड़ी देर में हटा दिए जाएंगे तथा मुख्यमंत्री ने मिलने को बुलाया है और सब मानने को तैयार है । कुछ समय पहले जो लोग मेरे और मुलायम सिंह यादव के खिलाफ नारा लगा रहे थे उनमें से कुछ लोगो ने समर्थन में नारा लगाया और धरना समाप्त हो गया । शाम तक एस पी सिटी के ट्रांसफर का आदेश आ गया और घटना की सी आई डी जांच का आदेश भी हो गया ।

3: 

जब स्वर्णकार लोगो ने आगरा के फौवारे चौराहे पर जाम लगा दिया था । 

हमारी सरकार थी । स्वर्णकार समाज के लोगो के साथ कुछ घटनाएं घट गई थी और ज्यादातर मामलों में उनके साथ काम करने वालो का ही हाथ निकला था । कुछ विभागों से उत्पीड़न की शिकायत भी थी । फिर वही हुआ । स्वर्णकार समाज के कुछ 2/3 सौ लोगो ने किनारी बाजार और फौवारे के तिराहे पर धरना दे दिया । 
इस बार ज्यादा विस्तार से नही लिखूंगा । मैं पहुंच गया । उस इलाके में जाने के लिए दो ही तरीके है की या तो मेडिकल कालेज में गाड़ी पार्क कर उतना दूर जाया जाए या कोतवाली के भीतर गाड़ी पार्क कर दिया जाए अगर वहा के इंस्पेक्टर जानते हो तो । मैने कोतवाली के अंदर गाड़ी पार्क किया और जाकर धरने में बैठ गया । कुछ देर बैठने और सब समझ लेने के बाद स्थानीय सी ओ, इंस्पेक्टर तथा अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट को बुला लिया और आश्वासन के बाद धरना खत्म हो गया ।स्वर्णकार समाज ने अच्छी मिठाई खिलाया और लस्सी भी पिलाया हम सभी को ।
ऐसी कई घटनाएं मेरे सत्ता में रहने के दौरान हुई ।
ये बताने का मकसद सिर्फ इतना है की एक तो सत्ता में आ जाने पर शासन में बैठे लोगो को वो काम करना चाहिए पर संगठन के लोगो को जन समस्याओं के सवाल पर जनता के साथ रहना चाहिए और कोशिश करना चाहिए की विपक्ष को स्पेस न मिले और समस्या हल हो तो उसका श्रेय सत्ता का संगठन भी ले ले ।दूसरा सत्ता में आते ही अहंकार में चूर होकर अपने दड़बे में कैद नही हो जाना चाहिए । तीसरा कितनी भी विपरीत परिस्थिति हो उससे भागने के बजाय उसमे घुस कर उसका सामना करना चाहिए ।




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