शनिवार, 25 अप्रैल 2015

बाप रे ये महंगाई कितनी बढ़ गयी है सुरसा के मुह की तरह । अंदाज ही नहीं था ।बेटियों की शादी के लिए निकला हूँ तब पता लग रही है औकात ।
किसी ने कहां था 100 दिन में महंगाई भाग जाएगी । 100 दिन में 15 लाख हर किसी के खाते में होगा ,100 दिन में डालर को हमारा रुपया मुह चिढाएगा , ****----++++++?/+? इत्यादि इत्यादि । पर ये तो सब उल्टा हो गया है ।
हमें बुरा लगता था वो फेंकना जैसा कुछ पर यार सचमुच फेंक रहे थे और फेंक ही रहे हो ये तो अब एहसास हो रहा है ।
वार रे अधकचरा लोकतंत्र ! बस चिंता इतनी की कोई ग्रहण न लगा दे हिटलर और मुसौलिनी की तरह ।
जैसे भी होगा अब हमें तो सब करना ही है पर आह्ह्ह्ह् ।आह जला देती है बहुत कुछ ये जानते है न साहेब ।

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