बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

बापू ये देश आप को अपनी आँखे झुका कर सलाम करता है ,अपनी सम्पूर्ण भावनाओ से आप को दुनिया का महामानव मानते हुए आप का आभार व्यक्त करता है  और आज भी आप का कर्जदार है केवल आप की मानवता और आजादी की लड़ाई के लिए ही नहीं इस बात के भी लिए की देश आप के हत्यारों की असली जिम्मेदार विचारधारा को आज भी सजा नहीं दे पाया ,उसे मिटा नहीं पाया | हम जानते है आप भटक रहे हो देखने को की आप का देश कही उस विचारधारा के पैरो तले कराहने न लगे |
बापू आप कही हम लोगो पर हंस तो नहीं रहे हो या हमारी किस्मत पर रो तो नहीं रहे हो ,कही आप को ये तो नहीं लग रहा की हम आप की विरासत को सहेज कर रख नहीं पाए ,कही हम के द्वारा सिखाई गयी सत्य और अहिंसा के मूल मन्त्र को फैला नहीं पाए ,आप के द्वारा दी गयी आजादी को जिम्मेदारियों और नागरिकता के मूल मन्त्र से सजा नहीं पाए ,आपके सत्याग्रह को लोगो के दिलो में बसा नहीं पाए |
बापू आज कही आप दर कर कही बैठ गए हो कही छुप कर की ये क्या हो रहा है और ये कौन सी साजिश है आप को फिर से मारने की की जो हर रोज पानी पी पी कर गलियां देते थे ,जिन्होंने आप को मारने की व्यवस्था किया था और फिर उसका हर्ष मनाया था और मिठाइयाँ बांटा था ये पलटी कैसे मारा उन्होंने ? सचमुच आप बहुत दहशत में होगे इस वक्त की इस बार ये कौन से मौत देने जा रहे है आप को ? अब इनका क्या इरादा है ? आज़ादी की पूरी लड़ाई में तो ये आप के खिलाफ खड़े थे और आप के बहुत से साथियों को इन्होने पकड़वाया और गवाहियाँ देकर सजा करवाया था | ज्यो ही देश आजाद हुआ ये अचानक धर्म विशेष के राज्य के पक्षधर हो गए और तांडव मचा दिया था इन्होने | जब लाखो की क़ुरबानी के बाद देश आज़ादी का जश्न मना रहा था उस वक्त ये तुम्हारे विचार की हत्या करने उतर गए थे मैदान में | जब तुम शांति करवा कर लौटे तो पैर छूने के बहाने से दाग गिया था गोली इन्होने तुम्हारे कृशकाय शरीर में |
आखिर चौकने की बात तो है बापू ,,आप भी चौंक रहे है और आप के सभी पुजारी भी चौंके है चौंका है ये तुम्हारा पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में आप को मानने वाले चौंके भी है और चौकन्ना भी है |
बापू आप विश्राम करिए ,आप ने बहुत पुरसार्थ पहले ही किया है ,उतार दिए थे अपने महंगे कपडे की जब तक यहाँ सभी के शरीर पर पूरा कपडा नहीं होगा आप एक कपडे में रहेंगे ,,देख रहे होगे आप गरीबी का मजाक उड़ाते लोगो को हर घटे बदलते कपडे और विचार ,,आप हो गए कृशकाय पर नहीं झुके उनके सामने जिनका सूरज नहीं डूबता था बल्कि उनके सूरज को पच्छिम में जाकर डूब जाने को मजबूर करा दिया ,,चाहे किसी से मिले या कही भी गए अपनी वेश भूषा में गए और अपनी शर्तो पर मिले पर तुमारी ये खुद्दारी कही दम तोड़ती दिख रही है |
पूरी दुनिया में तुम्हे सिखा दिया अहिंसा का मंत्र और हिसक लोग तुम्हे खिलौना बना कर खेलने की कोशिश कर रहे है | तोड़ दी आप ने देशो की सीमाए मानवता के सवाल पर, पर मानवता को कुचल देने का पूर्ण इरादा रखने वाले आप की भावना का मजाक उडा रहे है | आप ने लिख लिख कर जगा दिया था देश को और भगा दिया था आज़ादी के दुश्मनों को और आज लिख और बोल बोल कर लोग आप की दी गयी आज़ादी और लोकतंत्र को ग्रहण लगा रहे है |
हाँ बापू हमें याद है हमारा नारा ;;बापू हम शर्मिंदा है तेरे हत्यारे जिन्दा है ;; पर क्या करे भावनाओ में बहने वाला ये देश कभी कभी १९४७ की तरह की अफवाहों और भावनाओ में बह जाता है ,,फिर जब भी जाता है और सुधार देता है अपनि भूल को और पश्चाताप कर लेता है और फिर मजबूत हो जाता है आप का देश ,आप की दी गयी आज़ादी ,आप के सपने का लोकतंत्र ,और मानवता | पर बापू बीच बीच में ग्रहण लगता रहता है आप के प्यारे हिन्दोस्तान को | हम शर्मिंदा है बापू इस बार बार लगने वाले ग्रहण के लिए | बापू फिर भी हम आप को प्रणाम करते है आप को आप के जन्मदिन पर और बस विश्वास ही दिला सकते है की आप ने अकेले इतना बड़ा साम्राज्य पलट दिया था तो अब तो आप के मानने वालो की बहुत तादात है |
आप बस देखते रहो अपनी बेचैनी छोड़ कर हम पहरेदार बन कर खड़े है और आप के  प्यारे देश को अब गुलाम नहीं होने देंगे और दुबारा आप की हत्या नहीं होने देंगे वो चाहे किसी भी तरह करने को कोशिश हो रही हो ? आप के हत्यारे पहचाने हुए है और हमारी निगाह में है | हमें याद है आप का नारा करो या मरो ,,हमें याद है आप का भजन और उसका मर्म ;इश्वर अल्ला तेरो नाम ;; अगर भेष और भाषा बदल कर कोई साजिश भी हो रही है तो उसे हम सफल नहीं होने देंगे बापू | हम खुर्दबीन से देख रहे है गोलवलकर की किताब का भाष्य कहा कहा हो रहा है और उसका रास्ता कहा तय हो रहा है ,,हम ढूढ़ रहे है वो पुस्तके जिनमे तुम्हे हर मारा गया हाउ बापू |
आप विश्राम करिए बापू हम खड़े है उसी तरह जिस तरह गरीब का बेटा खड़ा है सरहद पर की आप के दुश्मनों की फ़ौज चाहे कितना भ्रस्ताचार कर रही है और भर्स्ट व्यापर कर रही है पर वो खड़ा है की बापू के देश पर कोई गन्दी निगाह न पड़े | हम हम खड़े है बापू | हम हम समझ रहे है की हत्यारों के परिवारी जानो द्वारा आपकी तरफ बढ़ना आप को सचमुच बहुत बेचैन किये है पर बापू आप तो अनंत शक्तियों के मालिक हो तभी तो ये पूरी कोशिश कर भी महज आप के शरीर को मार पाए |  कहा मार पाए आप को | आप तो खड़े हो विचारो के साथ पूरी दुनिया में ,जिधर भी ये जाते है आप खड़े दिखाते हो और जिसके यहाँ भी जाते है वो बस आप की ही चर्चा करता है और आप की याद पर जाने को मजबूर करता है | क्या बीतती होगी इन पर बापू ये तो उसी क्षण बिना मौत ही मर जाते होंगे अपनी निगाह में ,अपने दिल में ,| बापू मजबूर हो गए है ये और इनके परिवारी जन आप की तरफ बढ़ने को दुनिया के सामने शर्मिंदगी से बचने को जब तक ये उतने शक्तिशाली न हो जाये की हर इन्सान के दिल से ,देश के कोने कोने से और दुनिया के चप्पे चप्पे से आप को मिटा न दे और ये मुझे तो संभव नहीं दिखता इसलिए बापू अपने विचारो की ताकत पर भरोसा कर आप विश्राम करिए और आपकी आभा पर विश्वास कर हम भी बैठ जाते है पर आँखे खोले हुए और हर पल चौक्कना इनके वार से आप को बचने के लिए |
अच्छा बापू हमें माफ़ करना अब तक के लिए की ३० जानवरों १९४८ को आप से किया वादा हम पूरा नहीं कर पाए की आप की हत्या करने वाली विचारधारा को अब सर नहीं उठाने देंगे | लेकिन हमें और शर्मिदा तो आप नहीं देखना चाहेंगे इसलिए हम पर विश्वास करते हुए अपने जन्मदिन को मनाने दीजिये और आप भी जन्मदिन पर हमरा कृतघ्न प्रणाम स्वीकार करिए बापू |
इन्सान का इन्सान से हो भाईचारा ,यही पैगाम तुम्हारा | तुम्हारे प्रिय नेता जी का नारा ;जय हिन्द |

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