शनिवार, 25 अप्रैल 2015

किसी से शिकायत होने या प्रताड़ित होने पर आत्महत्या तो कोई हल नहीं है ।
बल्कि हल तो ये है की मजबूती से अपनी सुखद जिंदगी हँसते हुए जी कर दिखाओ ।ये शायद उस व्यक्ति के लिए बड़ी सजा होगी जिसने आप को दुःख दिया और सजा हो या न हो पर ईश्वर की दी हुयी जिंदगी को जी कर ईश्वर का आभार तो व्यक्त कर ही सकते हो ।
अनर्गल आरोप हो या आत्महत्या दोनों कायरो और कमजोर के काम है और आप की अपने प्रति प्रतिबद्धता पर भी सवाल खड़े करते है ।
( आज के चिंतन से )

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें