गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

दूसरे काव्यसंग्रह की तैयारी हो गयी है । पहली तो काफी लोकप्रिय हुयी और केवल चार महीने में डेढ़ हजार के करीब बिक गयी । उसका नाम रखा था ; यथार्थ के आसपास ; । कविताएँ भी वैसी है असली पात्रो और घटनाओ पर आधरित । इस बार की कवितायेँ भी यथार्थ की ही हैं । क्या आप लोग बताएँगे की इस पुस्तक का की नाम रखूं ?

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