बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

दोस्तों मैं अपनी वाल पर जो भी लिखता हूँ वो मेरे विचार होते है ।वो मेरे समर्थको के लिए होते है या तटस्थ लोगो के लिए ।
मैं आप में से किसी को टैग नहीं करता हूँ की मुझे पढना आप की मजबूरी हो और मैं आपसे कमेन्ट की अपेक्षा कर रहा हूँ ।
मैं संघियों के लिए तो कतई नहीं लिखता हूँ ,न किसी संघी की वाल पर या बीजेपी के किसी की वाल पर जाकर कोई कमेन्ट करता हूँ ।
इसे आप सभी मेरा अपना अभियान समझ ले जिससे आप सहमत नहीं है तो न तो पढ़िए और न कुछ लिखिए ।
अन्ना और केजरीवाल आन्दोलन तथा रामदेव यादव के प्रकरण में भी काफी लोग मेरी काफी आलोचना कर चुके और काफी गलियां दिया था और फिर अंतिम सच सामने आने पर पूर्ण मौन हो गए ।एक बार खेद ही व्यक्त कर दिया होता ।
प्रधान प्रचारक के मामले में तो काफी धमकिया भी मिल चुकी है क्योकि ये सीधे सीधे फासीवादियो का मामला है ।इसका अंतिम सत्य भी देखेंगे ।
आपातकाल का आतंक और तब कांग्रेसियों का रौद्र रूप भी देखा था और उनका परिणाम भी देखा ।
कुल मिला कर ये है की देश मेरे लिए दल का नहीं बल्कि दिल का सवाल है और दिल में भावनाएं होती है तथा दिमाग और अनुभव भी जुडा हो तो जिम्मेदार विचार और अभिव्यक्ति भी साथ होती है ।
बहुत से मामलों में मैं जिनके साथ खड़ा हूँ उनके ख़िलाफ़ भी अभिव्यक्ति दे चूका हूँ और देता रहता हूँ ।जिसका खामियाजा भी उठाया है
आप भारतीय हिटलर के समर्थक हो सकते हो पर मुझ पर हिटलर को थोप नहीं सकते ।मैं चाहे अकेला हूँ पर अपना कर्त्तव्य निभाता रहूँगा ।
उम्मीद है की आप भारत में फासीवाद को मजबूत करते हुए और एक व्यक्ति को हिटलर में तब्दील करते हुए खुश होंगे पर मुझे भारत की आज़ादी और लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने से नहीं रोकेंगे ।
अब भी आप को निराशा ही हाथ लगेगी ।इश्वर से प्रार्थना है की महा मानव के बजाय कुछ लोगो को सचमुच में मानव ही बना दे अहंकार विहीन ,हिंसा और तानाशाही विहीन मानव और उनकी मतिभ्रम को ख़त्म कर उन्हें महान भारत की सेवा की तरफ प्रेरित करे जिसकी आजादी में फासीवादियो का कोई सहयोग नहीं था बल्कि गद्दारी से इतिहास भरा है तो अब कम से कम आज़ाद भारत के वाशिंदो की पीठ में छुरा न घोपे और आज़ादी तथा लोकतंत्र को रौंदने की कोशिश न करे ।और मेरा नारा है -- जय हिन्द ।

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