शनिवार, 11 जून 2011

तथाकथित योगी कहते थे की योग करो और निरोगी रहो और योग करने वाला महीनो बिना खाए पीये केवल सूर्य की रोशनी और योग के सहारे जिन्दा रह सकता है | भारत में योगी नहीं कहलाने वाले बहुत से लोग हुए है संघर्ष के इतिहास में भी और आज भी है समाज के लिए रोजमर्रा संघर्ष करने वाले जो बहुत दिनों तक भूखे प्यासे रहे पर अस्पताल जाने की नौबत नहीं आई | कुछ दिन पहले ८० साल के करीब के अन्ना भी कई दिन अनशन पर रहे पर अपने पैरों पर चल कर गए | लेकिन ४७ साल का ये कैसा योगी जो बड़े बड़े दावे करता है पर ५ दिन में ही मौत की कगार पर पहुँच गया | दोस्तों सभी संकीर्णता और लगाव से ऊपर उठ कर सचमुच एक  बार सोच कर देखे की तथाकथित योगी की असलियत और उसके योग की असलियत क्या है ?ये भी सोचे की उस दिन प्रेस कांफ्रेंस में ज्यो ही पत्रकारों ने इनकी कंपनियों के बारे और पासपोर्ट के बारे में पूछना शुरू किया ये प्रेस कांफ्रेस छोड़ कर भाग क्यों खड़े हुए ? वह सवाल तो अभी तक अनुत्तरित है की पुलिस देख कर कूद कर औरत के वेश में भागे क्यों ? फिर प्रेस से भागना और अब योग की ताकत नहीं दिखा पाना ? आखिर सच क्या है ? दोस्तों ये कोई राजनीती का सवाल नहीं है बल्कि एक नागरिक का स्वाभाविक चिंतन है | उम्मीद है की सभी लोग दिल पर हाथ रख कर एक बार दिमाग से सोचेंगे जरूर | जय हिंद |

1 टिप्पणी:

  1. beemar padane par is tathakathit yogi ne ayurved ka ilaj kyo nahi karavaya ? angreji aspatal me kyo bharati hua ? ye bade sawal hai jinka jawab inko tatha inke chamcho ko sena hi chahiye

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