जब मुलायम सिंह यादव जी के उपर भाजपा की महिलाओं ने चूड़ियाँ फेंका
1991 की बुरी हार के बाद मैं मुलायम सिंह यादव जी को अधिक से अधिक सक्रीय करना चाहता था और फिर से अधिक से अधिक लोगो में ले जाना चाहता था | आगरा मध्यप्रदेश ,राजस्थान से जुदा शहर है और तब केवल अखबार होते थे तथा आगरा इस पूरे इलाके का इटावा सहित अखबार का केंद्र था | आगरा में कुछ होने और छपने का अर्थ था उत्तर प्रदेश के इधर के बड़े हिस्से तक पहुचना और मध्य प्रदेश ,राजस्थान के कुछ हिस्सों तक पहुचना | मुलायम सिंह जी ये जानते थे इसीलिए आगरा आने को हमेशा तैयार रहते थे |
मैंने एक कार्यक्रम बनाया और की मुलायम सिंह जी पूरे दिन के लिए आगरा आये और सुबह की ट्रेन से आये तथा रात को उसी ट्रेन से वापस जाए | मेरे बनाये हर कार्यक्रंम के पीछे कोई मकसद होता है और तब भी था | मुलायम सिंह जी ने बिना कार्यक्रम पूछे हा कर दिया | कार्यक्रम के दिन सुबह ही ट्रेन से आगरा के फोर्ट स्टेशन पर वो आ गए | हम लोगो ने वहा उंनका स्वागत किया | स्टेशन से बाहर आंबेडकर पार्क में डा भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा पर उनसे माल्यापर्ण करवाया और फिर उन्हे सर्किट हाउस छोड़कर मैं घर आ गया की वो भी नहा धोकर तैयार हो जाए और नाश्ता कर ले तब तक मैं भी तैयार होकर आता हूँ | हर जगह हर पार्टी में कुछ लोग होते है जो काम कुछ अनहि करते है बस बुराई करना और चुगली करना काम होता है | ऐसे तीन लोग सर्किट हाउस पर मौजूद थे पर मुलायम सिंह जी उनका नमस्ते भी स्वीकार किये बिना अन्दर चले गए | ये वो लोग थे जिनकर लिए कुछ दिन पहले ही मुलायम सिंह जी ने मुझसे कहा था की ये लोग हर वक्त केवल नकारत्मक बात करते है और कुछ काम करते नहीं है केवल मेरी बुराई करते है तो मैं अपनी कलम से आदेश कर इन लोगो को पार्टी से निकाल दूँ पर मैंने निकालने से इनकार कर दिया था ये कह कर की वो लोग मेरी बुराई करते है पर मुलायम सिंह जी की तो जिंदाबाद करते है तो मैं ऐसे तीन लोग पार्टी से कम क्यों करूँ |
जब मैंने देखा की मुलायम सिंह जी उन लोगो की उपेक्षा कर चले गए तो मैं उन लोगो को अन्दर ले गया और मुलायम सिंह जी से बोला की ये लोग मिलने आये है इतनी सुबह तो या तो अभी कुछ मिनट इनकी बात सुन लीजिये या तैयार होने के बाद सुन लीजियेगा | मुलायम सिंह जी ने कहा की कोई कायदे की बात तो करेंगे नहीं बस आप की बुराई करेंगे और आप कह रहे है की इनकी बात सुन लूँ तो मैंने कहा की फिर भी सुन लीजिये और मैं बाहर निकल कर घर चला गया तैयार होने |
मैं तैयार होकर सर्किट हाउस पंहुचा फिर काफिला निकल लिया कार्यक्रमों के लिए | सबसे पहले रस्ते में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की मूर्ती पर माल्यापर्ण हुआ | उसके बाद प्रतापपुरा चौराहे पर महात्मा गाँधी की मूर्ती पर माल्यापर्ण किया मुलायम सिंह यादव जी ने | फिर कलक्ट्री के पास चर्च में उनका कार्यक्रम था तथा इसाई समुदाय के साथ और उसके बाद वही स्कूल के बच्चों से मुलाक़ात थी | यहाँ से हम सीधे आगरा के प्रसिद्द गुरुद्वारे पहुचे जहा मुलायम सिह जी का स्वागत था ,उनको सरोपा भेट होना था तथा वहा मौजूद सिख समुदाय को संबोधन के बाद प्रसाद ग्रहण करना था | गुरद्वारे से हम आगरा के गृह विज्ञानं संसथान पहुचे जहा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही लडकियो के साथ बातचीत तथा संबोधन था और वहा मुलायम सिंह जी ने महिलाओं की बराबरी ,भागीदारी ,शिक्षा तथा महिलाओं की समस्याओ पर बोले और घुलमिल कर बच्चियों से चर्चा किया | आगरा विश्वविद्यलय के गृह विज्ञान संस्थानं से हमारा काफिला आर बी एस कालेज पंहुचा जहा पहले शिक्षक समुदाय और फिर छात्रो के साथ कार्यक्रम था | यहाँ मुलायम सिंह जी ने जहा खुद शिक्षक होने के नाते लोगो को खुद से जोड़ा तो स्वयं इसी कालेज का छात्र होने की बात बता कर भावनात्मक सम्बन्ध जोड़ा तो छात्रो में खुद छात्र संघ का नेता होने का वर्णन कर उनका दिल जीता और खूब मन लगा कर पढने लेकिन देश तथा समाज में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान भी किया |
इसके बाद यूथ होस्टल प्रेस कांफ्रेंस थी जबकि प्रेस कांफ्रेंस अधिकतर मेरे निवास पर होतीं थी लेकिन इस बार कार्यक्रम ही ऐसा बना था की यही रख दिया था | खूब सवाल जवाब हुआ और प्रेस के साथ चाय पी गई ।
इसके बाद सेंट जॉन्स कालेज में बुद्धिजीवियों के साथ कार्यक्रम था ।पूरा हाल भरा था । सेंट जॉन्स के लोग थे ही साथ ही अन्य कवियों लेखकों को भी यहा मैने आमंत्रित कर रखा था । इस कार्यक्रम में मुलायम सिंह जी ने हिंदी और स्वदेशी भाषाओं के पक्ष में जबर्दस्त भाषण दिया |
इसके बाद हम लोग आगरा में भगवांन शिव के प्रसिद्द मंदिर मनकामेश्वर मंदिर की तरफ निकले जहा मुलायम सिंह जी पूजा करनी थी | जहा ये मंदिर है वो जगह आर एस एस का गढ़ मानी जाती है और मैंने अयोध्या की गोली की घटना के बाद आगरा आने पर ये कार्युक्रम जानबूझ कर रखा था | काफी लोगो ने मुलायम सिंह जी को भड़काने और डराने का काम किया की सी पी राय आप को वहा मरवाने ले जा रहा है | वहा कुछ भी हो सकता हैं तो मैंने मुलायम सिंह जी से पुछा की मुझपर विश्वास है की नहीं और यदि है तो मैं जो भीं कार्यक्रम बना रहा हूँ वही होने दीजिये वर्ना सब रदद कर दीजिये | अंततः कार्यक्रम ज्यो का त्यों रहा | मैंने इस क्षेत्र में दो पूरे दिन बिताये थे तथा भाजपा के लोगो से भी बात कर लिया था की यदि मेरे कार्यक्रम में कोई व्यवधान हुआ तो उस वक्त जो होगा उसके जिम्मेदार वो लोग होंगे और आगे का सोच ले की उनके नेता भी शहर में आते है | इसी तरह कुछ अपनी और भी व्यवस्था उस क्षेत्र में बिना पार्टी के लोगो किन जानकारी के कर दिया था | मनकामेंश्वर मंदिर के महंत से मेरे अच्छे सम्बन्ध थे और आज भी है उनसे भी बात कर लिया था की मुलायम सिंह जी गर्भ गृह में दर्शन और पूजा करेंगे और वो आप को ही करवाना है |
हम लोग मंदिर पहुच गये | फाटक पर ही महंत जी में मुलायम सिह जी को माला पहना कर स्वागत किया और गर्भ गृह में पूजा करवाया तथा प्रसाद दिया | जिस बात का आतंक फैलाया जा रहा था उसमे सिर्फ इतना हुआ की ५/६ भाजपा की महिलाए मंदिर के पास एक घर में एकत्र हो गयी थी और वाही से हत्यारे मुर्दाबाद का नारा लगा रही थी और चूड़ियाँ फेंक रही थी | हमारे साथ की दो महिलाओं ने उन लोगो की तरफ जाने की कोशिश किया तो मुलायम सिंह जी ने रोक दिया और फिर उन महिलाओं को हाथ जोड़कर प्रणाम कर मुलायम सिंह जी गाडी में बैठ गए | अख्बर्रो के रिपोर्टर और फोटोग्राफर पूरे समय साथ थे उन लोगो वो फोटो भी खीचा की महिलाए चूडिया फेंक रही है और मुलायम सिंह जी हाथ जोड़ कर प्रणाम कर रहे है | मेरा इस ,मंदिर पर मुलायम सिंह जो लाने का मकसद पूरा हो चूका था | गाड़ी में बैठते ही मुलायम सिंह जी बोले की ये तो बहुत् अच्छा कार्यक्रम आप ने बना दिया था | आज भाजपा एक्सपोज हो गयी | लोग बेकार इस कार्यक्रम से डरा रहे थे | उन्होंने पुछा की महंत कैसे तैयार हो गए तो मैंने इस वक्त अपनी सारी बात बता दिया तब तक हम लोग जमा मस्जिद पहुच गए |
मंदिर के बाद अँधेरा हो गया था | उसके बाद मैंने मंदिर के बिलकुल बगल में जमा मस्जिद के सामने जनसभा रखा था | जन सभा में भरी भीड़ जुट चुकी थी | मेरे भाषण के बाद मुलायम सिंह जी बोलने खड़े हुए | मैंने अपने भाषण में बता दिया था की आर एस एस हिन्दू धर्म के दुशमन है और वो एक हिन्दू को मंदिर जाने से तिलमिला गए और रोकना चाहते थे ,हिम्मत नहीं पड़ी तो घर की महिलाओं को आगे कर दिया | भाइयो चूडिया कब तोड़ी जाति है ? मेरा सवाल है इन सब से की आज इनके घर की महिलाओं ने अपनी चूड़ियाँ क्यों तोडा | मुलायम सिंह जी बोलने को खड़े हुए तो बाहों पर कुर्ते की बाह सरकाया और बोले लोग शिखंडी की आड़ से शिकार करने चले है | मुलायम सिंह को डराने चले है पर मुलायम सिंह किसी से डराने वाला नहीं है सिर्फ इश्वर से डरता है | उन्होंने बहुत जोशीला भाषण दिया | जमा मस्जिद के बाद मैंने दो लोगो के घर जाने का कार्यक्रम रखा था जो मुश्किल से १० ,१० मिनट में करना पड़ा और फिर् मेरे घर खाने के बाद हम फोर्ट स्टेशन पहुच गए | हम सभी थक चुके थे पर संतुष्ट थे की मैं एर जो जो जैसे सोचा था सब वैसे हो गया | ट्रेन का इन्तजार हो रहा था तो मुलायम सिंह जी बोले की सी पी राय बुरी तरह थका दिया कुछ कम कार्यक्रम रखा करिए चाहे तो दुबारा बुला लीजिये | पर उनके चेहरे पर ख़ुशी साफ़ झलक रही थी क्योकि अयोध्या कांड के बाद आर एस एस के गढ़ में ये कार्यक्रम हुआ था |
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