शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2024

एक थे बेनी बाबू

जिंदगी_के_झरोखे_से
एक बेनी बाबु थे यानी बेनी प्रसाद वर्मा। वो भी मेरे साथ मुलायम सिंह यादव के महामंत्री रह चुके है | एक दिन उनके पैसे से नमक वाला खाना भी खाया है | १९९० की बात है मुझे उन्होंने फोन कर घर बुलाया तब वो सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे और पार्टी के मंत्री भी । उन्होंने कहा चलिए आज आप को बढ़िया खाना खिलाते है और बाहर तो बोले सरकारी गाड़ी छोड़िए आप की ही गाड़ी से चलते है । आगे बढ़े तो उन्होंने गाड़ी क्लार्क अवध होटल ले चलने को कहा । वहा सबसे टॉप फ्लोर पर रेस्त्रां में चले गए हम लोग । उन्होंने कई नॉन वेज डिशेस का ऑर्डर किया और पहले चिकन सूप मगवाया। बात चलने लगी और वो पार्टी के बारे में कुरेद कुरेद कर कुछ बाते पूछते रहे तथा मुझे जितना बोलना चाहिए था उतना मैं बोला । कुछ मामलों पर नेता जी के विचार पता नहीं क्यों मुझसे जानना चाहते थे | खाने के बाद आइक्रीम खाते हुए बहुत अफ़सोस से बोले की मुलायम सिंह ने बहुत चालाक बना दिया है सी पी राय कुछ नहीं बोले | अब क्या कहता मैं ? 

यूं तो जब भी कोई राजनीतिक हलचल होती देश या प्रदेश की उनका फोन आ जाता था इस राजनीतिक हलचल के बारे में मेरा विचार जानने को । चुनाव परिणामों पर भी वो मेरी राय जानना चाहते थे ।सबका जिक्र कहा तक करे पर एक घटना का जिक्र और और कर देता हूं

अमर सिंह के कारण बेनी प्रसाद वर्मा, मो आजम खान और हम भी पार्टी से निस्कासित कर दिए गए थे । मुझे काफी सालो से हमेशा जुकाम होता रहता था जिसके बाद मेरे पूरे साइनस में पोलिप बनते बनते भर गया था और मुझे सांस लेने में दिक्कत आती थी । किसी ने राय दिया की दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में एक डाक्टर है जो पोलिप ऑपरेट कर निकाल देने के एक्सपर्ट है । मैं एक विश्वविद्यालय के साथी को लेकर दिल्ली जाना चाहता था ऑपरेशन के लिए पर बच्चे नही माने । बच्चो के साथ में दिल्ली पहुंच गया ।मेरी बड़ी बेटी सॉफ्टवेयर इंजिनियर बन चुकी थी और नोएडा में एक पीजी में रहती थी तो छोटी बेटी उसके साथ रुक गई और यू पी भवन में एक कमरा मुझे रहने को मिल गया तो बेटा मेरे साथ रुक गया ।

डाक्टर साहब ने पोलिप के 5000 ऑपरेशन कर रखा था । उनका कहना था की 15 मिनट में वो एक ऑपरेशन कर देते है पर मेरे ऑपरेशन में डेढ़ घंटा लग गया तो बच्चे थोड़ा घबड़ा गए । पोलिप इतना ज्यादा था की इतना समय लग गया । 

मुझे ऑपरेशन थियेटर से बाहर जब कमरे में लाया गया तो अभी तक मैं एनेस्थीसिया के नशे में ही था ।

इसी समय बेनी बाबू का फोन आ गया । बेटे ने बताया की अभी ऑपरेशन थियेटर बाहर आए ही है पापा । बेनी बाबू बोले की जरूरी बात है इसलिए बात करवाइए । बेनी बाबू कांग्रेस में शामिल हो गए थे और कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल की शपथ होनी थी । उस समय उनकी जो सूचना आई वो राज्यमंत्री पद के लिए शपथ हेतु आई थी । बेनी बाबू बहुत वरिष्ठ नेता तो थे ही और कुर्मी बिरादरी में बड़ा जनाधार भी था । 

मुझे फोन दे दिया बेटे ने तो बोले अरे रायसाहब ये सोनिया ने तो धोखा दे दिया , राज्यमंत्री बना रही है ,में शपथ लेने जाऊं या नही जाऊं । मैने कहा की मुझे लगता है की आप को स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया जाएगा और यदि ऐसा होता है तो बुरा नही है तथा शपथ लेकर सोनिया जी को धन्यवाद देने भी जाएगा , शीघ्र कैबिनेट मंत्री और महत्त्वपूर्ण मंत्री भी बन जाएंगे । तब बोले की मुलायम सिंह का फोन आया था वो तो शपथ लेने से मना कर रहे थे तो मैंने कहा की आप उनकी पार्टी से बाहर आए है तो वो क्यों चाहेंगे की आप महत्वपूर्ण बने । शपथ लीजिए और केवल राज्यमंत्री बनाया जाए तो स्टीफा देना अपने हाथ में है और उन्होंने शपथ ले लिए तथा उस वक्त स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बने और फिर स्टील के कैबिनेट मंत्री भी बना दिए गए ।

अकसर दिल्ली जाना होता और चर्चाएं होती रहती । ज्यादातर बेडरूम में लेते रहते या बैठे होते तो हर वक्त बगल में रखे थूकदान में थूकते रहते थे ।

एक दिन ऐसा भी आया जब उन्होंने लोकसभा में मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में ही उनपर बहुत से आरोप लगाए और उन्हे आतंकवादियों का साथी तक कह दिया और तमतमाते हुए उनका पैर पटक कर :::::; माई फुट वाला डायलॉग खूब चर्चा में रहा । 

बाद के चुनाव में चुनाव हार गए और फिर ऐसी परिस्थितियां बनी की समाजवादी पार्टी में वापस आ गए और उतनी गालियां देने के बदले राष्ट्रीय महासचिव बना दिए गए और राज्यसभा में भी भेज दिए गए क्योंकि वो एक पिछड़ी जाति के नेता थे ।

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