शनिवार, 25 अप्रैल 2015

करोडो की जमीन खरीदेंगे और बड़े घर बनायेंगे पर एक पेड़ नहीं लगायेंगे और करोडो की सजावट करेंगे पर केवल २५ हजार रुपया खर्च कर वाटर रीचार्ज की बोरिंग नहीं करवाएंगे और जो जिम्मेदार है वो नदियों नहरों और पहाड़ो के संरक्षण और वृक्षारोपण का पैसा खा जायेंगे और फाईलो में ये सब काम कर देंगे और फिर जब पृथ्वी हिलेगी या समुद्र गुस्सा होगा तो डर कर कांपेंगे |
जिस दिन प्रकृति बदला लेगी खुद से छेड़छाड़ का और तबाही आयेगे कहा लेकर भागोगे ये हरम से कमाई दौलत ? जैसे मिलावट कर के दौलत तो कमाँ रहे हो पर एक दूसरे के द्वारा बेचीं गयी बीमारियों और कैंसर इत्यादि से खुद को बचा नहीं पा रहे है और न अपनों को |
जरा सोचो तबाही हमारी किसी और के कारण नहीं बल्कि हमारे कारण आती है और बड़ी तथा अंतिम तबाही हमारे ही कारण आएगी |
चाहो तो अब भी बाख जाओ या तबाही की इबारत अपने ही हाथो से लिखते जाओ |

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