गुरुवार, 27 नवंबर 2014

रास्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अन्दर से बंट गया है अगड़ो और पिछडो में ,मराठी और गैर मराठी में तथा चित्पावन और गैर चित्पावन ब्राह्मणों में ।देश में लोकतंत्र कायम रखने वालो और फासीवादी शासन चाहने वालो में ।
इसमें मेरा कोई हाथ नहीं है ।कसम से ।पर मैं इसकी गन्दी सोच का खात्मा जरूर चाहता हूँ ।

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