शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

ये वही मुशर्रफ है क्या जिसने तमंचे देकर कुछ छोकरे कारगिल और संसद में भेजे थे ,जिसने आगरा आकर केवल बकवास किया था ,अभी बोला था कारगिल पर गर्व होना चाहिए । अरे ये तो बिल्ली बन कर म्याऊं म्याऊं कर रहा है । वैसे इसकी गर्दन की नाप इसके साथियों ने अभी तक ली या नहीं । बात करते है !जैसी नीव पर ईमारत बनती है फिर वैसी ही रहती है हिलती डुलती । वो तो हम धक्का नहीं मारते वर्ना तो ---------???????????

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