शुक्रवार, 17 जून 2011

दोस्तों मै चाहता हूँ कि सरकार मुझसे तथा आप में से भी जो लोग राय देना चाहे उन सभी से लोकपाल , भ्स्ताचार, कालाधन तथा अन्य जो भी विषय है जिनसे देश कि जनता दुखी है पर सरकार बात करे ! क्योकि नागरिक के रूप में वे जिनसे सरकार बात कर रही और हम आप सब बराबर है | लोकपाल ,बाबा ,स्वामी ,धर्मस्थल ,एन जी ओ ,सभी व्यापारियों कि जांचा करने को भी एक सुपर लोकपाल कि जरूरत है | हमारे इस विचार के लिए सरकार हमसे बात करे ,हम लोगो को भी समिति में शामिल करे वरना क्या हम लोगो को भी दिल्ली में अनशन पर बैठने  को मजबूर होना पड़ेगा ? पर हम सब भारत के आम आदमी है इसलिए हमारे पास उतना तामझाम नहीं है और न इतना पैसा है ,न संघ या किसी संगठन का समर्थन है तो क्या मीडिया और सभी लोग ,सत्ता और विपक्ष में बैठे लोग हम लोगो पर ध्यान देंगे ? कही ऐसा तो नहीं होगा कि चमक दमक और बड़े घरानों तथा बड़े लोगो या संगठनो का हाथ नहीं होने के कारन मेरा और आप का भी हाल निगमानंद जैसा हो जाये और दिल्ली में हम ;लावारिश मौत मर जाये ? यदि ऐसा हुआ तो हमारे बच्चे तो लावारिश हो जायेंगे ! आप दोस्तों से दो सवाल है १ - क्या मै जिन लोगो के बारे में लिखा है उनकी जाँच करने को भी एक सुपर लोकपाल होना चाहिए जिसका चुनाव सीधे देश के १२० करोड़ लोग करे ? २- क्या आप दिल्ली में अनशन के लिये मेरा साथ देने को तैयार है ? क्या यदि सरकार न सुने तो हमें सर्वोच्च अदालत से अपना अधिकार मांगना चाहिए कि हम भी अन्ना से समान जागरूक नागरिक है इसलिए हमें भी समिति में शामिल किया जाये ? दोस्तों यदि आप लोगो का नैतिक और वास्तविक समर्थन मुझे मिला तो आप लोगो कि राय देश कि सरकार के पास पहुँचाने के लिए मै दिल्ली में अनशन पर बैठूँगा | अन्ना और रामदेव के लिए इतने लोगो ने साथ दिया तो उनसे भी आगे कि मांग के लिए मुझ साधारण आदमी के साथ कितने लोग आते है ? वर्ना वह शेर सही साबित हो जायेगा   ;सब लोग ही समझे बूझे है ,सब लोग ही देखे भाले है .बिगड़े का बहनोई कोई नहीं धनवान के लाखो साले है |

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